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Nandita Mahtani hosts a birthday party for Tusshar Kapoor

http://www.sakshatkar.com/2017/11/nandita-mahtani-hosts-birthday-party.html

आजतक के क्राइम रिपोर्टर कमल की मौत

कमल शर्मा को सिर्फ क्राइम रिपोर्टर कहना उचित न होगा. उन्हें जानने वाले लोग उन्हें 'दिल्ली की क्राइम रिपोर्टिंग का बादशाह' कहते थे. ब्रिलियेंट. लेबोरियस. चौबीसों घंटे चौकन्ने. कोई छुट्टी नहीं. खबर आते ही स्पाट पर. खबर मिलते ही आफिस में. ऐसे कमल शर्मा हमारे बीच नहीं रहे. कहने वाले कहते हैं कि अतिशय काम, अतिशय तनाव, अतिशय मोबाइल पर बातचीत से वे न्यूरो प्राब्लम के शिकार हो गए थे. पिछले कई महीनों से उनका इलाज चल रहा था.
आज कमल की मौत हो गई. दो साल पहले ही कमल की शादी हुई. उनकी उम्र 37 वर्ष के आसपास थी. कमल के दो भाई भी मीडिया में हैं. डीके शर्मा आजतक में ही कैमरामैन हैं. दूसरे भाई उमेश शर्मा सीएनबीसी में कैमरामैन हैं. कमल आजतक में लंबे समय से थे. रामकृपाल सिंह के साथ कुछ वक्त के लिए वायस आफ इंडिया आ गए थे. रामकृपाल ने वीओआई छोड़ा तो कमल वापस आजतक में लौट गए. उन्हें आजतक की क्राइम रिपोर्टिंग का बैकबोन माना जाता था. आजतक से पहले कमल नवभारत टाइम्स, दिल्ली के क्राइम प्रभारी हुआ करते थे. नभाटा के क्राइम हेड के बतौर भी कमल का पूरे दिल्ली में जलवा होता था. उन्हें पुलिस विभाग के चपरासी से लेकर बड़े से बड़ा अफसर जानता पहचानता था.
बीमार कमल शर्मा अपने आखिरी दिनों में कहा करते थे कि ''बीमार पड़ा तो पता चला कि मेरा भी परिवार है।'' इस वाक्य से इस आदमी के काम प्रति जुनून को समझा जा सकता है. कुछ लोगों का कहना है कि बाइक का शौक कमल को था. फोन बहुत आते थे उन्हें. वे अक्सर बाइक चलाते हुए एक कान से फोन दबाए बात करते रहते थे. संभवतः इसी से दिमाग में कोई दिक्कत आ गई, कोई नस दब गई. न्यूरो प्राब्लम होने से उनका स्वास्थ्य बिगड़ने लगा. वे छुट्टी पर रहने लगे. ठीक होते तो आफिस आ जाते. खबर को लेकर पागलपन सवार रहता था. छुट्टी में भी खबर पता चलते ही वे आफिस पहुंच जाया करते थे.
साभार - भड़ास ४ मीडिया .कॉम

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