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Nandita Mahtani hosts a birthday party for Tusshar Kapoor

http://www.sakshatkar.com/2017/11/nandita-mahtani-hosts-birthday-party.html

''खानसामे और चपरासी से ज्‍यादा नहीं है दूरदर्शन के पत्रकारों की हैसियत''


दूरदर्शन के महानिदेशक त्रिपुरारी शरण की नजर में डीडी न्‍यूज में काम करने वाले तीन सौ से ज्‍यादे अनुबंधित पत्रकार एवं कर्मचारियों की हैसियत उनके खानसामे और चपरासी से ज्‍यादा नहीं है. बिहार कॉडर का यह आईएएस हाल ही में दूरदर्शन के डीजी का पद संभाला है. उन्‍होंने शांतिपूर्ण तरीके से अपनी कई मांगों को लेकर विरोध जता रहे कर्मचारियों को दो घंटे के भीतर बाहर का रास्‍ता दिखा देने की धमकी भी दी.
कला समीक्षक तथा संवेदनशील माने जाने वाले त्रिपुरारी शरण का शायद यह दूसरा या असली चेहरा था. अपनी वेतन वृद्धि, मातृत्‍व अवकाश जैसी जेन्‍यूइन मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे तथा ब्‍लैक फ्राइ डे मना रहे दूरदर्शन के कर्मचारियों के डेलिगेशन को मीटिंग के लिए बुलाया था. शाम चार बजे बुलाई गई इस मीटिंग में त्रिपुरारी शरण ने प्रतिनिधिमण्‍डल में शामिल लोगों को सीधी धमकी दी. यह सब ड्रामा बंद करो तब बातचीत के बारे में सोचा जाएगा अन्‍यथा दूरदर्शन से बाहर करने में मुझे दो घंटे भी नहीं लगेंगे.
उन्‍होंने प्रतिनिधिमण्‍डल के लोगों को बेइज्‍जत करने के अंदाज में कहा कि तुम जर्नलिस्‍ट लोग और मेरा खानसामा दोनों एक ही प्‍लेटफार्म पर हो, जब चाहे बाहर का रास्‍ता दिखाया जा सकता हैं. तुम लोगों को जितनी सेलरी दी जा रही है बहुत है. कल मेरा चपरासी आकर कहे कि साहब मैं बहुत टैलेंटेड हूं मेरी सेलरी बढ़ा दी जाए तो क्‍या मैं उसकी सेलरी बढ़ा दूंगा. जब प्रतिनिधि मण्‍डल के लोगों ने कहा कि महिलाओं को मैट‍रनिटी लीव नहीं मिलती है इस पर डीजी महोदय के मुंह से बोल ही नहीं फूटे.
डीजी ने ये भी कहा कि तुम सभी को एक साथ बाहर निकाल कर भी काम चलवा सकता हूं, बी कटेगरी के बहुत लोग हैं, जो चैनल चला सकते हैं. नाटक बंद करके अपना काम करो, बाद में कुछ सोचा जाएगा. कुछ बेहतर की उम्‍मीद में गए पत्रकारों को इससे काफी निराशा हाथ लगी. सूत्रों ने बताया कि त्रिपुरारी शरण ने प्रतिनिधि मण्‍डल के साथ बहुत ही रुड और अहंकारी तरीके से बात किया.  बातचीत के दौरान वे टेबल पर ही पैर रखे रहे जबकि वहां खड़े प्रति‍निधिमण्‍डल में तीन महिला सदस्‍य भी शामिल थीं.
डीजी से मिलकर बाहर आए सदस्‍यों ने सभी के सामने पूरी बात रखी तथा आंदोलन करने ना करने को लेकर राय मांगी. सभी पत्रकारों एवं कर्मचारियों ने संघर्ष जारी रखने की बात कही. गौरतलब है कि दूरदर्शन के सभी अनुबंधित कर्मचारी काफी शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से अपना आंदोलन चला रहे हैं. कर्मचारियों ने कभी भी दूरदर्शन के प्रसारण ठप करने या किसी गतिविधि को रोकने की कोशिश अब तक नहीं की है. बावजूद इसके उनकी बात नहीं सुनी जा रही है.
दूरदर्शन के अनुबंधित पत्रकार तथा अन्‍य कर्मचारियों का तीन साल से वेतन नहीं बढ़ाया गया है. कर्मचारी वेतन में बढ़ोत्‍तरी तथा बासिल तथा प्रसार भारती के जरिए नियुक्‍त होने वालों कर्मचारी को मिलने वाली सुविधाएं एक जैसी करने की मांग कर रहे हैं. गौरतलब है कि डीडी न्‍यूज में लगभग 350 अनुबंधित कर्मचारी कार्यरत है. इन्‍हें सरकार की तरफ से चिकित्सा/जीवन बीमा जैसी सामाजिक कल्याण योजना की एक भी सुविधा उपलब्‍ध नहीं है. सरकारी नियंत्रण वाले संस्थान में कार्यरत होने के बावजूद इन्‍हें पीएफ का लाभ नहीं दिया जाता है. महिला कर्मचारियों को मातृत्व लाभ और प्रसव के दौरान किसी भी तरह की छुट्टी का प्रावधान नहीं है.
अब आसानी से समझा जा सकता है कि जब सरकारी नियंत्रण वाले संस्‍थान में पत्रकारों के साथ ऐसा व्‍यवहार हो रहा है तब निजी संस्‍थानों में कार्यरत पत्रकारों को किन स्थितियों-परिस्थितियों का सामना करना पड़ता होगा. दूरदर्शन के कर्मचारी अब प्रसार भारती अध्‍यक्ष मृणाल पाण्‍डेय तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्री से मुलाकात कर अपनी समस्‍याओं को उनके समक्ष रखने की तैयारी कर रहे हैं.
Sabhar;- Bhadas4media.com

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