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Nandita Mahtani hosts a birthday party for Tusshar Kapoor

http://www.sakshatkar.com/2017/11/nandita-mahtani-hosts-birthday-party.html

गजब की याददाश्त, सिर्फ 1 घंटे में सुनाता है 1125 मोबाइल नंबर

कोटा.एक घंटे में 10 डिजिट वाले 1125 मोबाइल नंबरों को वह उल्टे-सीधे दोनों क्रम में धाराप्रवाह बोलकर सुना देता है। ये मोबाइल नंबर कोई भी हो सकते हैं। 2 नवंबर, 2011 को विजयवाड़ा (आंध्रप्रदेश) में मेमोरी विजन के एक समारोह में उसने यह उपलब्धि हासिल की। इसी माह लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड के एडिटर विजय घोष ने उसे नेशनल रिकॉर्ड, 2013 का सर्टिफिकेट जारी किया।


आंध्रप्रदेश के निशांत कुमार ने 1 घंटे में 840 नंबरों को याद करके लिम्का रिकार्ड बनाया था, जिसे राजवीर ने तोड़ा है। उसने बताया कि ये रिकॉर्ड कैसे बनते हैं।

12वीं क्लास तक यह पता नहीं था, इसीलिए उसने वीआईटी, वेल्लोर में एडमिशन लिया, अभी वह बीटेक बायोटेक्नोलॉजी फाइनल ईयर का स्टूडेंट है। वह इंडियन फॉरेन सर्विसेज में सलेक्ट होकर देश के लिए कुछ करना चाहता है।

जब पीएमटी में सलेक्शन नहीं हुआ

सवाईमाधोपुर जिले के छोटे से गांव मोहचा के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाला राजवीर बचपन से ही पढ़ने में बहुत फिसड्डी रहा, उसने बताया कि, मैं कक्षा-5 तक सेकंड व थर्ड डिवीजन पास होता था।

उसके पिता धमेंद्र सिंह मीणा रेलवे में हैं। बाद में कोटा आकर 2 साल पीएमटी की तैयारी की, लेकिन सलेक्शन नहीं हो सका। उसे थ्योरी कभी समझ में नहीं आती थी। 2006 में मेमोरी गुरु कृष्ण चहल की एक घंटे की एक सेमीनार के बाद उसने ठान लिया कि वह भी कुछ नया करके दिखाएगा।

बस यहीं से 100 नंबरों की सीक्वेंस को याद करने के लिए उसने हजारों ट्रिक्स तैयार कर ली और प्रैक्टिस करता रहा। 3 साल की कड़ी मेहनत के बाद वह रिकॉर्ड तोड़ने में सफल रहा।

40 हजार पाई डिजिट भी कंठस्थ

साइंस के स्टूडेंट पाई के मान 3.14 के बाद कुछ ही डिजिट आसानी से याद रख पाते हैं, लेकिन राजवीर 3.14 के बाद आने वाले 40 हजार जटिल अंकों को कैलकुलेटर की तरह धाराप्रवाह सुना देता है। इसमें भी वह लिम्का रिकॉर्ड से कुछ ही दूर है। मेमोरी गुरु कृष्ण चहल के नाम 43 हजार अंकों का रिकॉर्ड दर्ज है, जिसे वह जल्द ही तोड़ना चाहता है।

सिलेबस को रिकॉल करने का फॉर्मूला

आईआईटी-जेईई, एआई ट्रिपल ई या प्री मेडिकल की तैयारी करने वालों को ऑर्गेनिक केमिस्ट्री के रिएक्शन, वैज्ञानिकों के नाम या फार्मूला याद करने में कई महीने लग जाते हैं, वे इन्हें रटकर याद करते हैं, जिसे परीक्षा में भूलने पर गलती कर बैठते हैं।

एलेन के निदेशक बृजेश माहेश्वरी का कहना है कि भविष्य में राजवीर के फॉर्मूला व ट्रिक्स से छात्रों को ऑब्जेक्टिव सवालों को हल करने में मदद मिल सकती है जिससे उनका कीमती समय बचेगा और औसत छात्रों के चयन के अवसर भी बढ़ जाएंगे
sabhar:- Bhaskar.com

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