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Nandita Mahtani hosts a birthday party for Tusshar Kapoor

http://www.sakshatkar.com/2017/11/nandita-mahtani-hosts-birthday-party.html

ट्रेनी लड़कियों को खाना बनाने के लिए घर बुलाता है डीएनई


 कानाफूसी : किस्सा कोई दस-बारह दिन पुराना है। कुछ बरस पहले लांच हुए हिंदी अखबार की हरियाणा की एक यूनिट का एक डीएनई खाना बनवाने के वास्ते आफिस की ट्रेनी लड़कियों को अपने घर बुलाता है। वैसे तो डीएनई साहब खबरों से ज्यादा अध्यात्म की बातें करते रहते हैं लेकिन लड़कियों को लेकर थोड़े पजेसिव हैं। बताते हैं कि एक लड़की ने डीएनई के बुलावे को ठुकराकर इस्तीफा दे दिया है। उस ट्रेनी उपसंपादक ने डीएनई के घर जाने के बजाय मामले का खुलासा करते हुए इस्तीफा दे दिया।
माजरा यह है कि इस यूनिट में दो माह पहले भर्ती मेला लगा जिसमें डीएनई भी रिक्रूटमेंट बोर्ड में शामिल थे। इन्होंने काबिलियत को तवज्जो देने के बजाय सुंदरता को चुना। यूनिट में छह-छह हजार की पगार वाली पांच-छह लड़कियों को बतौर ट्रेनी भर्ती कर लिया गया। इसके बाद तो आफिस का माहौल ही बदल गया। सीनियर-जूनियर खुद को सजाने-संवारने में जुट गये, और डीएनई ने दो सुंदर कन्याओं को अपने अगल-बगल बैठाकर संपादकीय के गुर सिखाना शुरू कर दिया। अन्य जूनियर्स पर चीखने-चिल्लाने के लिए कुख्यात डीएनई का यह अवतार देखकर चर्चाओं का बाजार गर्म था।
इसी बीच एक दिन भंडाफोड़ हो गया। यहां की एक एडिशन में काम करने वाली ट्रेनी युवती ने एक अन्य ट्रेनी लड़की को बताया कि डीएनई साहेब उसकी रूम-मेट फलां-फलां दो लड़कियों को घर बुलाते हैं। कहते हैं कि खाना बनाने के लिए आ जाओ, जबकि यूनिट के अधिकांश लोग टिफिन सर्विस लेते हैं, खुद डीएनई भी शाम का भोजन टिफिन वाले से मंगाते हैं, ऐसे में अचानक खाना बनाने के लिए ट्रेनी लड़कियों को घर बुलाने की बात गले नहीं उतरी। न्योता मिलने से परेशान लड़की ने अपनी सहेलियों से पूछा तो बताया गया कि डीएनई साहेब खुश रहेंगे तो छह-आठ महीने में तनख्वाह बढ़ जाएगी। यह बात एक लड़की से होते हुए दूसरी तक और दूसरी से होते हुए तीसरी तक पहुंची।
नई आई लड़कियों के जल्दी प्रमोशन आफर से वह लड़कियां परेशान हो गईं, जो कि इनसे काफी पहले से इस यूनिट में घिसट रही थीं। उन्होंने पूर्व में इस यूनिट में डीएनई की शिकार बन चुकी अन्य लड़कियों का हवाला देते हुए नई लड़कियों को डीएनई के जाल में फंसने से बचने की सलाह दी। कुछ नई लड़कियों ने डीएनई को अखबार की लड़कियों के बीच चल रही किचकिच के बारे में बता दिया तो डीएनई ने नई लड़कियों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। इसका नतीजा यह हुआ कि एक दिन आफिस में बात लीक हो गई कि डीएनई अपने घर में लड़कियों को बुलाता है।
डीएनई ने बात दबाने के लिए धमकाना चाहा, कैंटीन में लड़कियों को बटोरकर समझाया, बताया कि डीएनई की साथ नाम जुड़ना तो गर्व की बात है, लड़कियों को परेशान होने की जरूरत नहीं, लेकिन जुगत काम नहीं आई। अगले दिन एक ट्रेनी उपसंपादक ने इस्तीफा देकर खुद को इस दलदल से अलग कर लिया। अब स्थिति यह है कि इस यूनिट में कोई भी लड़की काम करने को तैयार नहीं। बताते हैं कि डीएनई खुद भी कई अन्य अखबारों में नौकरी मांग रहे हैं।
Sabhar:- Bhadas4media.com

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