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Nandita Mahtani hosts a birthday party for Tusshar Kapoor

http://www.sakshatkar.com/2017/11/nandita-mahtani-hosts-birthday-party.html

पाकिस्तान के हिंदुओं का मायावती को पैगाम



दिनेश चंद्र मिश्र- Roamingjournalist.blogspot.com -
लखनऊ। पाकिस्तान के हिंदुओं ने प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती को एक पैगाम भेजा है। इस पैगाम में पाक के दलितों के दर्द संग मदद की गुहार की आस भी है। यह पैगाम हिंदुओं के भलाई के लिए काम करने वाली पाकिस्तान हिंदू समिति(पीएचएस)ने भेजा है। पीएचएस के पैगाम में पाकिस्तान के दलितों के उत्पीडऩ की नहीं बल्कि मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार स्थल की बदहाली की कहानी है। पीएचएस को आस है कि मायावती ने दलितों के लिए जिस तरह उत्तर प्रदेश में ढेरों योजनाएं चलाई उसी तरह पाकिस्तान के हिंदू दलितों के अंतिम संस्कार स्थल के पुर्ननिर्माण के लिए मदद करेंगी। बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो व प्रदेश की मुख्यमंत्री को पीएचएस की ओर से भेजे गए पैगाम में कराची शहर में मौजूद दलितों के अंतिम संस्कार स्थल की बदहाली का जिक्र करते हुए वहां की एक फोटो भी भेजी गयी है। इस फोटो को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि दलितों के अंतिम संस्कार स्थल किस हाल में है। कराची में हिंदुओं के अंतिम संस्कार के लिए तीन स्थान हैं, इसमें से एक दलितों का प्राचीन कब्रिस्तान है। जंगली झाडिय़ों से घिरे अंतिम संस्कार स्थल में कचरा भरमार होने से अंतिम यात्रा में शामिल होने वाले लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। आवारा जानवरों की भरमार के साथ शव को दफनाने की कोई व्यवस्था नहीं है। हिंदू दलितों की संख्या पाकिस्तान में ज्यादा है। इसमें अंतिम विश्राम के लिए यही शवों को लाया जाता है। इस अंतिम संस्कार स्थल में मारवाड़ी, मद्रासी, मराठा के साथ सिखों को भी लाया जाता है। हजारों हिंदुओं की कब्रों के होने के बाद रखरखाव की व्यवस्था न होने के कारण टूटी दीवार के चलते नशेडिय़ों का अड्ïडा भी यह स्थान बना है। अंतिम यात्रा के लिए आने वाले लोगों को यहां भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, क्योंकि कोई भी सुविधा नहीं है। अंतिम संस्कार स्थल पर कब्र खोदने का काम करने वाले सुहेल अहमद ने पाकिस्तान हिंदू
समिति से संपर्क करने के बाद इसके पुर्ननिर्माण की गुजारिश की। पीएचएस के पदाधिकारी वहां जाकर देखे तो सुविधाओं के नाम पर सन्ï 1984 से एक कोने में एक टूटी हुई बेंच भर है, जो श्री महाराष्ट्र पंचायत द्वारा दान किया गया  है। दिन में आने वाले शवों को किसी तरह तो दफना दिया जाता है लेकिन रात में आने वाले शवों को दफनाने के लिए बिजली तक की व्यवस्था न होने से मशाल का सहारा लेना पड़ता है। पीएचएस से जुड़े कालिदास ने कहा कि इसके पुर्ननिर्माण और सुविधाओं के लिए पाकिस्तान सरकार के पास 18.5 लाख रुपए का प्रोजेक्ट सालों से लंबित पड़ा है। इस धनराशि के न मिलने के कारण सडक़, बिजली जैसी मामूली सुविधाएं भी अंतिम संस्कार स्थल पर नहीं मिल पा रही है। कराची में तीन अंतिम संस्कार स्थलों में से एक ऊंची जातियों के लिए आरक्षित है। हिंदू दलितों के इस अंतिम संस्कार स्थल की साफ-सफाई के लिए पाकिस्तान हिंदू सेवा के कल्याण संगठन के स्वयंसेवकों ने एक दिन सफाई दिवस का आयोजन किया। पीएचएस ने ङ्क्षहदू दलितों के इस अंतिम संस्कार स्थल के पुर्ननिर्माण के लिए प्रदेश की मुख्यमंत्री को ई-मेल से खत भेजने के साथ इस सोशल
नेटवर्किंग साइट्ï पर रोमिंग जर्नलिस्ट के नाम से मौजूद खबरनवीस को भी इसकी कापी भेजी है। इस खत में बसपा सुप्रीमो से मदद की गुहार लगाई गई है ताकि हिंदू दलितों के अंतिम संस्कार के वक्त जो बदइंतजामी है, उसको खत्म किया जा सके।
दलित चिंतक व प्रमुख साहित्यकार मुद्राराक्षस का कहना है जिस तरह हिंदुस्तान में भेदभाव है, उसी तरह पाकिस्तान में भी स्थिति है। भेदभाव मनुष्य का स्वभाग है। वहां भी सामाजिक परिवर्तन के प्रयास चल रहे हैं, काफी लोग लगे हैं, खासकर महिलाओं की अच्छी-खासी संख्या है। पाकिस्तान में हिंदू दलितों के अंतिम संस्कार स्थल की दुर्दशा की जो कहानी सामने आयी है, वह पीड़ादायक है। हर जगह भेदभाव मुनुष्य का स्वभाव है। इस मामले में भारत सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए।  बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में अनुसूचित जाति व जनजाति छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष व युवा दलित चिंतक डा.प्रमोद कुमार का कहना पाकिस्तान की जो सामाजिक संरचना है वह हिंदुस्तान से अलग नहीं है। हिंदुस्तान में दलितों को मुख्य धारा में लाने के लिए संविधान निर्माता डा.भीम राव अंबेडकर ने जो पहल की है, उसे आज  यूपी की मुख्यमंत्री मायावती जी जो आगे बढ़ाई उसके कारण सामाजिक सोच में परिवर्तन हुआ। पाकिस्तान में आजादी के बाद ऐसी कोई पहल नहीं हुई, जिसके कारण हिंदू दलितों की बात हो या समग्र हिंदू समाज की दयनीय स्थिति है। वहां हिंदू  समाज के सामाजिक सरोकार की सुधबुध सरकार नहीं लेती। पाकिस्तान हिंदू समिति ने जो पैगाम मुख्यमंत्री जी को भेजा है, उस पर उनको गंभीरता से विचार करना चाहिए।

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