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Nandita Mahtani hosts a birthday party for Tusshar Kapoor

http://www.sakshatkar.com/2017/11/nandita-mahtani-hosts-birthday-party.html

अगर आतंकवादी हैं पत्रकार काज़मी तो क्यों नही कार्रवाई करती पुलिस?: डीयूजे


दिल्ली यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट (डीयूजे) के महासचिव एसके पाण्डेय ने मांग की है कि पत्रकार सैयद मोहम्मद अहमद काज़मी को जमानत पर रिहा किया जाए।
काज़मी दिल्ली में एक ईरानी समाचार एजेंसी के लिए काम करते थे और माना जाता है इसराइल-फलस्तीन मामलों पर लिखते हुए उनके विचार अक्सर इसराइल के खिलाफ़ रहे हैं। पीआईबी से कई वर्षों पहले से मान्यता प्राप्त इस पत्रकार को 7 मार्च को जोरबाग के पास बी के दत्त कॉलोनी स्थित उनके आवास से हिरासत में ले लिया गया था। गिरफ़्तारी के बाद एक निचली अदालत ने उन्हें 20 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया।
”अगर पुलिस के पास काज़मी के खिलाफ सबूत हैं तो जल्द से जल्द चार्जशीट दायर की जाए या फिर उन्हें छोड़ा जाए। पुलिस को मीडिया में काजमी की छवि पर उंगली नहीं उठानी चाहिए। उनके संदर्भ में पुलिस को बाकायदा प्रेस नोट जारी करने चाहिए।” पाण्डेय ने मीडिया दरबार से कहा।
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में डीयूजे द्वारा आयोजित संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि जांच निष्पक्ष व हर स्तर पर पारदर्शी होनी चाहिए। काज़मी की गिरफ्तारी से पत्रकार आहत हैं, इसे मीडिया व अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमले के रूप में देख रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यह जाहिर है कि काज़मी पुलिस के साथ भरपूर सहयोग कर रहे हैं। ऐसे में उन्हें पुलिस कस्टडी में रखना उन्हें और उनके परिवार के लिए पीड़ायादक है। वरिष्ठ पत्रकार सईद नकवी ने कहा कि मोहम्मद काज़मी को जबरदस्ती फंसाया गया है। यह हम सभी पत्रकारों पर हमला है।
”हम यहां किसी हिंदू या मुस्लिम के रूप में नहीं आए हैं। हम सभी पत्रकार हैं और यह एक पत्रकार की गिरफ्तारी और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मामला है,” नकवी ने कहा। नकवी के मुताबिक यह एक दुखद घटना है कि विदेशी मामलों, कई भाषाओं के जानकार और वर्षो से पीआईबी के मान्यताप्राप्त पत्रकार को इस तरह गिरफ़्तार करना कहीं से उचित नहीं है।
संवाददाता सम्मेलन में भावुक हो मोहम्मद अहमद काजमी के बेटे शोजब काजमी रो पड़े। उन्होंने कहा कि मेरे पिता नेशनल हीरो हैं। वे इराक युद्ध कवर करने गए थे और भारत का नेतृत्व किया था। स्पेशल सेल और पुलिस ने मुझसे और मेरे पिता से जबरदस्ती कागजों पर दस्तखत कराए।
स्कूटी के मामले में शोजब ने कहा, ”यह मेरे अंकल की स्कूटी है। जब अंकल मेरठ से दिल्ली इलाज कराने आए थे तो उन्होंने खरीदी थी ताकि एम्स तक आसानी से आ-जा सकें। स्कूटी काफी समय से चलाई भी नहीं गई थी। पुलिस ने उसके कागज भी हमसे जबरदस्ती ले लिए हैं। पुलिस ने मेरे साथ दुर्व्यवहार कर अपशब्द भी कहे।
Sabhar:- Mediadarbar.com”

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