मध्यप्रदेश के वन मंत्री सरताज सिंह ने कहा कि वनों में रोजगार की अत्यधिक सम्भावनाएं हैं। ईको पर्यटन से ही हजारों युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिल सकता है।
वन मंत्री ने कल स्थानीय समुदायों के लिये ईको पर्यटन प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर कहा कि वन क्षेत्रों के युवाओं को रोजगार दिलाना प्राथमिकता है। आज के व्यवस्तता भरे जीवन में लोग जंगल, गाव और आदिवासियों के बीच कुछ समय बिताना चाहते हैं। ऐसे पर्यटकों की देखभाल/सेवा-सुविधा सम्बन्धी रोजगार की प्रदेश में काफी सम्भवनाएं है। प्रदेश में ईको पर्यटन क्षेत्र में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिये पहली बार स्थानीय युवाओं का प्रशिक्षण शुरू कर रहे हैं। आने वाले दो साल में इस के प्रभावी परिणाम मिलेंगे। प्रशिक्षित युवा कार्य अनुभव से भविष्य में अच्छे वेतन पर बड़े संस्थानों में रोजगार पा सकेंगे। उन्होंने कहा कि ईको पर्यटन के बढ़ने से ग्राम स्तरीय कुटीर उद्योग भी पनपेंगे।
अपर मुख्य सचिव वन श्री एम.के. राय ने कहा कि मध्यप्रदेश के जंगल में आने वाले पर्यटकों के लिये आवश्यक सेवा/सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिये स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। इससे उन्हें स्थानीय स्तर पर ही रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही, विद्यार्थियों को भी प्रशिक्षण दिया जायेगा ताकि उन्हें जगल की जानकारी हो और उनका प्रकृति के प्रति प्रेम और लगाव बढ़े। प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ. पी.के. शुक्ला ने कहा कि प्रदेश में ईको पर्यटन के प्रति पर्यटकों की रूचि बढ़ रही है। ईको पर्यटन स्थलों पर आवश्यक सेवा/सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिये यह प्रशिक्षण कार्यक्त्रम स्थानीय युवओं के लिये शुरू किया गया है। इससे पर्यटक सुविधाओं का स्तर बढ़ेगा और युवाओं को रोजगार मिलेगा।
ईको पर्यटन बोर्ड के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ। ए.के. भट्टाचार्य ने प्रशिक्षण कार्यक्त्रम की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रत्येक ईको पर्यटन स्थल से 20 युवाओं का चयन किया गया है। इन युवाओं को कैम्प प्रबंधन, आतिथ्य सत्कार, खान-पान व्यवस्था, कुकिंग, प्रकृति विज्ञान, वन्य प्राणी, साहसिक गतिविधिया, नौकायन एवं अन्य पर्यटक सेवाओं का प्रशिक्षण दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि इसके अलावा उच्च शिक्षा विभाग के सहयोग से विद्यार्थियों के लिये ईको कैम्प की शुरूआत भी की जा रही है। नियुक्तियों डॉ भट्टाचार्य ने बताया कि यह प्रशिक्षण राच्य पर्यटन विकास निगम, भारतीय वन प्रबंधन संस्थान, होटल प्रबंधन संस्थान, एप्को एवं अन्य संस्थाओं द्वारा दिया जायेगा। विभिन्न प्रतिष्ठित लॉजेस एवं रिसोर्टस आदि में प्रायोगिक प्रशिक्षण भी दिलाया जाएगा
वन मंत्री ने कल स्थानीय समुदायों के लिये ईको पर्यटन प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर कहा कि वन क्षेत्रों के युवाओं को रोजगार दिलाना प्राथमिकता है। आज के व्यवस्तता भरे जीवन में लोग जंगल, गाव और आदिवासियों के बीच कुछ समय बिताना चाहते हैं। ऐसे पर्यटकों की देखभाल/सेवा-सुविधा सम्बन्धी रोजगार की प्रदेश में काफी सम्भवनाएं है। प्रदेश में ईको पर्यटन क्षेत्र में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिये पहली बार स्थानीय युवाओं का प्रशिक्षण शुरू कर रहे हैं। आने वाले दो साल में इस के प्रभावी परिणाम मिलेंगे। प्रशिक्षित युवा कार्य अनुभव से भविष्य में अच्छे वेतन पर बड़े संस्थानों में रोजगार पा सकेंगे। उन्होंने कहा कि ईको पर्यटन के बढ़ने से ग्राम स्तरीय कुटीर उद्योग भी पनपेंगे।
अपर मुख्य सचिव वन श्री एम.के. राय ने कहा कि मध्यप्रदेश के जंगल में आने वाले पर्यटकों के लिये आवश्यक सेवा/सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिये स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। इससे उन्हें स्थानीय स्तर पर ही रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही, विद्यार्थियों को भी प्रशिक्षण दिया जायेगा ताकि उन्हें जगल की जानकारी हो और उनका प्रकृति के प्रति प्रेम और लगाव बढ़े। प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ. पी.के. शुक्ला ने कहा कि प्रदेश में ईको पर्यटन के प्रति पर्यटकों की रूचि बढ़ रही है। ईको पर्यटन स्थलों पर आवश्यक सेवा/सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिये यह प्रशिक्षण कार्यक्त्रम स्थानीय युवओं के लिये शुरू किया गया है। इससे पर्यटक सुविधाओं का स्तर बढ़ेगा और युवाओं को रोजगार मिलेगा।
ईको पर्यटन बोर्ड के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ। ए.के. भट्टाचार्य ने प्रशिक्षण कार्यक्त्रम की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रत्येक ईको पर्यटन स्थल से 20 युवाओं का चयन किया गया है। इन युवाओं को कैम्प प्रबंधन, आतिथ्य सत्कार, खान-पान व्यवस्था, कुकिंग, प्रकृति विज्ञान, वन्य प्राणी, साहसिक गतिविधिया, नौकायन एवं अन्य पर्यटक सेवाओं का प्रशिक्षण दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि इसके अलावा उच्च शिक्षा विभाग के सहयोग से विद्यार्थियों के लिये ईको कैम्प की शुरूआत भी की जा रही है। नियुक्तियों डॉ भट्टाचार्य ने बताया कि यह प्रशिक्षण राच्य पर्यटन विकास निगम, भारतीय वन प्रबंधन संस्थान, होटल प्रबंधन संस्थान, एप्को एवं अन्य संस्थाओं द्वारा दिया जायेगा। विभिन्न प्रतिष्ठित लॉजेस एवं रिसोर्टस आदि में प्रायोगिक प्रशिक्षण भी दिलाया जाएगा
साभार :(दैनिक जागरण,भोपाल,28।10.2010)।
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