
जानी -मानी लेखिका अरुंधती रॉय अक्सर विवादों में घिरी रहती है । इस बार दंतेवाडा में हुये नक्सली हमले के बाद खुल कर बोली । मुंबई में बार ' द वॉर ऑन पीपुल ' विषय पर आयोजित सेमिनार में अरुंधती रॉय ने कहा की वे हिंसा का समर्थन नहीं करती है लेकिन ,अब गाँधीवादी मूल्यों के अनुसार लड़ाई नहीं लड़ी जा सकती है . एक ओर वह हिंसा का समर्थन भी नहीं करती और दूसरी ओर गांधीवादी तरीके की आलोचना भी कर रही है . यह कैसा तरीका है । अरुंधती राय ने कहा ,यदि सरकार उन्हें गिरफ़्तार करना चाहती है तो बेशक कर सकती है लेकिन वे अपने विचारों से पीछे से सहमत है ।
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