पत्रकारों की मान्यता खत्म नहीं कर सकती सरकार : हाईकोर्ट की लखनऊ खण्डपीठ ने एक आदेश में कहा है कि प्रजातंत्र में मीडिया का महत्वपूर्ण योगदान है, मीडिया चौथा स्तम्भ है इसलिए सरकार ऐसा आदेश-शासनादेश जारी नहीं कर सकती जिससे मीडिया पर दबाव पड़े या मीडिया के अस्तित्व पर खतरा हो। पीठ ने कहा कि पत्रकारों को मान्यता देने वाली समिति के आदेश को राज्य सरकार या सूचना निदेशक छीन नहीं सकते, न ही समिति के बिना किसी पत्रकार की मान्यता खत्म की जा सकती है।
पीठ ने एक स्थानीय समाचार पत्र जदीद अमल के पत्रकार सच्चिदानन्द गुप्त का सरकारी आवास खाली कराये जाने तथा मान्यता को समाप्त किये जाने वाले आदेश पर रोक लगा दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति देवी प्रसाद सिंह व न्यायमूर्ति वाई.के. संगल की अवकाशकालीन पीठ ने याची सच्चिदानन्द गुप्त की आ॓र से प्रस्तुत याचिका पर दिये हैं। याची का आरोप था कि मान्यता प्राप्त पत्रकार होने के नाते उनको आवंटित सरकारी आवास खाली कराया जा रहा है तथा पूर्व में उनकी मान्यता भी समाप्त की जा चुकी है। यह भी कहा गया कि राजनीतिक दुर्भावनावश सरकार आवास खाली करा रही है। पीठ ने सुनवाई के बाद सरकार व सूचना निदेशक से जानकारी मांगी है कि मान्यता प्राप्त पत्रकारों को दिये गये आवास आदि से सम्बन्धित ब्यौरा भी आगामी सुनवाई की तिथि पर पीठ के समक्ष प्रस्तुत करें। (साभार : राष्ट्रीय सहारा)
पीठ ने एक स्थानीय समाचार पत्र जदीद अमल के पत्रकार सच्चिदानन्द गुप्त का सरकारी आवास खाली कराये जाने तथा मान्यता को समाप्त किये जाने वाले आदेश पर रोक लगा दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति देवी प्रसाद सिंह व न्यायमूर्ति वाई.के. संगल की अवकाशकालीन पीठ ने याची सच्चिदानन्द गुप्त की आ॓र से प्रस्तुत याचिका पर दिये हैं। याची का आरोप था कि मान्यता प्राप्त पत्रकार होने के नाते उनको आवंटित सरकारी आवास खाली कराया जा रहा है तथा पूर्व में उनकी मान्यता भी समाप्त की जा चुकी है। यह भी कहा गया कि राजनीतिक दुर्भावनावश सरकार आवास खाली करा रही है। पीठ ने सुनवाई के बाद सरकार व सूचना निदेशक से जानकारी मांगी है कि मान्यता प्राप्त पत्रकारों को दिये गये आवास आदि से सम्बन्धित ब्यौरा भी आगामी सुनवाई की तिथि पर पीठ के समक्ष प्रस्तुत करें। (साभार : राष्ट्रीय सहारा)
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