2013 तक ऑनलाइन एडवरटाइजिंग, न्यूज़पेपर को पीछे छोड़ते हुए एडवरटाइजिंग का दूसरा सबसे बड़ा माध्यम हो जाएगा। आईपीजी मीडिया ब्रांड्स की इकाई, मैग्नाग्लोबल, ने 60 से अधिक देशों के वर्ष 2000 से 2015 के बीच विश्व भर में विज्ञापन पर एक पूर्वानुमान जारी किया है।
मैग्ना ग्लोबल के अध्ययन के अनुसार, विश्व भर में वर्ष 2010 में एटवरटाइजिंग रिवेन्यू में 4.2% की वृद्धि हुई है, जो 377 बिलियन अमेरिकी डॉलर के बराबर है। पूर्व में 2.4% वृद्धि की संभावना व्यक्त की गई थी। वर्ष 2009 की मंदी के कारण, एडवरटाइजिंग में 2008 की अपेक्षा 11.3% की कमी आई थी।
भारत में वर्ष 2010 के दौरान एडवरटाइजिंग इकोनॉमी में 10.4% की वृद्धि हुई है जो स्थानीय मुद्रा में 20,050 करोड़ (4 बिलियन अमेरिकी डॉलर से भी अधिक) है। अगले पांच सालों में हमारा अनुमान है कि भारतीय एटवरटाइजिंग इकोनॉमी में 14.8 % की वृद्धि होगी और यह 2015 तक 11.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो जायेगा।
मैग्ना ग्लोबल के अध्ययन के अनुसार, विश्व भर में वर्ष 2010 में एटवरटाइजिंग रिवेन्यू में 4.2% की वृद्धि हुई है, जो 377 बिलियन अमेरिकी डॉलर के बराबर है। पूर्व में 2.4% वृद्धि की संभावना व्यक्त की गई थी। वर्ष 2009 की मंदी के कारण, एडवरटाइजिंग में 2008 की अपेक्षा 11.3% की कमी आई थी।
भारत में वर्ष 2010 के दौरान एडवरटाइजिंग इकोनॉमी में 10.4% की वृद्धि हुई है जो स्थानीय मुद्रा में 20,050 करोड़ (4 बिलियन अमेरिकी डॉलर से भी अधिक) है। अगले पांच सालों में हमारा अनुमान है कि भारतीय एटवरटाइजिंग इकोनॉमी में 14.8 % की वृद्धि होगी और यह 2015 तक 11.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो जायेगा।
साभार - सामाचार ४ मीडिया.कॉम
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