सुशील गंगवार
भडास ४ मीडिया के बिना पत्रकारिता अधूरी लगती है जब भडास ४ मीडिया पर यशवंत सिंह ने लिखा फिर लौटेंगे छोटे से ब्रेक के बाद तो दिमाग घूम गया , सिंह साहेव लम्बे टूर पर नहीं जा रहे है . । मै हर दिन साईट खोल कर देखता तो वही खबर मिलती थी। ऐसा महसूस हुआ की जिन्दगी थम सी गयी है। किसी ने सही कहा है मीडिया का नशा चिलम के नशे से कम नहीं है . खबरों को अलग अलग साईट पर पढना , विचार मंथन करना और लिखना एक नशा है . भडास ४ मीडिया ने कम समय में मीडिया जगत में अपनी पहचान बनाई है .
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