आईजेयू का सातवां प्लेनम शुरू : हैदराबाद : इंडियन जर्नलिस्ट्स यूनियन का सातवां प्लेनम आज यूनियन के प्रथम सेक्रेटरी जनरल मरहूम कल्याण चौधरी के नाम पर बसाये गए हॉल में हैदराबाद में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन किरणकुमार रेड्डी के उद्घाटन के साथ शुरु हुआ. अपने उद्घाटन भाषण में मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पत्रकारिता के बारे में उठ रहे बहुत सारे सवालों के बीच यह सम्मेलन हो रहा है और आज पत्रकारिता के बीच से ही यह सवाल उठ रहा है कि क्या प्रेस क़ी आज़ादी का मतलब अख़बार मालिकों क़ी आज़ादी है या फिर पत्रकारों क़ी आज़ादी.
आज कहा जा रहा है कि मालिकों ने पत्रकारों और अख़बारों की आज़ादी को मालिकों की आज़ादी का पर्याय बना दिया है. सरकार या सरकारें इस सवाल पर कुछ भी कहने से बचना चाहती हैं. क्योंकि सरकारों के कुछ भी कहने का गलत अर्थ लगाया जा सकता है. कहा जा सकता है कि सरकारें पत्रकारिता कि आज़ादी पर हमला कर रही हैं. बेहतर हो कि इस सवाल पर पत्रकारिता के अंदर में ही स्वस्थ बहस हो. उन्होंने पत्रकारों से यह जरुर कहा कि उन्हें पेज थ्री कि पत्रकारिता से बचना चाहिए और समाज और देश के हितों को ध्यान में रख कर पत्रकारिता करनी चाहिए. आज पत्रकारिता की साख पर जो सवाल उठ रहे हैं उसकी हिफाज़त सिर्फ पत्रकार ही कर सकते हैं. इस अवसर पर बोलते हुए ठसाठस भरे हॉल में पत्रकारों के समूह को संबोधित करते हुए आंध्र प्रदेश विधान परिषद के सभापति ए. चक्रपानी ने भी लगभग इसी आशय का भाषण दिया. उन्होंने कहा आज पत्रकारों और पत्रकारिता के कन्धों पे ये जिम्मेवारी आ गयी है कि वे अपनी साख की रक्षा करें.
आंध्र प्रदेश की सूचना मंत्री डी के अरुणा ने अपने भाषण में पत्रकारों को गरीबों, दलितों, मजलूमों और हाशिये पर पड़े लोगों की आवाज़ बनने की सलाह देते हुए आंध्र प्रदेश सरकार की पत्रकारों के लिए किये गए कार्यक्रमों का परिचय देते हुए कहा कि उन्हें यह जानकर ख़ुशी है कि आंध्र प्रदेश कि सरकार का रिकॉर्ड इस मामले में देश भर में सबसे बढ़िया है. इस सन्दर्भ में उन्होंने पत्रकारों के लिए जारी २.३५ करोड़ की फ्री हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम और २२ हज़ार पत्रकारों को मान्यता देने, ज़रूरतमंद और बुज़ुर्ग पत्रकारों को सहायता और पेंशन तथा गृह आवास देने कि योजनाओं का ज़िक्र किया. उन्होंने दुहराया कि आंध्र प्रदेश का देश के पैमाने पर पत्रकार कल्याण योजनायें चलने के मामले में एक रिकॉर्ड है. अरुणा ने घोषणा की कि सरकार बहुत ज़ल्द ही राज्य और जिलों के स्तर पर मान्यता कमिटियाँ, वेलफेयर फंड कमिटियाँ, त्रिपक्षीय कमिटियाँ और पत्रकरों के मामले कि तुरत जाँच के लिए हाई पॉवर कमिटी बनाने जा रही है. हॉल में मौजूद पत्रकारों ने तालियों कि गरगराहत के साथ अरुणा की घोषणाओं का स्वागत किया.
अपने अध्यक्षीय भाषण में आइजेयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष एसएन सिन्हा ने यूनियन के संघर्षों के इतिहास का जिक्र करते हुए पूर्व अध्यक्ष श्री सुरेश प्रसाद अखौरी की यूनियन तोड़क गतिविधियों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ने का आह्वान किया और कहा कि आज जरुरत आन पड़ी है कि ऐसे तोड़क तत्वों का कराराजवाब हर स्तर पर दिया जाये. उन्होंने कहा कि यूनियन को तोड़ने और प्रेस कौंसिल में इसके प्रतिनिधित्व को समाप्त करने की पूर्व अध्यक्ष कि साजिशों को नाकाम कर दिया गया और हमारे दो प्रतिनिधि के. अमरनाथ और अरुण कुमार आज की तारीख में ग्यारहवीं प्रेस कौंसिल में सदस्य के रूप में अपनी शानदार भूमिका निभा रहे हैं. हमारी यूनियन की ही सबीना इन्दरजीत आज आइऍफ़डब्ल्यूजे की एक्जीक्यूटिव कमिटी में हैं. आज भी मीडिया कमिशन बनाने, सभी इलेक्ट्रानिक, प्रिंट और अन्य किस्म के मीडिया कर्मियों को अपना हक दिलाने, उनको वर्किंग जर्नलिस्ट्स एक्ट के अंदर लाने, मीडिया के मालिकों की ओर से वेज बोर्ड को ख़तम करने के साजिश के खिलाफ तेज संघर्ष का मौका सामने है, जब हमें अपनी एकजुटता का परिचय देना होगा. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि हमारा यूनियन इस संघर्ष में विजय हासिल करेगा. यूनियन के सेक्रेटरी जेनेरल डी. अमर ने धन्यवाद ज्ञापन किया. उद्घाटन भाषण के समय उपाध्यक्ष डी. रवीन्द्र दास, प्रेस कौंसिल सदस्य के. अमरनाथ, अरुण कुमार, यूनियन के संस्थापक प्रथम सेक्रेटरी जेनेरल संतोष कुमार, एल. एस. हरदेनिया भी मंच पर उपस्थित थे.
Sabhar:- Bhadas4media.com
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