अमरीका के डॉक्टरों का कहना है कि एक दिन ऐसा भी आ सकता है जब प्रजनन संबंघी समस्याओं के इलाज के लिए इंसानी अंडाणु भारी तादाद में उपलब्ध हो सकेंगे. शोधकर्ताओं ने पाया है कि व्यस्क महिला के गर्भाशय में ऐसी स्टेम कोशिका खोजना संभव है, जो प्रयोगशाला में लगातार नए अंडाणुओं को जन्म दे सकती है.
स्वास्थ्य पत्रिका नेचर मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित शोध में कहा गया है कि चूहों पर किए गए प्रयोगों में पाया गया कि इस तरह के अंडाणु का निषेचन कराया जा सकता है. पाया गया कि प्रयोगशाला में विकसित ये अंडाणु देखने और शरीर के भीतर व्यवहार में भी सामान्य अंडाणु की तरह ही थे.
इंसानी अंडाणुओं के शोध पर कड़े नैतिक और कानूनी प्रतिबंध है. चूहों के स्टेम सेल को लेकर इसी तरह के प्रयोग लगातार किए गए तो पाया गया कि इन अंडाणुओं को शुक्राणुओं के साथ निषेचित कराया जा सकता है और भ्रूण का निर्माण किया जा सकता है. एक ब्रिटिश विशेषज्ञ का कहना है कि इस शोध ने गर्भाधान बढ़ाने की संभावनाओं के वर्तमान नियमों को फिर से परिभाषित कर दिया है.
पहले ऐसा माना जाता रहा है कि महिलाओं में जन्म के समय ही तय हो जाता है कि उनके गर्भाशय में कितने अंडाणु होते हैं और ये रजोनिवृत्ति के चरण तक पहुंचते पहुंचते धीरे धीरे कम होना शुरू हो जाते हैं. पर मेसाच्यूसेट जनरल हॉस्पिटल के प्रमुख शोधकर्ता डॉ जॉनथन टिली का कहना है कि इस शोध ने इस पुराने सिद्घांत को नकार दिया है. सबसे पहले इस संबंध में चूहों पर शोध किया गया था.
उनकी टीम ने ऐसी स्टेम कोशिकाओं को खोजकर अलग किया जो महिला की प्रजनन की उम्र में अंडाशय में अंडाणु पैदा कर सकती है. इसकी खोज एक विशेष प्रकार के प्रोटीन के जरिए की गई. वैज्ञानिकों ने उन मानवीय स्टेम सेल की पहचान करने और उन्हें हासिल करने में सफलता हासिल की है जो अंडाणु में परिवर्तित होते हैं क्योंकि इन सभी में एक अनोखा प्रोटीन डीडीएक्सफोर होता है.
जब इन्हें लैब में बनाया गया तो ये अपने आप अपरिपक्व अंडाणुओं में तब्दील हो गईं. ये कोशिकाएं जीवंत मानवीय गर्भाशय उतकों के संपर्क में आने पर परिपक्व हो गयीं जिन्हें चूहों में प्रत्यारोपित किया गया था.
डॉ टिली का कहना है,'ये कोशिकाएं जब शरीर से बाहर विकसित की जाती हैं तो ये खुद ही नई कोशिकाओं को जन्म देती हैं. अगर इस प्रक्रिया को दिशा दे सकें तो हो सकता है कि भविष्य एक स्थिति ऐसी आए जहाँ से हमें मानव अंडाणुओं का असीमित स्रोत मिल जाए'.
शैफील्ड विश्वविघालय के प्रजनन विशेषज्ञ डॉ एलेन पासे कहते हैं कि ये एक ऐसा शोध है जो दिखाता है कि महिला के अंडाशय में स्टेम कोशिकाएं होती हैं जो विखंडित हो सकती हैं और अंडाणुओं को जन्म दे सकती हैं .डॉ एलेन पासे का कहना है कि इससे न सिर्फ नए सिद्धांत गढे़ जा सकते हैं बल्कि इससे उन महिलाओं के लिए भी वंश बढ़ाने की संभावनाएं पैदा हो जाएंगी जो कैंसर का इलाज करा रही हैं, या फिर ऐसी महिलाएं जो बांझपन का शिकार हैं, उनके लिए प्रयोगशाला में नए अंडाणुओं का विकास किया जा सकता है
Sabhar- raviwar.com.
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