सक्सेस का कोई शार्टकट नहीं। प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ को बैलेंस करते हुए चलना है। खुद को खुश रखना, जिंदगी के हर पल को जीना सफलता की कसौटी है। यह बात अभिनेता शाहबाज खान और किंशुक महाजन ने दैनिक भास्कर के आफिस में कही। वे जीटीवी पर 19 दिसंबर से शुरू हो रहे टीवी सीरियल ‘अफसर बिटिया’ के प्रमोशन के सिलसिले में भोपाल आए। इस अवसर पर भास्कर से शेयर किए अपने अनुभव...
सीरियल में लवेबल टुनटुन सिंह का है मेरा किरदार: शाहबाज
मैं ‘अफसर बिटिया’ में लवेबल ग्रे शेड्स टुनटुन सिंह का कैरेक्टर कर रहा हूं। यह बात अभिनेता शाहबाज खान ने कही। यह सीरियल महिला सशक्तिकरण और महिला शिक्षा पर आधारित है। इसकी कहानी एक लड़की की है, जो शिक्षा प्राप्त करके अपने परिवार का जीवन सुधारने की कोशिशों में लगी है।
पहला शताब्दी वर्ष समारोह होगा भव्य स्तर पर
मेरे वालिद साहब उस्ताद अमीर खान इंदौर घराने के संस्थापक रहे। वे शास्त्रीय संगीत के पुरोधा थे। उनकी स्मृति में हर वर्ष संगीत समारोह इंदौर में होता है। अगले साल मप्र संस्कृति विभाग पिता के पहले शताब्दी वर्ष को भव्य स्तर पर आयोजित करने की तैयारी कर रहा है।
इसलिए चुनी अभिनय की राह
जब मेरे पिता का इंतकाल हुआ उस वक्त मैं बहुत छोटा था। मेरी मां का कहना था कि यदि मैं संगीत की दुनिया में जाऊंगा तो बड़ा होने पर हमेशा मेरी तुलना पिता से की जाएगी जो मेरे लिए रुकावट साबित हो सकती है। अगर पिता से संगीत सीखता और वे साथ होते तो बात कुछ और होती।
मैंने पढ़ाई पर ध्यान दिया और सीए की तैयारी में जुट गया। उस दौरान एक्टिंग स्कूल में अपने दोस्त का एडमिशन करवाने गया, तो मुझे उस स्कूल के टीचर ने कहा कि तुम एक्टर क्यों नहीं बन जाते। बात जम गई और मैं अभिनय की दुनिया में आ गया। एक्टिंग में मैंने कोई प्रशिक्षण नहीं लिया है।
रियलिटी शो में गंदगी परोसना शर्मनाक
मैं किसी रियलिटी शो को पसंद नहीं करता। न ही पैसों के लिए मैं ओछापन कर सकता हूं। रियलिटी शो या सीरियल्स में जो गंदगी परोसी जा रही है, वो बेहद शर्मनाक है। हम अमेरिकी नहीं हैं। हम भारतीय हैं। हमारी सभ्यता, संस्कृति में इतना बदलाव अभी नहीं आया। मैं तो खुद न ऐसे वल्गर शो देखता हूं और बच्चों को भी नहीं देखने देता।
जल्दी सक्सेस जल्दी गायब
अभिनय के क्षेत्र में पहले से काफी बदलाव आया है। पहले के निर्माता किसी किस्म का समझौता नहीं करते थे। चैनल कम थे लेकिन स्तरीय कार्यक्रम बनते थे। मुझे आज भी टीपू सुल्तान में किए गए हैदर अली के अभिनय के लिए याद किया जाता है। मेहनत अब भी होती है, लेकिन समझौते और दबाव बहुत बढ़ गए हैं। इसी कारण एक चेहरा लंबे समय तक अपनी पहचान नहीं बना पाता। एक्टिंग में क्रिएटिविटी के साथ समर्पण चाहिए।
भागलपुर का गुंडा बना हूं मैं
मैं अफसर बिटिया में अपने किरदार को लेकर काफी उत्साहित हूं। खासकर इसलिए कि इस शो में शिक्षा की महत्ता पर फोकस किया गया है। मैं इसमें पिंटू सिंह का किरदार निभा रहा हूं, जो भागलपुर का कुख्यात गुंडा है।
आशा जी के साथ काम करना सपने के सच होने जैसा
मैंने काजल, सपना बाबुल का और बिदाई में अलग-अलग भूमिकाएं निभाइर्ं। भोजपुरी फिल्में भी देखीं। अपनी टोन को किरदार के हिसाब से करने के लिए। इस छोटी सी अभिनय यात्रा के दौरान मेरे लिए सबसे यादगार लम्हा रहा आशा भोंसले जी से मिलना और उनके वीडियो एलबम में अभिनय करना।
लकी रहा साल 2011
साल 2011 मेरे लिए काफी लकी रहा। मेरी बचपन की दोस्त दिव्या के साथ नवंबर में मेरी शादी हुई।
Sabhar:- Bhaskar.com
सीरियल में लवेबल टुनटुन सिंह का है मेरा किरदार: शाहबाज
मैं ‘अफसर बिटिया’ में लवेबल ग्रे शेड्स टुनटुन सिंह का कैरेक्टर कर रहा हूं। यह बात अभिनेता शाहबाज खान ने कही। यह सीरियल महिला सशक्तिकरण और महिला शिक्षा पर आधारित है। इसकी कहानी एक लड़की की है, जो शिक्षा प्राप्त करके अपने परिवार का जीवन सुधारने की कोशिशों में लगी है।
पहला शताब्दी वर्ष समारोह होगा भव्य स्तर पर
मेरे वालिद साहब उस्ताद अमीर खान इंदौर घराने के संस्थापक रहे। वे शास्त्रीय संगीत के पुरोधा थे। उनकी स्मृति में हर वर्ष संगीत समारोह इंदौर में होता है। अगले साल मप्र संस्कृति विभाग पिता के पहले शताब्दी वर्ष को भव्य स्तर पर आयोजित करने की तैयारी कर रहा है।
इसलिए चुनी अभिनय की राह
जब मेरे पिता का इंतकाल हुआ उस वक्त मैं बहुत छोटा था। मेरी मां का कहना था कि यदि मैं संगीत की दुनिया में जाऊंगा तो बड़ा होने पर हमेशा मेरी तुलना पिता से की जाएगी जो मेरे लिए रुकावट साबित हो सकती है। अगर पिता से संगीत सीखता और वे साथ होते तो बात कुछ और होती।
मैंने पढ़ाई पर ध्यान दिया और सीए की तैयारी में जुट गया। उस दौरान एक्टिंग स्कूल में अपने दोस्त का एडमिशन करवाने गया, तो मुझे उस स्कूल के टीचर ने कहा कि तुम एक्टर क्यों नहीं बन जाते। बात जम गई और मैं अभिनय की दुनिया में आ गया। एक्टिंग में मैंने कोई प्रशिक्षण नहीं लिया है।
रियलिटी शो में गंदगी परोसना शर्मनाक
मैं किसी रियलिटी शो को पसंद नहीं करता। न ही पैसों के लिए मैं ओछापन कर सकता हूं। रियलिटी शो या सीरियल्स में जो गंदगी परोसी जा रही है, वो बेहद शर्मनाक है। हम अमेरिकी नहीं हैं। हम भारतीय हैं। हमारी सभ्यता, संस्कृति में इतना बदलाव अभी नहीं आया। मैं तो खुद न ऐसे वल्गर शो देखता हूं और बच्चों को भी नहीं देखने देता।
जल्दी सक्सेस जल्दी गायब
अभिनय के क्षेत्र में पहले से काफी बदलाव आया है। पहले के निर्माता किसी किस्म का समझौता नहीं करते थे। चैनल कम थे लेकिन स्तरीय कार्यक्रम बनते थे। मुझे आज भी टीपू सुल्तान में किए गए हैदर अली के अभिनय के लिए याद किया जाता है। मेहनत अब भी होती है, लेकिन समझौते और दबाव बहुत बढ़ गए हैं। इसी कारण एक चेहरा लंबे समय तक अपनी पहचान नहीं बना पाता। एक्टिंग में क्रिएटिविटी के साथ समर्पण चाहिए।
भागलपुर का गुंडा बना हूं मैं
मैं अफसर बिटिया में अपने किरदार को लेकर काफी उत्साहित हूं। खासकर इसलिए कि इस शो में शिक्षा की महत्ता पर फोकस किया गया है। मैं इसमें पिंटू सिंह का किरदार निभा रहा हूं, जो भागलपुर का कुख्यात गुंडा है।
आशा जी के साथ काम करना सपने के सच होने जैसा
मैंने काजल, सपना बाबुल का और बिदाई में अलग-अलग भूमिकाएं निभाइर्ं। भोजपुरी फिल्में भी देखीं। अपनी टोन को किरदार के हिसाब से करने के लिए। इस छोटी सी अभिनय यात्रा के दौरान मेरे लिए सबसे यादगार लम्हा रहा आशा भोंसले जी से मिलना और उनके वीडियो एलबम में अभिनय करना।
लकी रहा साल 2011
साल 2011 मेरे लिए काफी लकी रहा। मेरी बचपन की दोस्त दिव्या के साथ नवंबर में मेरी शादी हुई।
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