अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम के वकील ने कहा है कि सलेम को ऑर्थर रोड जेल में दाउद के गुर्गो से खतरा है। वकील के मुताबिक सलेम को जेल में किसी तरह की कोई सुविधा नहीं मिल रही। फर्जी पासपोर्ट मामले में सलेम को भारी सुरक्षा के बीच मंगलवार को भोपाल लाया गया। हाल ही में मुंबई की ऑर्थर जेल में दाउद के गुर्गे मुस्तफा दौसा के हमले बाद सलेम पहली बार भोपाल आए हैं। अक्सर मीडिया से कुछ न कुछ कहने वाले सलेम को इस बार मीडिया से बात करने का मौका नहीं मिला।भारी सुरक्षा के बीच पहुंचा सलेम:सलेम को जब पंजाब मेल से भोपाल स्टेशन उतारा गया तो उसकी सुरक्षा देखने लायक थी। पूरे स्टेशन पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। पुलिस चारों ओर से सलेम को घेर कर चल रही थी, ताकि कोई भी उससे बात न कर सके। इसके बाद सलेम को पेशी के लिए कोर्ट ले जाया गया। साफ दिखे चोट के निशान:इस दौरान सलेम के चेहरे पर चोट के निशान साफ दिखाई दे रहे थे। जिस चेहरे पर अभी तक कोई शिकन दिखाई नहीं देती, वह चेरहा आज पूरी तरह बुझा हुआ था। मीडिया ने सलेम से बात करने की कोशिश की, लेकिन सलेम ने किसी तरह की कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।4 अगस्त की तारीख तयःफर्जी पासपोर्ट मामले में महत्वपूर्ण गवाह रूपिन शर्मा के न आने अदालत ने अभियोजन साक्ष्य समाप्त कर दी। अदालत ने रॉ के वरिष्ठ अधिकारी रूपिन शर्मा की गवाही के लिए अभियोजन को कई अवसर दिए गए थे लेकिन वे उन्हें हाजिर नहीं कर सके। मंगलवार को सीजेएम आरजी सिंह ने अबूसलेम के मुल्जिम बयान दर्ज करने के लिए 4 अगस्त की तारीख तय की है। सीजेएम आरजी सिंह की अदालत में डीपीओ प्रकाश शेवड़े ने बताया कि गवाह रूपिन शर्मा आज भी गवाही के लिए अदालत में उपस्थित नहीं हो सके। वहीं सलेम के वकील का कहना था कि गवाह को पर्याप्त अवसर दिए जा चुके है ऐसी स्थिति में अभियोजन साक्ष्य समाप्त घोषित की जाए। अदालत ने मुल्जिम बयान दर्ज करने के लिए 4 अगस्त की तारीख तय की है।फर्जी पासपोर्ट मामला एक नजर में:राजधानी में बने फर्जी पासपोर्ट के मामले में कोहेफिजा थाने ने अबू सलेम उसकी पत्नी पत्नी समीरा जुमानी, प्रेमिका मोनिका बेदी, पासपोर्ट बनवाने वाले सिराज,उसके भाई बाबा उर्फ कबीर बाबा के खिलाफ धारा 420, 120 बी का प्रकरण दर्ज किया था। सलेम को पहली बार 13 नवंबर 2007 को फर्जी पासपोर्ट मामले में सीजेएम अजय श्रीवास्तव की कोर्ट में पेश किया गया था। पुर्तगाल से सलेम को लाने के लिए भारत सरकार ने प्रत्यर्पण भादवि की धारा 419, 420, 471 और पासपोर्ट एक्ट की धारा 12(1) (डी) के तहत किया था। इसे पुर्तगाल कोर्ट ने प्रत्यर्पण मंजूर किया, क्योंकि भारत सरकार ने यह गारंटी दी थी कि प्रिंसिपल ऑफ स्पेशियालिटी (विशेषता के सिद्धांत) के तहत सलेम के मूलभूत अधिकारों का हनन नहीं किया जाएगा। काबिलेगौर है कि सलेम को 11 अक्टूबर 2005 को भारत लाया गया था। लेकिन उसे पहली बार 13 नवंबर 2007 को सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया था। सबूतों की कमी के चलते मोनिका को बरी कर चुकी है अदालत फर्जी पासपोर्ट मामले में पुलिस ने जो सबूत पेश किए थे वे नाकाफी थे इसके चलते तत्कालीन सीजेएम अजय श्रीवास्तव ने 16 जुलाई 2007 को मोनिका सहित सह आरोपियों को बरी कर दिया था। अभियोजन ने फैसले के खिलाफ अपील तत्कालीन सत्र न्यायाधीश रेणु शर्मा की अदालत में लगाई थी। सत्र न्यायाधीश ने सीजेएम कोर्ट के फैसले को सही मानते हुए अपील नामंजूर कर दी थी। फिलहाल इस मामले में हाईकोर्ट का फैसला आना बाकी है।
साभार - www.todays24.com
बेटा गलत काम का गलत नतीजा . सलेम दाउद के गुर्गो से डरने लगा है . हां भाई मौत से तो अच्छे अच्छे डरते है फिर सलेम क्या चीज है .
ReplyDeleteBeta tum jaise ensaan ko to nanga karke sare aam fasi par latka dena chahiye .Tum to desh ke dusman ho.
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