नई दिल्ली। सरकार की ओर से झूठी शान के लिए हत्या करने के चलन पर रोक लगाने के लिए कानून बनाने की संभावना तलाशने के बीच मानवाधिकारसंगठनों की रिपोर्ट में बताया गया है कि परिवार की सम्मान की रक्षा के नाम पर इस तरह की हत्याएं पूरी दुनिया में होती हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, झूठी शान के नाम पर हत्या करने का चलन भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान, तुर्की, जार्डन और फलस्तीन समेत दुनिया के कई रूढि़वादी और सामाजिक रूप से पिछड़े देशों में है। इस संबंध में अपराध की सूचना नहीं दिए जाने और काफी कम मामले दर्ज होने के कारण आंकड़े स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष ने दुनिया के देशों में हर वर्ष इस तरह से पांच हजार महिलाओं की हत्या किए जाने की बात बताई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि यह आंकड़े अनुमान से कम हैं क्योंकि कई देशों से इस संबंध में सूचनाएं नहीं एकत्र की गई है और कई मामलों में यह लोगों की जानकारी में भी नहीं आती है।
एमनेस्टी इंटरनेशनल के अनुसार, पाकिस्तान में झूठी शान के लिए हत्या का व्यापक स्वरूप देखने को मिलता है। पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग की हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2009 में झूठी शान के नाम पर 647 महिलाओं की हत्या कर दी गई जो साल 2008 की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक है। साल 2008 में 574 महिलाओं की हत्या करने की खबरें सामने आई थी।
रिपोर्ट में पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग के महासचिव आई ए रहमान के हवाले से कहा गया है कि झूठी शान के लिए हत्या इसलिए की जाती है क्योंकि परिवार में पुरुषों को ऐसा लगता है कि उनके सम्मान को ठेस पहुंची है। उन्होंने कहा कि यह मुख्य रूप से समाज में महिलाओं की खराब स्थिति का परिणाम है।
एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, एक मामला ऐसा सामने आया है कि एक पति ने अपनी पत्नी की सिर्फ इसलिए हत्या कर दी क्योंकि उसने सपने में देखा कि पत्नी ने उसे धोखा दिया है। तुर्की में एक युवती का शहर के बीचोंबीच इसलिए गला काट दिया गया क्योंकि उसने रेडियो पर एक प्रेमगीत गाया था।
तुर्की के मानवाधिकार महानिदेशालय की जून 2008 की रिपोर्ट के अनुसार, केवल इस्तांबुल में हर सप्ताह झूठी शान के नाम पर एक हत्या हो रही है और पिछले पांच वर्षो में 1000 हजार से अधिक हत्या की खबरें सामने आई हैं।
पश्चिमी तट और गाजा पट्टी क्षेत्र मे परिवार की झूठी शान के नाम पर हर महीने तीन-चार महिलाओं की हत्या की जाती है। फलस्तीनी प्रशासन भी जार्डन के कानून का अनुसरण करता है जिसमें पत्नी या महिला रिश्तेदार की हत्या करने पर पुरुषों को कम दंड दिया जाता है अगर मामला परिवार की झूठी शान से जुड़ा हुआ हो। इसी प्रकार, सीरिया की दंड संहिता के अनच्च्छेद -548 में कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति अपनी पत्नी या बहन को किसी दूसरे के साथ व्यभिचार या अवैध यौन गतिविधियों में लिप्त पाता है और वह उसकी हत्या कर देता है या घायल कर देता है तो ऐसी स्थिति में उसे कम दंड दिया जाएगा जो दो वर्ष के कारावास से कम नहीं होगा।
मोरक्को की दंड संहिता के अचुच्छेद -418 में ऐसे मामले में पत्नी की हत्या या घायल करने वाले पति को कम दंड की बात कही गई है। यहां हर वर्ष इस तरह से 200 महिलाओं की हत्या कर दी जाती है। संयुक्त राष्ट्र कार्यालय की नई शाखा आईआरआईएन के अनुसार, साल 2006 में इराक के बसरा शहर में 133 महिलाओं की हत्या कर दी गई जिसमें 47 मामले झूठी शान के लिए हत्या करने से जुड़े थे।
परिवार की झूठी शान के लिए हत्या करने की घटनाएं केवल दक्षिण एशिया या पश्चिम एशिया तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी, स्वीडन और यूरोप के अन्य देशों में भी देखा गया है।
साभार- http://in.jagran.yahoo.com
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