देहरादून : उत्तराखंड की पहली मल्टीमीडिया समाचार और विचार वेबसाइट हिलवाणी शुरू हुई है. हिलवाणी में समसामयिक विषयों के साथ साथ उत्तराखंड के समाज, संस्कृति, पर्यावरण, पर्यटन, कारोबार, कला और साहित्य पर विस्तृत सामग्री है. इंटरनेट पर इसका पता www.hillwani.com है.
हिलवाणी एक मल्टीमीडिया उपक्रम है. इसमें आप ऑडियो भी सुन सकते हैं. जिसके तहत मशहूर कथाकार विद्यासागर नौटियाल, दलित लेखक और चिंतक ओमप्रकाश वाल्मीकि से इंटरव्यू, जनकवि गिरीश तिवारी गिर्दा और हिंदी के वरिष्ठ कवि मंगलेश डबराल की कविताएं, पर्यावरणविद् चंडीप्रसाद भट्, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक का इंटरव्यू सुना जा सकता है.
हिलवाणी में एक स्तंभ इंटरव्यू का है जिसमें उत्तराखंड की शख़्सियतों से बात की जाती है. आपकी रिपोर्ट नाम का एक स्तंभ सिटीज़न ज़र्नलिस्ट की अवधारणा पर है. इसमें आम लोग अपनी खबर खुद लिखकर भेज रहे हैं. फोरम में विभिन्न मुद्दों पर लोगों की रायशुमारी है, आधी दुनिया में महिलाओं से जुड़े मुद्दों को प्रमुखता दी गई है, सैर-सैलानी में पर्यटन और रंगमंडप में कला जगत की गतिविधियां हैं. पर्यावरण पर केंद्रित जल जंगल है. फो़टो गैलरी में उत्तराखंड और देश-दुनिया के पहाड़ों की मनोरम तस्वीरें देखी जा सकती हैं. हिलवाणी में उत्तराखंड के वरिष्ठ और युवा पत्रकारों के नियमित लेख, रिपोर्टें और ब्लॉग है. इसका एक खास स्तंभ है झरोखे से जिसमें हाशिये के लोग और भूले-बिसरे मुद्दों पर विशेष सामग्री है. इसमें पहली बार जनकवि और लोकगीतकार गुणानंद पथिक को याद किया गया है. कथा कविता में उत्तराखंड और देश दुनिया के कवियों कथाकारों की रचनाएं, टिप्पणियां शामिल हैं.
हिलवाणी वेबसाइट की शुरुआत युवा कवि और पत्रकार शिवप्रसाद जोशी ने की है। वह क़रीब 17 वर्षों से मीडिया में हैं. उन्होंने टीवीआई, ज़ी न्यूज़, और सहारा समय टीवी चैनलों में वरिष्ठ पदों पर काम किया है. बीबीसी वर्ल्ड सर्विस के प्रतिनिधि संवाददाता रहे हैं. वह जर्मन रेडियो डॉयचे वेले की हिंदी सेवा में भी रहे हैं. वह जनसत्ता, नवभारत टाइम्स, हिंदुस्तान, आउटलुक और पब्लिक एजेंडा के लिए भी नियमित लेखन करते रहे हैं.
हिलवाणी एक मल्टीमीडिया उपक्रम है. इसमें आप ऑडियो भी सुन सकते हैं. जिसके तहत मशहूर कथाकार विद्यासागर नौटियाल, दलित लेखक और चिंतक ओमप्रकाश वाल्मीकि से इंटरव्यू, जनकवि गिरीश तिवारी गिर्दा और हिंदी के वरिष्ठ कवि मंगलेश डबराल की कविताएं, पर्यावरणविद् चंडीप्रसाद भट्, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक का इंटरव्यू सुना जा सकता है.
हिलवाणी में एक स्तंभ इंटरव्यू का है जिसमें उत्तराखंड की शख़्सियतों से बात की जाती है. आपकी रिपोर्ट नाम का एक स्तंभ सिटीज़न ज़र्नलिस्ट की अवधारणा पर है. इसमें आम लोग अपनी खबर खुद लिखकर भेज रहे हैं. फोरम में विभिन्न मुद्दों पर लोगों की रायशुमारी है, आधी दुनिया में महिलाओं से जुड़े मुद्दों को प्रमुखता दी गई है, सैर-सैलानी में पर्यटन और रंगमंडप में कला जगत की गतिविधियां हैं. पर्यावरण पर केंद्रित जल जंगल है. फो़टो गैलरी में उत्तराखंड और देश-दुनिया के पहाड़ों की मनोरम तस्वीरें देखी जा सकती हैं. हिलवाणी में उत्तराखंड के वरिष्ठ और युवा पत्रकारों के नियमित लेख, रिपोर्टें और ब्लॉग है. इसका एक खास स्तंभ है झरोखे से जिसमें हाशिये के लोग और भूले-बिसरे मुद्दों पर विशेष सामग्री है. इसमें पहली बार जनकवि और लोकगीतकार गुणानंद पथिक को याद किया गया है. कथा कविता में उत्तराखंड और देश दुनिया के कवियों कथाकारों की रचनाएं, टिप्पणियां शामिल हैं.
हिलवाणी वेबसाइट की शुरुआत युवा कवि और पत्रकार शिवप्रसाद जोशी ने की है। वह क़रीब 17 वर्षों से मीडिया में हैं. उन्होंने टीवीआई, ज़ी न्यूज़, और सहारा समय टीवी चैनलों में वरिष्ठ पदों पर काम किया है. बीबीसी वर्ल्ड सर्विस के प्रतिनिधि संवाददाता रहे हैं. वह जर्मन रेडियो डॉयचे वेले की हिंदी सेवा में भी रहे हैं. वह जनसत्ता, नवभारत टाइम्स, हिंदुस्तान, आउटलुक और पब्लिक एजेंडा के लिए भी नियमित लेखन करते रहे हैं.
साभार- भड़ास ४ मीडिया .कॉम
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