फरीदकोट जिले के कोटकापुर के एक स्थानीय समाचार पत्र के पत्रकार नरेश सहगल पर दो लोगों ने जानलेवा हमला किया. नरेश पिछले कई सालों से पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं. पुलिस ने नरेश का बयान दर्ज कर लिया है और पूरे मामले की जांच-पड़ताल में जुट गई है.
कोटकापुर के सिविल अस्पताल में इलाज करा रहे नरेश ने बताया कि उनके सिर पर लोहे की छड़ से दो लोगों ने हमला किया. उन्होंने बताया कि उन्होंने एक व्यक्ति की पहचान कर ली है तथा उसका नाम पुलिस को बता दिया है. नरेश ने कहा कि हमलावरों ने जानबूझ कर सुखबीर के खिलाफ कोर्ट में सुनवाई के दो दिन पहले हमला किया ताकि मैं कोर्ट में नहीं पहुंच सकूं. इसी बीच जज संगीतपाल सिंह ने 23 दिसम्बर तक सुखबीर के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज करने पर रोक लगा दी है.
सुखबीर और उनके समर्थकों के खिलाफ यह मामला तब दर्ज हुआ, जब कथित तौर पर नरेश पर सुखबीर के समर्थकों ने उस समय हमला किया, जब वे 30 जून 1999 को लोकसभा चुनाव कवर कर रहे थे.नरेश ने कहा कि मैं पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में रिट याचिका डालकर इस मामले की सुनवाई राज्य से बाहर करवाने का अनुरोध कर चुका हूं.
उन्होंने कहा कि मैंने पुलिस को बताया है कि जो व्यक्ति मुझ पर हमला किए उन्होंने मुझे समझौता करने या फिर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी. उन्होंने कहा कि जब मैंने समझौता करने से इनकार कर दिया तो उन दोनों में मेरे ऊपर हमला कर दिया. उन्होंने बताया कि उनके सिर में चोट लगी थी उसके बावजूद पुलिस एफआईआर दर्ज करने में आनाकानी कर रही थी, जबकि वह मेडिकल ऑबरजवेशन में थे. नरेश ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि पुलिस उप मुख्यमंत्री के दबाव में है.
नरेश सहगल का बयान दर्ज करने वाले कोटकापुर के एसएचओ ने किसी भी दबाव से इनकार करते हुए कहा कि हमने शिकायत को दैनिक डायरी रजिस्टर में दर्ज कर लिया है और सही तथ्यों की जांच कर रहे हैं. फरीदकोट एसएसपी जीएस रंधावा ने कहा कि जांच कार्य चल रहा है, चूंकि आरोप गंभीर है इसलिए हम गहनता से जांच कर रहे हैं।
साभार : भड़ास ४ मीडिया .कॉम
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