Sabhar:- Bhadas4media.com
यह एक ऐसे पत्रकार की कहानी है जो छह साल तक इश्क फरमाने के बाद शादी से ऐन कुछ दिन पहले ही मर गया। जिससे शादी होने वाली थी वह भी पत्रकार ही है। अब लोग यह पता लगाने में जुटे हैं कि क्या वह वाकई मर गया या बात कुछ और है। दरअसल जो पत्रकार 'दिवंगत' हुए हैं वे एक बड़े अखबार के नेशनल एडिशन में अभी तक कार्यरत थे। शुरू से ही ये ''तेजतर्रार'' रहे। 2006 में कानपुर के एक अखबार से इनका करियर शुरू हुआ था।
इसी दौरान वहां इंटर्नशिप करने वाली एक नवयौवना से इनकी आंखें चार हो गईं। बाद में ये नवयौवना बरास्ते नंबर वन अखबार से होते हुए इसके बच्चा अखबार में पहुंच गईं। इनके प्रेम में गिरफ्तार पत्रकार महोदय पहले चंडीगढ़ में एक बड़े अखबार में पहुंचे और वहां से दो अन्य अखबारों में होते हुए इन दिनों एक बड़े अखबार के नोएडा आफिस में सेवाएं दे रहे थे। दूरियां कभी प्रेम संबंधों में अड़ंगा नहीं बनी। दो दिलों में मोहब्बत के दीये जलते रहे। कुछ दिन पहले ही दोनों में इंगेजमेंट हुई थी। 'दिवंगत' पत्रकार जिस शहर के रहने वाले थे, लड़की ने भी अपने अखबार मैनेजमेंट से बात करके कुछ समय पहले वहीं ट्रांसफर के लिए बात पक्की कर ली थी।
उसके घर में शादी की तैयारियां जोरों से चल रही थीं। तभी एक दिन खबर आई कि उसका मंगेतर इस दुनिया में नहीं रहा। लड़की का पूरा परिवार सदमे में आ गया। ये बात जब 'दिवंगत' पत्रकार के पुराने साथियों को मिली तो उन्हें माजरा समझते देर न लगी। कुछ तो बोल पड़े कि क्या फिर मर गया। वास्तव में इसके कारण भी हैं। `दिवंगत` पत्रकार ने जहां जहां भी काम किया वहां इतने झूठ बोले कि अब उस आदमी की किसी बात पर यकीन करना मुश्किल है। बहरहाल लड़की से सहानुभूति रखने वाले कुछ पत्रकार गण इस बात की खोजबीन में लगे हैं कि आखिर 'दिवंगत' होने के पीछे सच्चाई क्या है।
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