एक बड़े मीडिया समूह का एक रीजनल न्यूज चैनल है. उसके संपादक महोदय पहले राज्य की राजधानी के वरिष्ठ पत्रकार रहे, इन दिनों इस रीजनल न्यूज चैनल के संपादक हैं और दिल्ली में विराजे हैं. उन्हें चैनल की लड़कियों के साथ अय्याशी का शौक है. वे लड़कियों के लिए कुछ भी कर सकते हैं. पिछले दिनों की बात है. चैनल में एक एंकर है. उसकी सुबह की शिफ़्ट थी. उसे सुबह 6 बजे शुरू होने वाला बुलेटिन को पढ़ना था.
लेकिन मैडम दफ़्तर पहुंची सुबह आठ बजे. इसके चलते उस दिन सुबह का बुलेटिन ही नहीं जा पाया. इस घटना के बाद चैनल के माननीय संपादक की ज़िम्मेदारी बनती थी कि एंकर के ख़िलाफ़ कार्रवाई करते, उसे नोटिस देते या फिर उसे दंडित करते, लेकिन नहीं... ऐसा कुछ नहीं हुआ. और अगले दिन एंकर जी माननीय संपादक जी के केबिन में बैठकर चाय पीतीं और गप्पे लड़ाती दिखाई दीं. पर ऐसी ही एक घटना में एक दूसरी एंकर को दंडित किया जा चुका है. इसी चैनल की दूसरी एंकर की शिफ़्ट 12 बजे से थी. लेकिन वो अपनी शिफ्ट के मुताबिक दफ़्तर नहीं पहुंच पाईं. उसके चलते दोपहर का एक बुलेटिन नहीं जा पाया.
तब उस एंकर को ना सिर्फ़ कुछ दिनों के लिए ऑफ़ एयर किया गया बल्कि उनकी नाइट शिफ़्ट तक लगा दी गई. सवाल ये है कि आखिर क्यों? दरअसल यह दूसरी वाली एंकर बॉस के केबिन में नहीं बैठती, उनकी चापलूसी नहीं करती, इसलिए उसे सज़ा दी गई. इस रीजनल चैनल में अत्याचार भी खूब हो रहा है. ग्रुप के अन्य चैनलों में हर कर्मचारी को दो वीकली ऑफ़ दिये जाते हैं, लेकिन इस रीजनल चैनल में एंकरों को हफ्ते में एक ऑफ़ दिया जा रहा है और 10-10 घंटे की शिफ़्ट कराई जा रही है. ऐसा एंकरों की कमी बताकर किया जा रहा है. अरे भाई क्यों अगर एंकरों की कमी है तो नये एंकरों की व्यवस्था कीजिये, किसी का शोषण क्यों कर रहे हैं. दरअसल ये सब कुछ इसलिए हो रहा है क्योंकि माननीय संपादक महोदय ने न्यूज़ रूम में एक महिला आतंकी को छोड़ रखा है. इसने अच्छे खासे शीतल माहौल को गर्म कर रखा है.
आधिकारिक तौर पर तो माननीय संपादक ही चैनल हेड हैं लेकिन असल में महिला आतंकी चैनल की सर्वेसर्वा बनी हुई है. इनसे पहले चैनल के जो आउट पुट हेड थे उनके पर काटकर उन्हें इनपुट में भेज दिया गया है. संपादक ने उनके साथ भेदभाव इसलिए किया क्योंकि उन्हें महिला आतंकी को ओबलाइज करना था और उसके करीबी को इनपुट हेड बनाना था. इसी महिला आतंकी के चलते चैनल की एक पुरानी एंकर को पिछले दिनों ऑफ़ एयर तो किया ही गया साथ ही नाइट शिफ़्ट में भी डाल दिया गया. कहा जाता है कि वह बॉस को खुश नहीं कर पाई जिसका ख़ामियाज़ा उसे भुगतना पड़ा. चैनल के कर्मचारी अब त्रस्त हो चुके हैं. लेकिन नौकरी छोड़ नहीं पा रहे क्योंकि आज के वक्त में दूसरी जगह नौकरी मिलना भी कठिन है.
Sabhar:- Bhadas4media.com
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