चाय पीने जाने के लिए भी लेना पड़ रहा लिखित परमिशन : महुआ वाले तिवारी जी का एक धार्मिक चैनल है प्रज्ञा. यहाँ काम करने वाले लोग प्रबंधन के रोज नए नए पैतरे से आजिज आ चुके हैं. यहाँ काम करने वाले लोगों को डरा धमका कर रखा जा रहा है. आजतक चैनल की रिसेप्शनिस्ट के पद से सीधे तिवारी जी कृपा से चैनल हेड बनने वाली शिवानी अग्रवाल ने इस तथाकथित मंदिर को जेलखाना बना दिया है.
ड्यूटी आवर में चाय पीने के लिए भी गेट से बाहर निकलना भी गुनाह है यहाँ. अगर कोई निकलना चाहे भी तो उसे डाइरेक्ट शिवानी से लिखित परमिशन लेनी होती है. दरअसल इनकम टैक्स के छापे और तिवारी जी कई अकाउंट सीज हो जाने के कारण प्रज्ञा में कास्ट कटिंग जोरों पर है. कई पुराने लोगों को यहाँ से बेइज्जत करके निकाला जा रहा है. यहाँ के पुराने सिक्यूरिटी गार्ड की कंपनी को भी एक अक्तूबर से हटा दिया गया है. शिवानी और उसके गुर्गों ने यहाँ सभी की नाक में दम कर रखा है. अगर कोई शूट के लिए एक मिनट भी देर कर दे तो उसकी शामत आ जाती है. अभी कुछ दिन पहले ही सुनील जोशी जैसे कर्मठ प्रोड्यूसर को यहाँ से निकाल दिया गया.
ऐसी भी चर्चा है कि प्रबंधन इस चैनल को दिसम्बर तक समेटना चाहता है. इसी वजह से यहाँ से लोगों को धीरे-धीरे निकाला जा रहा है. प्रबंधन की मंशा सिर्फ इतनी है कि कर्मचारियों को इतना परेशान करो कि वो खुद ही छोड़ कर चले जाएँ. क्योंकि एक साथ लोगों को निकालने पर अप्रिय स्थिति पैदा हो सकती है. शिवानी और उसके गुर्गे इस काम को बखूबी अंजाम दे रहे हैं. अब यहाँ की हालत ये है कि लोगों को अपने भविष्य को लेकर चिंता होने लगी है. हर कोई यही सोचकर परेशान है कि कहीं अगला नंबर उनका तो नहीं!
एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.
Sabhar:- Bhadas4media.com
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