महुआवाले पीके बाबा अब गैरपत्रकारों के पीछे : महुआ बांग्ला में वजीर छोड़ सारे सिपाही ढेर : पूरे समूह में डुंगल नेट सर्विस बंद, कामकाज ठप : अचानक हुई कार्रवाई में निकाले गये लोगों के लैपटॉप जब्त : नोएडा : अपने चिंटुओं की करतूतों के बाद महुआवाले पीके बाबा अब गैरपत्रकारों के पीछे पड़ गये हैं। खबर है कि पिछले एक हफ्ते के भीतर महुआ समूह के दर्जन भर कर्मचारियों को निकाल बाहर कर दिया गया है। पीके बाबा की इस सीधी तलवारबाजी के शिकार हुए लोग एड-सेल्स से जुड़े अधिकारी-कर्मचारी बताये जाते हैं। महुआ बांग्ला में तो जैसे हाहाकार मच गया है। वहां एक एजीएम स्तर के अधिकारी के अलावा सारे के सारे एड-सेल्स विभाग को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। एक महिला समेत चार लोग तो अकेले दिल्ली से दफ्तर-बदर किये गये हैं।
खबर तो यहां तक है कि पूरे समूह में उन अधिकारियों के नेट कनेक्शन कटवा दिये गये हैं जिन्हें लैपटॉप मिला हुआ है। जाहिर है कि ऐसे में फिलहाल आपसी सम्पर्क ठप सा पड़ गया है। बताते हैं कि भुगतान में आयी अड़चन के चलते यह कनेक्शन काट दिये गये हैं। हालांकि अब तक यह तय नहीं हो पाया है कि आखिर किन वजहों से यह कनेक्शन काटे गये हैं।
पिछले साल भर से महुआ समूह अपने ही कर्मचारियों की कत्लगाह में तब्दील होता दिखने लगा है। चैनल इतिहास में यह पहला ऐसा चैनल बताया जाता है जहां सैकड़ों की तादात में कर्मचारी-अधिकारी और पत्रकारों का भविष्य चौपट किया गया है। प्रज्ञा, महुआ, महुआ न्यूज, महुआ बांग्ला और महुआ खबोर में हाल ही बड़े पैमाने पर तरह-तरह के फैसले लागू किये गये, लेकिन इन सबका मतलब केवल यही रहा कि कर्मचारियों की छंटनी की तरतीबें भिड़ायी जाएं। महुआ खबोर और महुआ बांग्ला में मचा हड़कम्प तो वहां इसे बंद करने की कार्रवाई के नतीजे के तौर पर देखा जा रहा है। महुआ बांग्ला को तो आफ एयर करने की कार्रवाई भी पूरी हो चुकी बतायी जा रही है।
ताजा खबरों के मुताबिक महुआ बांग्ला और खबोर से एड-सेल्स के लगभग सभी अधिकारी निकाल बाहर किये जा चुके हैं। हालांकि कुछ लोग इसे उनका इस्तीफा मान रहे हैं। लेकिन विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि समूह प्रबंधन ने इन लोगों से साफ कह दिया कि वे अब काम पर आना बंद कर दें। इतना ही नहीं, एचआर ने तो इन लोगों को लैपटॉप भी जब्त कर लिये हैं। गौरतलब है कि इसके पहले राणा-भुप्पी की जुगल-जोड़ी ने कई पत्रकारों को संस्थान छोड़ने पर बाध्य कर दिया था।
कुछ भी हो, महुआ समूह में आर्थिक संकट का असर वहां के कामकाज पर भी साफ दिखने लगा है। पिछले दो दिनों से समूह के अध्यक्ष पीके तिवारी समेत सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को नेट कनेक्शन की यूपीएस ड्राइव ने काम करना बंद कर दिया है। बताते हैं कि भुगतान न हो पाने के चलते यह कनेक्शन प्रदाता कम्पनी ने काट रखे हैं। लेकिन बिल का भुगतान करने के बजाय अब समूह के लोग उस कम्पनी के अधिकारियों के हाथपांव जोड़ रहे बताये जाते हैं।
पिछले साल भर से महुआ समूह अपने ही कर्मचारियों की कत्लगाह में तब्दील होता दिखने लगा है। चैनल इतिहास में यह पहला ऐसा चैनल बताया जाता है जहां सैकड़ों की तादात में कर्मचारी-अधिकारी और पत्रकारों का भविष्य चौपट किया गया है। प्रज्ञा, महुआ, महुआ न्यूज, महुआ बांग्ला और महुआ खबोर में हाल ही बड़े पैमाने पर तरह-तरह के फैसले लागू किये गये, लेकिन इन सबका मतलब केवल यही रहा कि कर्मचारियों की छंटनी की तरतीबें भिड़ायी जाएं। महुआ खबोर और महुआ बांग्ला में मचा हड़कम्प तो वहां इसे बंद करने की कार्रवाई के नतीजे के तौर पर देखा जा रहा है। महुआ बांग्ला को तो आफ एयर करने की कार्रवाई भी पूरी हो चुकी बतायी जा रही है।
ताजा खबरों के मुताबिक महुआ बांग्ला और खबोर से एड-सेल्स के लगभग सभी अधिकारी निकाल बाहर किये जा चुके हैं। हालांकि कुछ लोग इसे उनका इस्तीफा मान रहे हैं। लेकिन विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि समूह प्रबंधन ने इन लोगों से साफ कह दिया कि वे अब काम पर आना बंद कर दें। इतना ही नहीं, एचआर ने तो इन लोगों को लैपटॉप भी जब्त कर लिये हैं। गौरतलब है कि इसके पहले राणा-भुप्पी की जुगल-जोड़ी ने कई पत्रकारों को संस्थान छोड़ने पर बाध्य कर दिया था।
कुछ भी हो, महुआ समूह में आर्थिक संकट का असर वहां के कामकाज पर भी साफ दिखने लगा है। पिछले दो दिनों से समूह के अध्यक्ष पीके तिवारी समेत सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को नेट कनेक्शन की यूपीएस ड्राइव ने काम करना बंद कर दिया है। बताते हैं कि भुगतान न हो पाने के चलते यह कनेक्शन प्रदाता कम्पनी ने काट रखे हैं। लेकिन बिल का भुगतान करने के बजाय अब समूह के लोग उस कम्पनी के अधिकारियों के हाथपांव जोड़ रहे बताये जाते हैं।
Sabhar:- Bhadas4media.com
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