प्रेस विज्ञप्ति : वरिष्ठ टेलीविजन पत्रकार हरीश चंद्र बर्णवाल की बेहद चर्चित किताब ‘टेलीविजन की भाषा’ का रांची विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग में शनिवार को विमोचन समारोह आयोजित किया गया। इस मौके पर पत्रकारिता विभाग की अध्यक्षा प्रोफेसर (डॉक्टर) रीता शुक्ल के अलावा विश्विविद्यालय के कई वरिष्ठ प्रोफेसर और रांची के कई दिग्गज पत्रकार भी मौजूद थे। जबकि अध्यक्षता प्रोफेसर (डॉक्टर) तुलसी मोदी ने की।
रांची विश्वविद्यालय में पत्रकारिता विभाग की अध्यक्ष प्रोफेसर रीता शुक्ल जी ने अपने भाषण के दौरान माना कि ‘टेलीविजन की भाषा’ किताब से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले बच्चों को बहुत फायदा मिलेगा। उन्होंने सभी छात्र-छात्राओं को इस किताब को पढ़ने की नसीहत दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ प्रोफेसर डॉक्टर तुलसी मोदी ने कहा कि टेलीविजन की भाषा को लेकर जो भी सवाल खड़े किए जाते हैं... उसका जवाब इस किताब में देने की कोशिश की गई है।
पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में मौजूद वरिष्ठ पत्रकार और रांची एक्सप्रेस अखबार के प्रधान संपादक बलबीर दत्त ने इस मौके पर कहा कि अच्छी पत्रकारिता की पहली शर्त भाषा है। भाषा की अशुद्धि और उच्चारण की वजह से टीवी पत्रकारिता का बुरा हाल हो गया है। ऐसे में हरीश चंद्र बर्णवाल की किताब से न सिर्फ विद्यार्थियों का बल्कि पत्रकारों को भी फायदा मिलेगा। कार्यक्रम के एक और वक्ता रहे पीटीआई के वरिष्ठ पत्रकार इंदुकांत दीक्षित... इंदुकांत ने बताया कि भाषा को लेकर कई प्रयोग हो रहे हैं... जबकि बदलाव निरंतर जारी है। लेकिन इस बदलाव में पत्रकारिता विभाग के प्रोफेसर की भी भूमिका शामिल होनी चाहिए। जिससे टीवी की दुनिया में मनमानी न हो सके।
वरिष्ठ टेलीविजन पत्रकार और ‘टेलीविजन की भाषा’ किताब के लेखक हरीश चंद्र बर्णवाल ने कार्यक्रम के दौरान बताया कि इस किताब को लेखने की प्रेरणा उन्हें पत्रकारिता की पढ़ाई के दौरान मिली क्योंकि टीवी पत्रकारिता की भाषा को लेकर एक भी ऐसी किताब नहीं है, जिससे विद्यार्थी व्यवहारिक ज्ञान पा सकें। यही नहीं बल्कि पिछले 8-9 साल में लिखी गई इस किताब से पेशेवर पत्रकारों को भी बहुत फायदा होगा। इस किताब में भाषा को लेकर बारीक से बारीक चीजों को समेटने की कोशिश की गई है। हरीश चंद्र बर्णवाल के मुताबिक इस किताब को पढ़ने के बाद टेलीविजन न्यूज चैनलों की दुनिया पराई नहीं लगेगी।
कार्यक्रम का समापन भाषण तहलका पत्रिका की वरिष्ठ पत्रकार अनुपमा ने किया। अनुपमा ने लेखक हरीश चंद्र बर्णवाल को रांची में पुस्तक विमोचन कराने पर आभार व्यक्त किया और कहा कि इस किताब से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। कार्यक्रम के शुरुआत में न सिर्फ लेखक हरीश चंद्र बर्णवाल का सम्मान किया गया, बल्कि उन्हें रांची विश्वविद्यालय की तरफ से एक स्मृति चिह्न भी दिया गया।
लेखक हरीश चंद्र बर्णवाल इस समय टेलीविजन न्यूज चैनल IBN7 में एसोसिएट एक्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर के पद पर कार्यरत हैं। उनकी चर्चित किताब ‘टेलीविजन की भाषा’ राधाकृष्ण प्रकाशन से प्रकाशित की गई है। 238 पन्नों की इस किताब का मूल्य 350 रुपये रखा गया है।
Sabahr:- mediakhabar.com
रांची विश्वविद्यालय में पत्रकारिता विभाग की अध्यक्ष प्रोफेसर रीता शुक्ल जी ने अपने भाषण के दौरान माना कि ‘टेलीविजन की भाषा’ किताब से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले बच्चों को बहुत फायदा मिलेगा। उन्होंने सभी छात्र-छात्राओं को इस किताब को पढ़ने की नसीहत दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ प्रोफेसर डॉक्टर तुलसी मोदी ने कहा कि टेलीविजन की भाषा को लेकर जो भी सवाल खड़े किए जाते हैं... उसका जवाब इस किताब में देने की कोशिश की गई है।
पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में मौजूद वरिष्ठ पत्रकार और रांची एक्सप्रेस अखबार के प्रधान संपादक बलबीर दत्त ने इस मौके पर कहा कि अच्छी पत्रकारिता की पहली शर्त भाषा है। भाषा की अशुद्धि और उच्चारण की वजह से टीवी पत्रकारिता का बुरा हाल हो गया है। ऐसे में हरीश चंद्र बर्णवाल की किताब से न सिर्फ विद्यार्थियों का बल्कि पत्रकारों को भी फायदा मिलेगा। कार्यक्रम के एक और वक्ता रहे पीटीआई के वरिष्ठ पत्रकार इंदुकांत दीक्षित... इंदुकांत ने बताया कि भाषा को लेकर कई प्रयोग हो रहे हैं... जबकि बदलाव निरंतर जारी है। लेकिन इस बदलाव में पत्रकारिता विभाग के प्रोफेसर की भी भूमिका शामिल होनी चाहिए। जिससे टीवी की दुनिया में मनमानी न हो सके।
वरिष्ठ टेलीविजन पत्रकार और ‘टेलीविजन की भाषा’ किताब के लेखक हरीश चंद्र बर्णवाल ने कार्यक्रम के दौरान बताया कि इस किताब को लेखने की प्रेरणा उन्हें पत्रकारिता की पढ़ाई के दौरान मिली क्योंकि टीवी पत्रकारिता की भाषा को लेकर एक भी ऐसी किताब नहीं है, जिससे विद्यार्थी व्यवहारिक ज्ञान पा सकें। यही नहीं बल्कि पिछले 8-9 साल में लिखी गई इस किताब से पेशेवर पत्रकारों को भी बहुत फायदा होगा। इस किताब में भाषा को लेकर बारीक से बारीक चीजों को समेटने की कोशिश की गई है। हरीश चंद्र बर्णवाल के मुताबिक इस किताब को पढ़ने के बाद टेलीविजन न्यूज चैनलों की दुनिया पराई नहीं लगेगी।
कार्यक्रम का समापन भाषण तहलका पत्रिका की वरिष्ठ पत्रकार अनुपमा ने किया। अनुपमा ने लेखक हरीश चंद्र बर्णवाल को रांची में पुस्तक विमोचन कराने पर आभार व्यक्त किया और कहा कि इस किताब से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। कार्यक्रम के शुरुआत में न सिर्फ लेखक हरीश चंद्र बर्णवाल का सम्मान किया गया, बल्कि उन्हें रांची विश्वविद्यालय की तरफ से एक स्मृति चिह्न भी दिया गया।
लेखक हरीश चंद्र बर्णवाल इस समय टेलीविजन न्यूज चैनल IBN7 में एसोसिएट एक्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर के पद पर कार्यरत हैं। उनकी चर्चित किताब ‘टेलीविजन की भाषा’ राधाकृष्ण प्रकाशन से प्रकाशित की गई है। 238 पन्नों की इस किताब का मूल्य 350 रुपये रखा गया है।
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