अगर एक-दो 'भ्रष्ट पिंजरा' भी बना दें तो प्रदेश का भला हो जाए : ये तस्वीर आज दैनिक जागरण में फ्रंट पेज पर प्रकाशित हुई है। मेरठ में पुलिस ने छेड़खानी की घटनाओं से निपटने के लिए अनूठा अभियान चलाया है। स्कूल कॉलेजों के बाहर से लड़कों को पकड़कर पिंजरे में बंद किया जा रहा है और फिर उसे शहर भर में घुमाया जा रहा है। इस पिंजरे का नम भी ''मजनू पिंजरा'' रखा गया है। तस्वीर शुक्रवार को मेरठ में घुमाए गए मजनू पिंजरे की है।
सवाल यह उठता है कि क्या इस तरीके से छेड़खानी से निपटा जा सकता है? इस सवाल का जवाब आप दीजिए. मैं एक राय देता हूं- अब भ्रष्टाचार से निपटने के लिए 'भ्रष्ट पिंजरा' बनाया जाना चाहिए जिसमें खुलेआम रिश्वत लेने वाले पुलिसवालों को बंद करके घुमाया जाए। वैसे पुलिस युवकों को पकड़कर उनकी सरेआम बेइजज्ती कर सकती है लेकिन क्या जनता भ्रष्ट पुलिसवालों को भ्रष्ट पिंजरे में बंद कर सकती है? (इनपुट- दिलनवाज पाशा के फेसबुकी वॉल से)
साभार - भड़ास ४ मीडिया .कॉम
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