चार हिमाचली अफसरों को जेल
शिमला — भ्रष्टाचार पर हिमाचल के चार अफसरों को अदालत ने जेल भेज दिया है। तीन अफसर स्वास्थ्य विभाग से ताल्लुक रखते हैं, जबकि एक पीडब्ल्यूडी में कार्यरत है। सबसे पहले मामले में दो करोड़ 17 लाख के मशीनरी उपकरणों की खरीद फरोख्त में स्वास्थ्य विभाग के पूर्व निदेशक सुखराम, डिप्टी कंट्रोलर फाइनांस एंड अकांउट जेआर सरस्वती व वरिष्ठ सहायक पवन सूद को स्पेशल जज फोरेस्ट ने दो-दो साल की सजा तथा 20 हजार रुपए जुर्माना लगाया है। स्वास्थ्य विभाग के इन तीनों आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत वर्ष 2000 में दर्ज किया गया था। इन उक्त अधिकारियों ने विभाग के लिए मशीनरी व उपकरणों की खरीद सरकार द्वारा तय कंपनियों से नही की थी। उक्त अधिकारियों पर आरोप है कि इन्होंने वर्ष 1998-99 में सरकार की अनुमति के बगैर दो करोड़ 17 लाख की मशीनें खरीदीं, जिस कारण राज्य सरकार के राजस्व को लाखों का चूना लगा। यह भी आरोप था कि उन्होंने रिकार्ड के साथ छेड़छाड़ कर अकांउट में की गई प्रविष्टियों को भी बदल दिया। विशेष जज (वन) शिमला की अदालत ने मामले से जुड़े साक्ष्यों व अभियोजन पक्ष द्वारा कोर्ट के समक्ष रखी दलीलों के साथ रिकार्ड का अवलोकन करने के बाद यह सजा सुनाई । वहीं, साथ ही एक अन्य मामले में स्पेशल जज सोलन कसौली पीडब्ल्यूडी डिवीजन के सुपरवाइजर रामलाल को एक वर्ष की कैद व आठ हजार रुपए जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई गई है। लोक निर्माण विभाग के सुपरवाइजर पर नौकरी के लिए दसवीं का झूठा प्रमाण पत्र देने का मामला विजिलेंस थाना सोलन में वर्ष 2000 में दर्ज किया गया था। उन पर आरोप था कि झूठे दस्तावेज के सहारे वह पीडब्ल्यूडी में सरकारी कर्मचारी बन बैठे
Sabhar:- http://www.divyahimachal.com
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