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Nandita Mahtani hosts a birthday party for Tusshar Kapoor

http://www.sakshatkar.com/2017/11/nandita-mahtani-hosts-birthday-party.html

दिलीप मंडल एवं कुमुद शर्मा को भारतेन्‍दु हरिश्‍चंद्र पुरस्‍कार


नई दिल्ली। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने वर्ष २००९-१० के भारतेन्दु हरिश्चंद्र पुरस्कार वितरित किए। शास्त्री भवन में आयोजित समारोह में हिंदी में मौलिक लेखन को बढ़ावा देने के लिए ये पुरस्कार पत्रकारिता एवं जनसंचार विषयों के अलावा महिला विमर्श, बाल साहित्य और राष्ट्रीय एकता से जुड़े विषयों पर लिखी पुस्तकों और पांडुलिपियों को हर वर्ष दिया जाता है।
वर्ष २००९ के पत्रकारिता एवं जनसंचार वर्ग में प्रथम पुरस्कार के लिए दिलीप मंडल की पांडुलिपि कारपोरेट लोकतंत्र और पेड न्यूज, द्वितीय पुरस्कार सुश्री कुमुद शर्मा की पुस्तक समाचार बाजार की नैतिकता और तृतीय पुरस्कार के लिए संयुक्त रूप से शिवानंद कामड़े की पाण्डुलिपि कार्टून पत्रकारिता और डा. अकेला भाई की पुस्तक रेडियो साहित्य और पत्रकारिता को दिया गया।
महिला वर्ग २००९ में प्रथम पुरस्कार के लिए श्रीमती लता कोट की पाण्डुलिपि आधा आसमां हमारा और द्वितीय पुरस्कार के लिए डा. सीमा रानी की पाण्डुलिपि नारी की समस्या और समाधान को दिया गया। बाल साहित्य २००९ में प्रथम पुरस्कार के लिए घमंडी लाल अग्रवाल की पुस्तक गीत ज्ञान विज्ञान के और द्वितीय पुरस्कार के लिए सुश्री रेनू सैनी की पाण्डुलिपि बचपन का सफर को चुना गया। राष्ट्रीय एकता वर्ग २००९ में किसी पुस्तक या पांडुलिपि को पुरस्कार के लिए उपयुक्त नहीं पाया गया।
वर्ष २०१० के पत्रकारिता एवं जनसंचार वर्ग में द्वितीय पुरस्कार के लिए प्रांजल धर की पांडुलिपि समकालीन वैश्विक पत्रकारिता में अखबार को चुना गया। इस वर्ग में प्रथम एवं द्वितीय पुरस्कार के लिए किसी को नहीं चुना गया है। महिला विमर्श वर्ग २०१० में डा. सुमन राय की पुस्तक घरेलू हिंसा में महिला अधिनियम २००५-६ और द्वितीय पुरस्कार के लिए प्रर्मीला केपी की पुस्तक स्त्री यौनिकता बनाम आध्यात्मिकता को चुना गया।
बाल साहित्य वर्ग २०१० में द्वितीय पुरस्कार के लिए संजीव जयसवाल संजय की पुस्तक डूबा हुआ किला व प्रभात की पुस्तक साइकिल पर था कव्वा को संयुक्त रूप से चुना गया। इस वर्ग में प्रथम पुरस्कार के लिए किसी को नहीं चुना गया है। राष्ट्रीय एकता वर्ग २०१० में प्रथम पुरस्कार के लिए डा. शिव कुमार राय की पांडुलिपि मेरी जाति भारतीय को चुना गया है। इस वर्ग में द्वितीय पुरस्कार के लिए किसी भी पुस्तक या पांडूलिपि को उपयुक्त नहीं पाया गया है।
पुरस्कार राशि बढ़ाई गई : वर्ष २००९ से मंत्रालय ने भारतेंदु हरिश्चंद्र पुरस्कारों की राशि बढ़ा दी है। पत्रकारिता और जनसंचार वर्ग में प्रथम पुरस्कार के लिए राशि ३५ हजार से बढ़ाकर ७५ हजार रूपए कर दी गई है। इसी वर्ग में द्वितीय और तृतीय पुरस्कारों की की राशि २५ और २० हजार से बढ़ाकर क्रमशः ५० हजार व ४० हजार कर दी गई है। महिला विमर्श, बाल साहित्य और राष्ट्रीय एकता वर्गो में प्रथम पुरस्कारों की राशि १५ हजार से बढ़ाकर ४० हजार रूपए और द्वितीय पुरस्कारों की राशि १० हजार से बढ़ाकर २० हजार रूपए कर दी गई है। गौर करनेवाली बात हैं कि १९८३ में पत्रकारिता और जनसंचार के विषयों पर मौलक लेखन के लिए शुरू की गई भारतेंदु हरिश्चंद्र पुरस्कार योजना मं १९९२-९३ से महिला विमर्श, बाल साहित्य और राष्ट्रीय एकता वर्गो को भी शामिल किया गया है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय कर इस वार्षिक पुरस्कार योजना का आयोजन प्रकाशन विभाग करता है। इस अवसर पर सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री डा. एस. जगतरक्षकन विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थे। साभार : अमर उजाला

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