साध्वी चिदर्पिता से किया गया एक संन्यासी का प्रेम उसे इतना भारी पड़ जाएगा यह तो शायद कभी चिन्मयानंद ने नहीं सोचा होगा लेकिन उन्हें भारी पड़ गया है. साध्वी चिदर्पिता उर्फ कोमल गुप्ता ने पूर्व गृहराज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर बलात्कार से लेकर अपहरण, गला दबाकर मारने जैसे संगीन आरोप लगाकर उनके खिलाफ शाहजहांपुर में एफआईआर दर्ज करवा दिया है.
साध्वी चिदर्पिता से स्वामी चिन्मयानंद का प्रेम उन दिनों हुआ जिन दिनों स्वामी जी ने चिदर्पिता उर्फ कोमल गुप्ता को अपना निजी सचिव नियुक्त किया था. उन िदनों स्वामी चिन्मयानंद केन्द्रीय गृहराज्यमंत्री थे और फिरोजशाह रोड पर रहा करते थे. कोमल गुप्ता यहीं पर उनके निजी सचिव के बतौर नौकरी करती थी और चिन्मयानंद के प्रेम में पड़ गयीं. दोनों का प्रेम इतना परवान चढ़ा कि स्वामी चिन्मयानंद ने सन्यास में रहते हुए कोमल से शादी का स्वांग भी रच लिया ताकि कोमल पूरी जिंदगी उनके साथ रहे. कोमल गुप्ता से इस अघोषित शादी का असर स्वामी चिन्मयानंद के शिष्यों पर भी पड़ा और कुछ उनके पुराने शिष्य इतने खफा हुए कि उनसे दूर हो गये. फिर भी चिन्मयानंद ने कोमल को अघोषित रूप से पत्नी का दर्जा भी दे दिया.
कोमल गुप्ता से हुई स्वामी चिन्मयानंद की नजदीकियों में वैसे तो सब ठीक था लेकिन एक बड़ा फर्क दोनों की उम्र का अंतर था. कोमल गुप्ता की उम्र स्वामी िचन्मयानंद से आधी से भी कम है इसलिए दोनों में धीरे धीरे झगड़े बढ़ने लगे. झगड़ा इस कदर बढ़ा कि दोनों में गाली गलौज और जूतम पैजार भी होने लगी. फिर भी चिन्मयानंद का प्यार ऐसा था कि सब कुछ होने के बाद भी वे कोमल गुप्ता को अपने से दूर नहीं कर रहे थे. 2008 में स्वामी चिन्मयानंद का पैर टूटा और वे गंगाराम अस्पताल में भर्ती हुए. उन दिनों भी कोमल गुप्ता उनकी सेवा करने की बजाय प्रापर्टी का हिसाब किताब करने वहां पहुंच जाया करती थीं. अस्पताल में भी दोनों में जमकर लड़ाइयां होती थी.
संबंध इतना बिगड़ा कि आखिरकार दोनों अलग अलग रहने लगे. जाननेवाले बताते हैं कि पहले की कोमल गुप्ता और अब की साध्वी चिदर्पिता की नजर स्वामी चिन्मयानंद की संपत्तियों पर थी और वे लगातार स्वामी जी पर दबाव बना रही थी कि स्वामी जी उन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दें. स्वामी चिन्मयानंद इसके लिए तैयार नहीं थे. स्वामी चिन्मयानद जिस परमार्थ आश्रम से जुड़े हैं उसकी हरिद्वार, शाहजहांपुर और बद्रीनाथ के आश्रमों के संरक्षक हैं उसकी संपत्तिया अरबों में हैं. स्वामी चिन्मयानंद ने भले ही चिदर्पिता से प्रेम किया हो लेकिन वे आश्रम की संपत्तियों पर चिदर्पिता को कब्जा नहीं करने दे रहे थे. अंतत: चिदर्पिता ने हरिद्वार के ही एक स्वतंत्र पत्रकार से विधिवत शादी कर ली और अब जबकि चिदर्पिता की जिंदगी थोड़ी व्यवस्थित हो गई है तो उन्होंने स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दिया है.
जिस तरह से साध्वी सन्यासी पर हमले कर रही है उससे लगता है कि अभी तो यह शुरूआत लगती है. सन्यासी का साध्वी से किया गया यह प्रेम अभी उन्हें और भारी पड़नेवाला है.
Sabhar - Visfot.com
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