प्रो. आशुतोष मिश्रा की याचिका पर आठ लोगों को नोटिस : माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय, भोपाल में प्रोफेसर और प्रशासनिक अधिकारी स्तर की नियुक्तियों में धांधली को लेकर एक जनहित याचिका दायर की गई है. प्रो. आशुतोष मिश्रा ने अपने याचिका में आरोप लगाया है कि विश्वविद्यालय प्रबंधन मुख्यमंत्री की सिफारिश पर आठ लोगों की नियुक्तियां नियम-कानून को ताख पर रखते हुए कर दी. जबलपुर हाईकोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए नियुक्ति पाने वाले सभी आठ लोगों को नोटिस जारी कर सफाई मांगी है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को भी इस संदर्भ में नोटिस भेजा गया है.
अपनी याचिका में प्रो. आशुतोष मिश्रा ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, जो विश्वविद्यालय कार्यकारी परिषद के अध्यक्ष भी हैं, की नोट सीट (सिफारिश पत्र) पर विश्वविद्यालय के नियम-कानूनों को दरकिनार करते हुए अशोक टंडन, सौरभ मालवीय, राघवेंद्र सिंह, नंद किशोर त्रिखा, देवेश किशोर, रामजी त्रिपाठी, आशीष जोशी तथा अमिताभ भटनागर को नियुक्ति दी गई. इन पदों के लिए न तो विज्ञापन निकाला गया न ही शैक्षणिक और अन्य आवश्यक अहर्ता की जांच की गई.
प्रो. आशुतोष की तरफ से अधिवक्ता प्रत्यूष त्रिपाठी एवं अजय मिश्रा ने दावा प्रस्तुत करते हुए सभी नियुक्तियों को गलत बताया है. अधिवक्ता द्वय ने आरोप पत्र में कहा है कि किसी भी पद के लिए विज्ञापन नहीं निकाला गया और ना ही नियम के अनुसार इंटरव्यू हुए. उम्मीदवारों की योग्यता को भी दरकिनार कर दिया गया. एक मामले में तो उम्र का भी ख्याल नहीं रखा गया. जबकि कुछ नियुक्तियों में अनुभव की अहर्ता को ताख पर रख दिया गया, जिसके चलते प्रतिमाह लाखों का धन अपव्यय हो रहा है. डा. आशुतोष ने सभी नियुक्तियों को रद किए जाने की मांग की है. कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए 16 दिसम्बर को सभी को नोटिस जारी किया है
Sabhar:- Bhadas4media.com
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