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Nandita Mahtani hosts a birthday party for Tusshar Kapoor

http://www.sakshatkar.com/2017/11/nandita-mahtani-hosts-birthday-party.html

क्या कहने मदन जी , मुझसे चेट करके तुरंत छाप दिया ?

क्या कहने मदन जी ? मुझसे चेट करके तुरंत छाप दिया ?  आप हमारे बड़े भाई तुल्य है जो करेगे अच्छा ही करेगे | चलिए आपने भी अपनी भड़ास निकाल ही ली ?  हां भाई मै पढ़ा लिखा मीडिया बेरोजगार  हु  छोटी मोटी स्क्रिप्ट  लिख लेता हु  जैसे तैसे करके जिन्दगी बसर कर रहा हु | 

मै अपनी पत्नी का शुक्रगुजार हु जो हर रोज कुछ नया करने की हिम्मत देती है | पिछले ३ साल से मेरे जीवन में  भरपूर सहयोग रहा है | वह जिन्दगी भर देती रहेगी |  पिछले ११ साल से पत्रकरिता में होने के कारण पत्रकारिता का  मोह छूट नहीं पाता है  ? 

मेरे रिश्तेदार कहते है तुम कमाई वाला काम करो, ये पत्रकरिता की किताब खोले बैठे रहते हो | जिसमे एक रूपये का फायदा नहीं है परन्तु मै हर दिन नया करने की चाहत लेकर जी रहा हु | कभी  न कभी तो सूरज निकलेगा | 

मदन जी बिलकुल आपने सही कहा है मुझे काम की जरुरत है जिससे मेरे घर के खर्चे निकल सके | मगर काम का प्रस्ताव - जुगत नहीं बन पा रही है | एक धुन - सनक  सवार है साक्षात्कार डाट कॉम कुछ न कुछ हल एक दिन जरुर निकाल  लेगा | मेरी ऐसी उम्मीद है लोग पूछते है अगर पैसा नहीं तो ये इतनी ऑनलाइन पोर्टल कैसे चल रहे है | 

मुझे थोडा वेब डिजाईन करना आता है डोमेन तो केवल ५५० का ही आता है जिसके आधार पर पूरे ऑनलाइन  साईट का निर्माण हो जाता है | मैंने सोचा है मै  अपने ब्लॉगर -  पत्रकार भाई बहनों को ५५० /- रूपये वेबसाइट दू ताकि वह लोगो के हाथो न लुट सके |  यह सेवा जल्दी ही शुरू होगी  जिस पर मै काम कर रहा हु | ताकि मेरे सभी ब्लॉगर - पत्रकार भाई - बहनों को फायदा हो सके | 

अरे मै यह  क्या रोना लेकर बैठ गया मै  बात कर रहा था , मदन तिवारी जी जो बिहार मीडिया डाट.कॉम गया से  बिहार से चलाते है वह पहले अपने ब्लॉग पर लिखते थे एक दिन मेरी मुलाकात फेसबुक पर हो गयी ,मै बोला भाई आप अपनी साईट बिहार मीडिया डाट.कॉम नाम से  शुरू करो |   वह मेरी बात मान गए , ब्लॉग को नया रंग रोगन मैंने ही  लगाया ,फिर ५५० डोमेन खरीद कर पूरे ब्लॉग को दुरस्त कर दिया | मदन जी की मेहनत रंग लाई और बिहार मीडिया डाट .कॉम पूरे बिहार में फ़ैल गया | 

मै ऐसे ही  छोटे छोटे काम लेकर अपनी जिन्दगी की कहानी लिख रहा हु | कभी काम मिल जाता है कभी नहीं ? कभी फिल्म टीवी हाउस से लिखने का काम  मिल जाता है तो लिख देता हु यह मेरी फुल टाइम नौकरी नहीं है | यह सारे काम  कान्टेक्ट पर मिलते है जिसे मै अपनी पूरी जिम्मेदारी से निभाता रहता हु |

मेरे पत्रकार बंधुओ को लगता है मै मुंबई में रहकर जमकर  पी आर का धधा करके माल बना रहा हु | मै हमेशा से पेड़ न्यूज़ के खिलाफ रहा हु और सारी जिन्दगी पेड़ न्यूज़ के खिलाफ लिखता रहूगा | अभी इमानदारी का सौदा नहीं किया है जिस  दिन करुगा आप सबको इतला कर दुगा | अभी पिक्चर तो बाकी है मेरे दोस्त ?

सुशील गंगवार 
फ़ोन -०९१६७६१८८६६
साक्षात्कार डाट.कॉम 

मै मदन तिवारी जी  ( बिहार मीडिया .कॉम ) का लेख  लगा रहा हु जैसे वह चटकारे लेकर पढ़ते है आप भी पढ़े और अपने विचार रखे | 

भडास को आर्थिक मदद चाहिये और सुशील को काम-------


bhadas4media.com  एक पोर्टल है जिसे यशवंत सिंह चलाते हैं । कुछ साल पहले इसको शुरु किया था इस उद्देश्य के साथ कि पत्रकारों के लिये एक कोना हो जहां वह अपनी भडास निकाल सकें चाहे वह मालिकों के खिलाफ़ हो या अपने हीं पत्रकार मित्रो के। पोर्टल अच्छा चलता है । रेटिंग भी ठिक है । उधर एक सुशील गंगवार हैं जो पहले दिल्ली में रहकर पत्रकारिता करते थें लेकिन पत्नी का तबादला मुंबई हो गया तो शिफ़्ट कर गयें। सुशील गंगवार भी आजकल आर्थिक परेशानी से गुजर रहे हैं । कभी उन्होने यशवंत को कहा था कि वे एक न्यूज पोर्टल शुरु कर रहे हैं , उसका न्यूज भडास पर लगा दे । यशवंत ने कहा भैया विग्यापन है यह , पांच हजार लगेंगें , तुम कमाओगे और मैं फ़ोकट में प्रचार करुंगा । सुशील भाई के पास भी मालपानी तो है नहीं , पत्नी के पैसे से खा पी रहे हैं वैसे पीते नहीं हैं । उनको बुरा लग गया , लिखमारा एक लेख यशवंत पर , मुझे फ़ेसबुक पर कहा मैने यशवंत पर लिखा है , यशवंत ने उस लेख को अपने भडास पर दे मारा । दोनो में शुरु हो गया गैंगवार , कुछ पत्रकार यशवंत की तरफ़ से कुछ सुशील की ओर से। आज यशवंत ने अपने भडास पर एक लेख लिखा है जिसके माध्यम से आर्थिक मदद की मांग की है जिससे भडास चल सके। उस लेख में सुशील के हमले का जवाब भी है ।  बहुत कम समय में अच्छा नाम कमाया है यशवंत ने । सुशील भाई को लगता है नाम है तो माल भी होगा। मैने देखा है । एक किराये का फ़्लैट, जहां दिल्ली की सडी हुई गर्मी में रहना मुश्किल है । पैसे का भी वैसा कोई श्रोत नही दिखता । हां कभी - कभी मीडिया हाउसों से या परिचित पत्रकारों से कुछ मिल जाता होगा। ले देकर ठिक ठाक हैं। मेरी नजर में दोनो फ़क्कड हैं । एक थोडा कम दुसरा थोडा ज्यादा । सुशील भाई का आरोप कहांतक सही है कि भडास पर पेड न्यूज छपती है , यह तो वही बता सकते हैं। मुझसे तो नही मांगा । हां थोडा अहंकार आ गया है यशवंत को चाहिये की उससे दुर रहें लेकिन मैं कौन होता हूं सलाह देनेवाला , मुझे गाली सुनने का शौक नहीं। दुश्मनों की तो एक टेढी बात मैं बर्दाश्त नहीं करता लेकिन दोस्तों के सामने कमजोर पड जाता हूं इसलिये दोस्त नहीं बनाता । खैर सुशील को लगता है मैं यशवंत का दोस्त हूं और यशवंत को लगता है सुशील मेरे कहने पर सब कर रहे हैं फ़िर भी मैं  दोनो की इस प्यार भरी लडाई का सिर्फ़ आंनद ले रहा हूं । आप भी मजा लें । और अगर जेब में कुछ मालपानी हो तो भडास को मदद करें । सुशील साइट बहुत सस्ते में बनाते हैं , उनसे साइट बनवाकर उनकी भी मदद आप कर सकते हैं। हालांकि मैने दोनो मे से किसी का पक्ष नही लिया है लेकिन इतना डर तो हैं हीं  कि दोनो सोचेंगे साला डिप्लोमेसी करता है । हां हां हां । आप लोग भी आनंद ले ।
सुबह के तीन बजे होंगे निंद खुल गइ , नेट पर बैठकर कुछ लिखने की सोच रहा था कि देखा , फ़ेसबुक पर सुशील भी मौजूद हैं । बातें होने लगी , सुशील ने बताया कि उनके लिखे का जवाब यशवंत ने पोस्ट किया है । नीचे मैं अपने और सुशील के बीच हुई बातचीत दे रहा हूं ।

hi
Ram ram ji
kya haal hai
aaj aapke yashwant ji ka jabav aa gaya hai .
humne bhi likh diya boss ko .
इतनी रात तक जागने का मतलब ?
kaam sir ji
abhi mai 11-30 par lot kar aaya tha
bhadas ne apni bhadas aaj nikal di boss
खां से
aapne pada use .
कहां से
Mumbai me se hi ..
नही क्या लिखा है ?
edar jaoo uski post hamari post mil jayegi .
dekho sir pado .
bada maja aayega . ?
टाईटिल क्या दिया है ?
bhadas 4 media ko ab aap log chaliye mai to chala .. ye bhadasi ne likha hai .
maine uska utter likh diya hai
kya bhadas 4 media sankat ke dour se gujar raha hai .
हां मैं पढ रहा हूं
usne naam nahi likha mera par khub achha likha hai .
Thoda sa preshaan hai .
पहले पढ लेता हूं
हां मैने पढ लिया
kaisa laga ..
Dard hai gusss hai ..
बस एक अनिर्णय की स्थित वाले मन की भडास है ।
He know well how to emotional blackmail of innocent indians .. ?
यह तो सही है कि भडास को चलाने के लिये आर्थिक मदद चाहिये
Ji haa
Mujhe bhi kosa hai usne .
Bhai ye batoo log kya chutiya hai jo apna paisa bhadas me lagaye . .. ?
यह भी सही है कि मदद अगर विग्यापन से नही होगी तो मीडिया हाउस से मिलेगी
Malik hai wo . Maje wo lega uske bachhe lege .. ?
Hum kya aalu chheelege . ?
Na trust an society na ngo ..
ऐसी बात नही है कि मजे लेता हैबस दाल रोटी चला रहा है शायद आप नहीं मिले हैं
Bhadas or ghar ke kharche ke liye .
Fir enti eth kyo bhai .. ?
अब खर्चा तो चाहिये न
आप वहां मुंबई में हैसिर्फ़ पत्रकारिता या पोर्टल चलायेंगें तो खर्च चाहिये न
Bhai agar help magni hai to kisi se aap cheekh kar nahi le sakte hia ..
pyar se to ensaan jaan deta hai .
Bhai jaan hamari story alag hai . ?
aapko malum hai sab .. ..
Wife good earner . ?
मतलब मदद मागंने के लिये अपने स्वभाव को बदल देना चाहिये ?
Mai bhi bhai kaam karta hu .
Bilkul
Namra hona padega .
har kowi madad karega .
Ab danda dikhake to kaam nahi nikal sakte ho .
लेकिन इसे हीं तो पाखंड कहते हैं
क्या आप चाहते हैं आदमी पाखंड करे ?
twari mana ji mujhe aapse madad chahiye .
mai aapko danda dikhaoo to kya app meri help kargo .
Bolo sir ji .. ?
ओह आप डंडा की बात कहां से ले बैठें
maine kya likha wah aapne pada hai .
बात है स्वभाव की
mai janta hu sir ji aap use achhi tareeke se jante hai ..
mai janta hu ..
कोई प्लीज कह कर हेल्प मांगता है और कोई कहता है साले कुछ पाइसा है तो दे आजकल कडकी है
Magar uska tareeka galat tha mere sath maalik . ?
Mujhe eska gussa aaj tak hai .. ?
देखिये मैं तो व्यक्तिगत आलोचना से बचता हूं तबतक जबतक की आपका वह कार्य किसी को प्रभावित न करता हो
ji
ye baat hai .
mere ek baat samjh me nahi aati hai uski halat enti kharab hai . .
Mujhe lagta hai logo ko emotional blackmail karta hai . .
हां यह हो सकता है कि आपसे मांगने का तरीका गलत हो उसे समझना चाहिये था एक बेरोजगार का विग्यापन है जब आमदनी होगी तो दे देगा
wo vigyapan nahi mag raha tha . wah news lagane ke paise mag raha tha .
lafda ye hai boss..
Usne aaj saari baat apne lekh me likh daali hai .
kair hai media ka bhagwaan ..
लेकिन आपने तो कहा था कि विग्यापन के पैसे मांग रहा था
mera heading kya hai
sir ji
paid news..
maine kaha tha news laga the ek site shuru ki hai
to kahta hai 5000/- de .
ye baat thi .
Bhai mai pada likha mba hu .
ओह तब उसने कहा कि पैसे दो
ads or news me fark janta hu ..
Ji
ye baat last year march ki hai
jab bollywoodkhabar.com shuru ki thi
use lagta hai mere pass bahut paisa hai ..
mai PR kaam karta hu jam kar .
मतलब आप न्यूज की शक्ल में विग्यापन चाहते थें और यशवंत को वह विग्यापन दिख रहा था
wo to mai or meri wife janti hai meri earning kitni hia .
aap samjh nahi bhai
maine kaha ki news laga de .
wo bola 5000/- de ..
ab ye news hai yaa vighyapan .
हां हां हां
mere liye news hoga ..
मतलब एक दिन के न्यूज का पाच हजार
magar vah news ko hi vigypan samjkar kaam karta hai logo ke sath .
ek news ka 5000/-
mai thahra bahut bada chutiya .. .?
Meri khud fati huee hai mai kiski silu sir ji
हां हां हां
खैर और कुछ सुनाइये इतनी रात को कहां गये थें ?
wo samjhta hai apne aapko prbhash joshi or tarun tejpal ..
वैसे मुंबई में ठंढ तो पडती नही है
sir ji kowi hospital me tha bharti bas dekhne gaya tha .
use .
Abhi to nahi pad rahi hai .
mujhe do din lag rahi hai thand ..
sir maine uka utter likha diya jara pado mujhe ye batoo theek hai kya ..
यहां तो आठ डिर्गी टेम्परेचर है
udhar to thand hogi na .
हां ठीक है मैने पढी है
वैसे आप भी हाथ धोकर पड गये हैं
सुशील भाई अपना काम करना चाहिये
Beta ne apne lekh me bahut likh diya hai mere baare me .
mai to sir ji apna kaam kar raha hu .
dekho guru ji .

मैं अपने साइट पर लिख रहा हूं
wo bada patrakar hai apne ghar ka ?
mere liye nahi hai ?
kya likh rahe hai .
likho meri post lekar likho kuchh .. ?




3 comments:

  1. सुशील भाई मुझे जो डर था वही हुआ। आपने शायद मुझे गलत समझा , खैर कोई बात नही। हां आपने मुझे बदा भाइ कहा है तो एक बात कह सकता हूम अगर जिंदगि में कभी भी यह लगे कि कहां जाये तो याद रखना एक बदा भाइ है, जो खाता हूम खिलाउंगा और जरुरत पडी तो डाटुंगा भी । रह गई बात मेरे लेख की तो जैसा मैने अब तक देखा है लिखा है , बहुत सारी बातें आपकी या यशवंत की ऐसी हैं जिनके बारे में लिखना कोई मायने नही रखता है क्योंकि वह सारी बातें पेड न्यूज से संबंधित नहीं हैं। यशवंत के पास भी बहुत पैसा नही है सुशील भाई । हां आपसे ज्यादा अच्छी स्थिति है बस । आपका संघर्ष सफ़ल होगा । मेरी भी एक सलाह है लेकिन फ़िर कभी ।

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  2. मदन जी और शुशील भाई,
    यह समस्या गंभीर है कि कोई न्यूज वेबसाइट, खासकर मीडिया पर केंद्रीत ..कैसे चले। मैं यशवंत जी को वयक्तिगत तौर पर नहीं जानता और न ही उनसे कभी उनसे मिलने का सौभाग्य मिल सका है..लेकिन इतना अवश्य कहुंगा कि उन्होंने मीडिया पर कड़ी और सीधी नजर रखी है। बड़ी लकीर का अर्थ यह नहीं है कि दूसरे लकीर को मिटा कर छोटी करने का प्रयास किया जाये..

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