धर्म और आस्था को ताक पर रख कर कब तक धूर्त गुरु लोगो से खिलवाड़ करते रहेगे | धर्म के नाम पर लोगों को मूर्ख बनाने की घटनायें भारत में प्राचीन काल से सुनी और देखि जा सकती है | जहा एक तरफ प्रवचन कहते है वही दूसरे लोग ढोग कहते है |
बड़े बड़े आश्रम में लडकिया लाई जाती जहा से वह वापस जाना नहीं चाहती है आखरी क्यों ? क्या इनके मन मंदिर को किसी चीज से बांध दिया जाता है या इनके दिमाग को ब्रेन बॉस कर दिया जाता है | हम सब जानते है मनुष्य सामाजिक प्राणी है , तभी मनुष्य की मानसिक स्थिति वातावरण से परिवर्तित हो जाती है और धर्म गुरु जमकर उपभोग करते है|
धर्म पर आस्था रखना बुरी बात नहीं है परन्तु अंधी आस्था अपने गुरु पर रखना पूरा जीवन बर्बाद कर सकती है आज भारत के अलग अलग प्रान्त के आश्रमों में लडकिया - महिलाये धर्म गुरूओ का पाप झेलने के लिए मजबूर - लाचार है | वशीकरण , तंत्र मंत्र , काला जादू , पूजा अर्चना , प्रवचन सभी का प्रयोग लड़के लडकियों के दिमाग को फेरने के लिए किया जाता है ताकि आश्रम में रहने वाली लडकिया और महिलाये घर का रुख न कर सके | जिदंगी भर गुलाम की जिदंगी काटते रहे |
आज भी आश्रम में छोटी नादान बच्चियो के साथ हर रोज बलात्कार का नया पाठ रात होते ही सिखाया जाता है | अगर स्त्री भूल से गर्भ वती हो गयी तो उसका गर्भ पात करवा दिया जाता है नहीं तो किसी चेले के साथ बाँध विदा दिया जाता है | अगर जो चेला चेली नहीं मानते है तो उसे आश्रम के तहखाने में दफ़न कर दिया जाता है |
बेचारा चेला अपने गुरु को हामी भरने के अलावा नहीं कर पाता है वह भी गुरु मोह का शिकार है | आश्रम में रहने वाले लोग अपना मुह नहीं खोलते है मगर पीठ पीछे ही धर्म गुरु की पोल खोलने लगते है | मेरे मित्र ने बताया था हरिद्वार में ऐसा आश्रम जहा लड़के - लडकियों को गंजा करके पहले गेरूआ वस्त्र धारण करवाए जाते है फिर पूजा पाठ का ढोग करके मन को परिवर्तित कर देते है फिर रात होते ही जोर जोर की आवाजो से आश्रम गुजने लगता है |
उनके साथ आश्रम के लोग ही बलात्कार करते है | जिससे वह अपने घर नहीं भाग सके | किसी से कुछ कह न सके | दिन के उजाले में पूजा पाठ - कथा कीर्तन - प्रवचन का शोर चलता है मगर सूरज अस्त होते ही सभी भोग वासना में खो जाते है | यहाँ पर लडको को भी नहीं बक्शा जाता है कुछ बाबा और गुरु तो लडकियों के बजाये लडको के बहुत शौकीन है |
उनके साथ आश्रम के लोग ही बलात्कार करते है | जिससे वह अपने घर नहीं भाग सके | किसी से कुछ कह न सके | दिन के उजाले में पूजा पाठ - कथा कीर्तन - प्रवचन का शोर चलता है मगर सूरज अस्त होते ही सभी भोग वासना में खो जाते है | यहाँ पर लडको को भी नहीं बक्शा जाता है कुछ बाबा और गुरु तो लडकियों के बजाये लडको के बहुत शौकीन है |
हमारे शहर में गुरु जी आये तो काफी लोग मोह में बह गए उसके साथ ही मेरी जाती बिरादरी की कन्या मोह में फस गयी, उसके बाद वह सपरिवार गुरु जी के आश्रम में पहुचे तो कन्या घर आने को तैयार नहीं थी | घर वाले परेशान आखिर क्या हो गया है फिर वह लड़की आश्रम में रहने लगी थी | न जाने उस लड़की पर कौन सा तंत्र किया था |
वह रिश्तेदारों के घर जाती तो अपनी आश्रम की कहानी सुनाती और लडकियो को बहलाना फुसलाना शुरू कर दिया | मुझे याद है वह अपनी मुफ्त की बाते हमारी अम्मा को सुना रही थी तो पापा बरस पड़े | बोले तुम चुप रखो हम सब जानते है आखिर तुम्हारे साथ क्या हुआ है जो तुम्हारे साथ हुआ वही दूसरे के साथ दोहराना चाहती हो | यह बात करीव १५ साल पुरानी है तब से लेकर आज तक वह घर नहीं आयी है |
वह रिश्तेदारों के घर जाती तो अपनी आश्रम की कहानी सुनाती और लडकियो को बहलाना फुसलाना शुरू कर दिया | मुझे याद है वह अपनी मुफ्त की बाते हमारी अम्मा को सुना रही थी तो पापा बरस पड़े | बोले तुम चुप रखो हम सब जानते है आखिर तुम्हारे साथ क्या हुआ है जो तुम्हारे साथ हुआ वही दूसरे के साथ दोहराना चाहती हो | यह बात करीव १५ साल पुरानी है तब से लेकर आज तक वह घर नहीं आयी है |
उसके बाद में उसकी ही दो और बहने उसके नक़्शे कदम पर चलकर अपने घर को तिलांजलि देकर चली गयी | आज भी तीनो बहने आश्रम में रह रही है | हमारे घर वाले बताते है तीनो बहनों के साथ बलात्कार करके ब्लैकमेल करके फोटो बना ली थी | वह आज भी ब्लैक मेल की जिन्दगी बसर कर रही है |
आखिर यह क्या है मुझे समझ में नहीं आता है कृपा करके मानव गुरुओ से बचकर रहे नहीं तो किसी का भी जीवन नरक हो सकता है |
यह लेख साक्षात्कार.कॉम - साक्षात्कार.ओर्ग , साक्षात्कार टीवी.कॉम संपादक सुशील गंगवार ने लिखा है जो पिछले ११ साल से प्रिंट मीडिया , वेब मीडिया , इलेक्ट्रोनिक मीडिया के लिए काम कर रहे है उनसे संपर्क ०९१६७६१८८६६ पर करे |
?
No comments:
Post a Comment