अभी मैंने एक ब्लॉग
मीडिया दलाल डाट ब्लॉग स्पोट .कॉम शुरू किया तो कमेन्ट बॉक्स में लोगो ने जमकर लिखा | मीडिया दलाल ब्लॉग साक्षात्कार डाट .कॉम का ही हिस्सा है | मै दाद देता हु
डॉ.रूपेश श्रीवास्तव को जिसने यशवंत सिंह उर्फ़ भड़ास ४ मीडिया को उजागर करने में रौशनी डाली | कभी भड़ास का हिस्सा रहे डॉ. रुपेश जी आजकल नवी मुंबई में रहकर अपना ब्लॉग भड़ास .टी के और अपने डॉक्टर पेशे को चला रहे है |
मीडिया दलाल ब्लॉग मीडिया के दलालों को देख कर बनाया गया है जो किसी न किसी तरीके से मीडिया में जुगत लगाकर माल बना रहे है इसमे मीडिया की खबरों को शामिल किया जा रहा है | मै डॉ.रूपेश श्रीवास्तव के कमेन्ट को मीडिया दलाल ब्लागस्पाट डाट काम से साभार लेकर लगा रहा हु आप भी पढ़े | और अपने कमेन्ट लिखे |
17 December 2011 23:32
सुशील भाई, यशवंत सिंह के बारे में कुछ कहना उचित नहीं है क्योंकि निजी बातों को सार्वजनिक करने से कीचड़-कुश्ती दोबारा शुरू हो जाएगी। यदि आपकी याददाश्त में हो तो पता होगा कि भड़ास में मैं भी मॉडरेटर के तौर पर था लेकिन यशवंत ने तकनीकी झटका देकर मेरी पूरी टीम को ही निकाल दिया तो मैंने नये अवतार में भड़ास की आत्मा का पुनर्जन्म करा डाला और भड़ास-भड़ास चालू कर दिया जिससे तंग आकर यशवंत ने जी भर कर टोटके अपनाए कानूनी धमकी देना, गुंडो से फोन करवाना आदि लेकिन भड़ासियों पर ये सब कारगर नहीं है तो जाहिर है सब फ़ुस्स्स हो गया और यशवंत को भड़ास का नाम बदल कर भड़ास BLOG करना पड़ा । भड़ास की ऊर्जा को उन्होंने भड़ास4मीडिया में प्रयोग करके टके कराने चाहे लेकिन जब भड़ासी ही न रहे तो सिर्फ़ 4मीडिया बचा रह गया और जो वो कर सकते थे किया। उन्हें भी तो रोटी खानी है बच्चे पालने हैं वगैरह वगैरह.....।
मेरे एक पंजाबी दोस्त ने आपके ब्लॉग का url देख कर मुझसे कहा "पाऊ ! एक नया ब्लॉग बना है मीडिया दा लाल... शायद नए पत्रकारों के लिये होगी जो ट्रेनिंगें कर रहे हैं उनके हाथ साफ़ करने के लिये :)
लेकिन आपकी ब्लॉग तो कुछ अलग ही कर रहा है।
डॉ.रूपेश श्रीवास्तव
नवी मुंबई
संपर्क - 9224496555
यशवंत सिंह को बिलावजह प्रसिद्धि दिला रहे हैं भाई आप इस जमात के लोग तो चाहते ही हैं कि इनकी नकारात्मक खलनायक किस्म की छवि बनी रहे ताकि भले आदमी इनसे अकारण डरे सहमें रहें । रांड , भांड, सांड किस्म की जमात सिर्फ़ बहिष्कार मात्र से अपने आप ही नष्ट हो जाती है लेकिन भला हो हम सबका जो उन्हें बीच-बीच में कोस कर, गरिया कर उनके अस्तित्व को बनाए रखते हैं । भड़ास तो साइअबर स्पेस में महज बना कोई वेबपेज नहीं है बल्कि एक जीवन शैली है जो कि किसी यशवंत जैसे व्यक्ति के तकनीकी तौर पर हटा देने से समाप्त हो जाए । भाई रजनीश झा, मुनव्वर सुल्ताना आपा, मनीषा नारायण दीदी, मोहम्मद उमर रफ़ाई चच्चा और स्वयं मेरे जैसे तमाम भड़ासी जब यशवंत ने अपनी तकनीकी कुटिलता से हटा कर भड़ासियों की ऊर्जा के टके कराने के लिये भड़ास 4 मीडिया बना कर धंधा शुरू करा तो क्या हाल हो रहा है ये आप सबने देखा कि अपनी माताजी को न्याय दिलाने के लिये जो मुहिम इन्होंने चलाई थी वो फ़ुस्स होकर मुर्गे की तीन टाँग होकर खत्म करनी पड़ी, निष्प्राण हो चुके उस ब्लॉग पर बस अब उस नाम की एक पट्टियों में लपेटी "ममी" है जिसे लोग भड़ास समझ कर पहुंच जाते हैं, बेचारे मासूम हैं। भड़ास 4 मीडिया तो उसी तर्ज़ पर बना है जैसे "ऑयल फ़ॉर मसाज".....
ReplyDeleteसप्रेम
डॉ.रूपेश श्रीवास्तव