विप्लव
अपराधियों ने उसका शव जला कर राख भी नहर के पानी में बहा दी, अपराध ने पिछली सदी से इस नई सदी तक इतना सफ़र तय किया है. पहले हत्यारा तंदूर में शव जलाने की हड़बड़ी में पकड़ा जाता था. अब हत्यारे इत्मीनान से काम करते हैं और सबूत तक बहा देते हैं. जिक्र जिस भवरी देवी प्रकरण का हो रहा है कहा जा रहा है वो इस दुनिया में नही रही. सीबीआई ने बुधवार को राजस्थान की राजनीति में भूचाल मचाने वाले भंवरी देवी अपहरण मामले की गुत्थी सुलझा लेने का दावा किया है. तजा सूचना है कि भंवरी देवी मामले में आरोपी भैरा राम और उसका बेटा भी गिरफ्तार हो गया है.इन पर शक है कि इन्होंने भंवरी को जलाने के लिए लकड़ी सप्लाई की थी.
अपराधियों ने उसका शव जला कर राख भी नहर के पानी में बहा दी, अपराध ने पिछली सदी से इस नई सदी तक इतना सफ़र तय किया है. पहले हत्यारा तंदूर में शव जलाने की हड़बड़ी में पकड़ा जाता था. अब हत्यारे इत्मीनान से काम करते हैं और सबूत तक बहा देते हैं. जिक्र जिस भवरी देवी प्रकरण का हो रहा है कहा जा रहा है वो इस दुनिया में नही रही. सीबीआई ने बुधवार को राजस्थान की राजनीति में भूचाल मचाने वाले भंवरी देवी अपहरण मामले की गुत्थी सुलझा लेने का दावा किया है. तजा सूचना है कि भंवरी देवी मामले में आरोपी भैरा राम और उसका बेटा भी गिरफ्तार हो गया है.इन पर शक है कि इन्होंने भंवरी को जलाने के लिए लकड़ी सप्लाई की थी.
अब तक जो सामने आया है वह वीभत्स है. सीबीआई से जुड़े सूत्रों के मुताबिक भंवरी देवी की हत्या की साजिश राजस्थान के मंत्री महिपाल मदेरणा एवं विधायक मलखान सिंह विश्नोई ने रची थी क्योंकि भंवरी इन दोनों को ब्लैकमेल करने के साथ ही एक सीडी जो नाजुक पलों की थी उसे बाजार में ला देने की धमकी दे रही थी. भंवरी मदेरणा को सीडी और मलखान को बेटी की धमकी देकर ब्लैकमेल करती थी.मदेरणा ने सहीराम से भंवरी को निपटाने को कहा, .मलखान ने बहन इंद्रा व सोहनलाल से बात की. भंवरी के अपहरण व हत्या का षड़यंत्र रचा गया.सोहनलाल व शहाबुद्दीन ने अपहरण किया और सहीराम ने मुकदमे खत्म कराने का वादा कर विशनाराम को इसमें शामिल कर लिया. एक खबर के मुताबिक हत्या करने के बाद आरोपियों ने सबूत मिटाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उसका शव जला कर राख भी नहर के पानी में बहा दी, लेकिन सीएफएसएल के एक्सपर्ट नहर में जमी मिट्टी में धंसे हड्डी के टुकड़ों से भी हत्या के साक्ष्य ढूंढेंगे.
सीबीआई ने सीएफएसएल के वैज्ञानिकों को बुला लिया है.संभवतया यह टीम गुरुवार को दिल्ली से जोधपुर पहुंच जाएगी. ब्यूरो ने बुधवार को एक अन्य आरोपी को गिरफ्तार किया. माना जा रहा है कि जिस जीप से भंवरी देवी का शव ले जाया गया और साक्ष्य मिटाए गए, गिरफ्तार व्यक्ति उसका मालिक है. कैलाश जाखड़ नाम के शख्स को गिरफ्तार किया है.
कैलाश जाखड़ को बीती रात सीबीआई ने जोधपुर-अजमेर हाइवे से गिरफ्तार किया. वह ट्रक में छुपकर भागने की कोशिश कर रहा था. आरोप है कि जाखड़ ने ही एक सितंबर 2011 को ह्त्या की. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जाखड़ ने भंवरी की लाश को ठिकाने लगाने की बात स्वीकार ली है.उसे अब उस जगह की निशानदेही के लिए ले जाया जाएगा, जहां लाश को आग के हवाले किया गया था . पूछताछ में कैलाश ने खुलासा किया है कि भंवरी की पहले हत्या की और फिर जालोड़ा गांव में जला दिया. अब सीबीआई उसके अवशेष तलाशने के लिए जालोड़ा गई. सीबीआई जांच में सामने आया कि मदेरणा ने 23 जुलाई 2011 को न्यूज चैनल पर खबर प्रसारित होने के बाद मदेरणा ने सहीराम को भंवरी से बात करने के लिए कहा . मदेरणा समेत सोहनलाल व शहाबुद्दीन से क्रास इंटेरोगेशन में यह बात सामने आई. कैलाश जाखड़ ने कबूला है कि बिश्ना राम के साथ मिलकर उसने जालौरा और ओशिया के बीच भंवरी को जला दिया था.
हालांकि सीबीआई अधिकारियों की ओर इस खबर की कोई पुष्टि नहीं की गई है.विशनाराम को बुधवार को पुणे में गिरफ्तार कर लिया गया है. माना जा रहा है कि विशनाराम गेंग के सहयोगी और उसके भाई ओम प्रकाश से, जो इस समय सीबीआई की कस्टडी में है, मिली जानकारी के आधार पर विशनाराम की गिरफ्तारी हुई. हालांकि, गिरफ्तारी की आधिकारिक पुष्टि अभी तक सीबीआई ने नहीं की है.सीबीआई को बड़ी सफलता हाथ लगी, जब जांच एजेंसी ने मामले के एक आरोपी बिशनाराम बिश्नोई को पुणे के पास लोनावला से और बिश्नोई गिरोह के सदस्य कैलाश जाखड़ को जोधपुर के निकट गिरफ्तार कर लिया. इन पर भंवरी के शव को ठिकाने लगाने का आरोप है.
पुणे के नगर पुलिस आयुक्त मीरान बोरवानकर के मुताबिक आरोपी बिश्नोई मंगलवार की रात लोनावला में एक गोदाम में मिला.सीबीआई ने दावा किया है कि भंवरी देवी की हत्या कैलाश जाखड़ ने की थी और उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया है.भंवरी को हिस्ट्रीशीटर विशनाराम का गैंग 1 सितंबर को नेवरा रोड से फलोदी की ओर ले गया और उसे ठिकाने लगाकर भूमिगत हो गया. हालांकि, विशनाराम को यह काम सहीराम ने सौंपा था, लेकिन सहीराम के पकड़ में आने के बावजूद भंवरी का पता नहीं लगा है और यह कहानी तब अतक अविश्वसनीय लगेगी जब तक ह्त्या के सबूत हासिल नही हो जाते
Sabhar:-Datelineindia.com.
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