पुनीत त्रिपाठी
नोएडा। साल 2003 में दहेज की मांग के बाद बारात को वापस लौटा देने से पूरे देश में मशहूर निशा शर्मा कोर्ट में दहेज का केस हार गई। नोएडा की जिला अदालत ने 9 साल बाद इस फैसला सुनाते हुए दहेज केस में सभी आरोपियों को बरी कर दिया।
मालूम हो कि ये मामला साल 2003 का है। नोएडा में रहनेवाली निशा शर्मा ने दहेज की मांग करने पर बारात को वापस लौटा दिया था। इसके बाद निशा शर्मा को आयरन लेडी तक कहा गया, उनकी तस्वीर हर अखबार में कई दिनों तक छपती रही। इसके लिए कई संगठनों ने निशा को सम्मानित किया। लड़कियों को निशा शर्मा जैसा बनने का उदाहरण दिया जाने लगा, लेकिन निशा शर्मा और उनका परिवार अदालत में अपना केस हार चुका है। नोएडा की जिला अदालत ने 9 साल बाद अपना फैसला सुनाया और सभी आरोपियों को बरी कर दिया।बचाव पक्ष के वकील आर के सिंह के मुताबिक कोर्ट ने अपने आदेश में मुनीष दलाला उनकी मां विघा दलाल, और बुआ सावित्री देवी को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। नोएडा में 11 मई 2003 को मुनीष दलाला की बारात निशा शर्मा के घर आई थी, लेकिन निशा के घरवालों के मुताबिक मुनीष की मां ने ऐन शादी के वक्त 12 लाख रुपए और स्टीम कार की मांग कर दी। इसके बाद निशा ने शादी से इनकार कर दिया और बारात वापस लौट गई। इसके बाद निशा के पिता ने नोएडा में मुनीष दलाला, उनकी मां और बुआ के खिलाफ दहेज उत्तपीड़न का मामला दर्ज कराया।
इसी बीच घटना के कुछ दिनों बाद ही नवनीत राय नाम का एक शख्स सामने आया, उसने दावा किया की उसकी शादी पहले ही निशा शर्मा से हो चुकी है। निशा ने नवनीत के खिलाफ भी मामला दर्ज कराया जिसमें उसके आरोपों को गलत बताया गया। 9 साल तक इस मामले में गवाहों के बयान दर्ज होते रहे और सुनवाई चलती रही और अब 9 साल बाद अदालत ने मुनीष और उसके घरवालों समेत नवनीत राय को संदेह के आधार पर बरी कर दिया है।
दूसरी तरफ निशा के पिता इस फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती देने की बात कह रहे हैं। निशा के पिता डी. डी. शर्मा ने बताया कि हम कानूनी पहलू को देखेगें और ऊपरी अदालत में जाएगें। वहीं, कोर्ट ने पूरे मामले की सुनवाई के दौरान ये पाया कि जो गवाह और सबूत निशा शर्मा और उनके परिवार की तरफ से पेश किए गए थे। उससे लगाए गए आरोप पूरी तरह साबित नहीं हो पाए। यही नहीं कोर्ट ने ये माना कि निशा और नवनीत के रिश्ते काफी गहरे थे। जो कि आरोपियों के बरी होने की अहम वजह बनी।
Sabhar-
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