भारत-पाक की कर्म कुंडली का विवेचन
भारत एवम् पाक की प्रचलित नाम राशि क्रमश: धनु एवम् कन्या है। धनु एवम् कन्या राशि के स्वामी क्रमश: देव गुरू-बृहस्पति एवम् असुर-गुरू बुध है। बुध-बृहस्पति की नाजायज औलाद है। इसलिए बुध एवम् बृहस्पति में परस्पर शत्रुता है। देवगुरू बृहस्पति क्षमावान, ज्ञानवान, अहिंसावादी एवम् सात्विक ग्रह है, जबकि इसके विपरीत बुध बेहद चालक-अवसरवादी-बेईमान एवम् समयानुसार बदलाव की प्रकृति के मालिक है।
सुदर्शन चक्र ज्योतिषानुसार भारत की कर्मकुंडली का सुक्षम विश्लेषण निम्र प्रस्तुत है:
* स्वतंत्र भारत की जन्मकुंडली में कर्क राशिस्थ होकर मूलभाव से सअष्टक योग बना रहा है। वर्तमान ग्रहगोचरानुसार राहु-केतु एवम् शुक्र के क्रमश: अपनी अपनी नीच राशियों में होने के कारण देश में शीत लहर से ज्यादा परिवर्तन की लहर देखने को मिलेगी। देश में मुद्रास्फीति में वृद्धि, महंगाई के कारण जन आक्रोश-जातीय हिंसा एवम् सत्ता परिवर्तन के योग है।
* पी/एस/आर/एम एवम् वी Initials के राष्ट्रीय नेताओं को भ्रष्टाचार, देशद्रोह एवम् जनता के कोपभोजन के कारण जेल एवम् जनता द्वारा बहिष्कार का सामना करना होगा।
* दागी नेता समाजिक बहिष्कार के डर से जनता के समक्ष जाने से कतरायेंगे। आगामी वर्ष का राजा एवम् मंत्री शुक्र ग्रह होने केकारण महिला प्रत्याशियों का योगदान 40 प्रतिशत तक होगा, 70 प्रतिशत से ज्यादा नये चेहरे होंगे, जो भी राष्ट्रीय दल स्वच्छ छवि के युवाओं को ज्यादा से ज्यादा प्रोत्साहन देंगे विजयीश्री होंगे। आगामी चुनावों में सरकारे बहुमत प्राप्त राष्ट्रीय दलों की होगी। खिचड़ी सरकार एवम् अवसरवाद का दौर खत्म समझें।
* 10 दिसंबर 2011 को खग्रास चंदग्रहण है पी/एन/आर/वी/डी इन्टायलस के राजनेताओं के लिए विशेष कष्टकारी साबित होगा। मान-सम्मान को ठेस पहुंचेगी, सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ेगा। एच/एस इन्टायलस के राजनेताओं को ऊल-जुलूंल बयानबाजी घातक सिद्ध होगी।
* महंगाई एवम् भ्रष्टाचार के मुद्दे पर यूपीए के घटक 10 दिसंबर 2011 उपरांत कभी भी यूपीए का साथ छोड़ सकते है। यूपीए नेताओं की मूलभूत समस्याओं के बारे में समय से निर्णायात्मक पग उठाने में अक्षमता, गैर जिम्मेदाराना बयानबाजी एवम् सत्ता के दुरूपयोग की वृत्ति के कारण समाज में जागरूकता एवम् बदलाव की लहर देखने को मिलेगी।
* जन-आंदोलन, विरोध प्रदर्शन एवम् सामाजिक-कार्यकर्ताओं पर सरकारी तंत्र की ज्यादातियों के कारण जन-आक्रोश और भडकेगा, स्थिति बेकाबू हो जाएगी।
* मार्च-अक्तूबर 2012 मध्य पंजाब, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर एवम् गोवा आदि प्रांतों में चुनावों के नतीजे एकतरफा होंगे।
* पांच में से चार राज्यों में एनडीए की बहुमत प्राप्त सरकारे बनेंगी। उत्तरप्रदेश में स्थिति असमंजस की होगी। आशा के विपरी त सरकार बीएसपी की ही बनेगी। केंद्रीस शासन सत्ता के प्रमुख नेताओं को भारी कठिनाईयों एवम् जनता के बहिष्कार का सामना करना पड़ेगा।
* नाजुक समय है। आत्म मंथन की अत्यधिक आवश्यकता है। काले धन की वापिसी की घोषणा, जन-लोकपाल बिल पारित करवाना, समय रहते दागी नेताओं का पाटी से निष्कासन वर्तमान सरकार की छवि में सुधार ला सकता है। समस्याएं जटिल है। कुछ नेताओं को बलि का बकरा बनना पडेगा। पी/एन/ए/डी इन्टायलस के नेताओं पर संकट के बादल मंडरा रहे है। 2011-2013 में मध्यावधि चुनावी बिगुल बज सकता है।
* पाकिस्तान की नाम राशि कन्या पर 26-27 जून 2012 मध्य चंद्र-मंगल-शनि की युति एवम् राशि स्वामी द्वारा चंद्रमा के साथ स्थान परिवर्तन, पराक्रम भावस्थ नीच के राहू एवम् धर्मभाव में केतु बृहस्पति एवम् शुक्र की युति के कारण ए/के/एन/एच Initials के राष्ट्रीय नेता धार्मिक उन्माद एवम् उग्रवाद को बढ़ावा देंगे। दैत्य गुरू नीच के शुक्र के कारण भय एवम् अराजकता का वातावरण होगा।
* पाकिस्तान के सितारे गर्दिश में है। एम/आर/ए इन्टायलस के राष्ट्रीय नेताओं को भ्रष्टाचार एवम् देशद्रोह के आरोप-प्रत्यरोप के कारण लज्जित होना पड़ेगा। आर/टी/ए/के/एन/एच Initials के राष्ट्रीय नेताओं के गल्त निर्णयों के कारण पाकिस्तान में अकल्पनीय भयावह घटनाक्रम देखने को मिलेंगे। पाकिस्तान का पश्चिमी भाग पोक सबसे ज्यादा प्रभावित होगा। गिलगिट एवम् बालिस्तान में आतंकवादी ठिकानों के तहस-नहस का पूर्ण योग है। अमरीका थककर अफगानिस्तान से पलायन करेगा जिसका खामियाजा पाकिस्तान को भुगतना होगा। तालिबान का पुन: वर्चस्व बढेगा। 26-27 जून 2012 को पाकिस्तान में तख्ता पलट के पूर्ण योग है। समय 6 दिसंबर 2012 तक बहुत नाजुक है। पाकिस्तान के कुटिल सैन्य तंत्र के कारण आतंकवादी तत्व महाविनाशकारी परमाणु अस्त्रों को प्राप्त कर सकते है, जिससे भारत के गुजरात प्रांत में अहमदाबाद एवम् राजकोट क्षेत्र विशेष प्रभावित होंगे। पाकिस्तान आयोजित आतंकवादी आक्रमण के कारण भारत-पाक संबंधों में तनाव चरम सीमा पर होगा।
* भारत-पाकिस्तान व्यापार संधि खटाई में पड़ सकती है। एस/एम Initials के राष्ट्रीय नेताओं पर देश को लूटने का आरोप एवम् ब्लैकमनी का मुद्दा पाकिस्तान में भी जोर पकड़ेगा। भ्रष्ट नेताओं को जनता का कोपभोजन बनना होगा। सामाजिक विद्रोह को दबाने के लिए सेना को हस्तक्षेप होगा। फिर से सैनिक शासन की पूर्ण संभावना है, जो अगामी 9 वर्षों तक सत्ता पर काबिज रहेगा।
* कराची-लाहौर प्रांतों से आई/एन/एम Initials के युवा-नेताओं के कारण पाकिस्तान में भी क्रांति की लहर दिखाई देगी।
सुदर्शन चक्र ज्योतिषानुसार भारत की कर्मकुंडली का सुक्षम विश्लेषण निम्र प्रस्तुत है:
* स्वतंत्र भारत की जन्मकुंडली में कर्क राशिस्थ होकर मूलभाव से सअष्टक योग बना रहा है। वर्तमान ग्रहगोचरानुसार राहु-केतु एवम् शुक्र के क्रमश: अपनी अपनी नीच राशियों में होने के कारण देश में शीत लहर से ज्यादा परिवर्तन की लहर देखने को मिलेगी। देश में मुद्रास्फीति में वृद्धि, महंगाई के कारण जन आक्रोश-जातीय हिंसा एवम् सत्ता परिवर्तन के योग है।
* पी/एस/आर/एम एवम् वी Initials के राष्ट्रीय नेताओं को भ्रष्टाचार, देशद्रोह एवम् जनता के कोपभोजन के कारण जेल एवम् जनता द्वारा बहिष्कार का सामना करना होगा।
* दागी नेता समाजिक बहिष्कार के डर से जनता के समक्ष जाने से कतरायेंगे। आगामी वर्ष का राजा एवम् मंत्री शुक्र ग्रह होने केकारण महिला प्रत्याशियों का योगदान 40 प्रतिशत तक होगा, 70 प्रतिशत से ज्यादा नये चेहरे होंगे, जो भी राष्ट्रीय दल स्वच्छ छवि के युवाओं को ज्यादा से ज्यादा प्रोत्साहन देंगे विजयीश्री होंगे। आगामी चुनावों में सरकारे बहुमत प्राप्त राष्ट्रीय दलों की होगी। खिचड़ी सरकार एवम् अवसरवाद का दौर खत्म समझें।
* 10 दिसंबर 2011 को खग्रास चंदग्रहण है पी/एन/आर/वी/डी इन्टायलस के राजनेताओं के लिए विशेष कष्टकारी साबित होगा। मान-सम्मान को ठेस पहुंचेगी, सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ेगा। एच/एस इन्टायलस के राजनेताओं को ऊल-जुलूंल बयानबाजी घातक सिद्ध होगी।
* महंगाई एवम् भ्रष्टाचार के मुद्दे पर यूपीए के घटक 10 दिसंबर 2011 उपरांत कभी भी यूपीए का साथ छोड़ सकते है। यूपीए नेताओं की मूलभूत समस्याओं के बारे में समय से निर्णायात्मक पग उठाने में अक्षमता, गैर जिम्मेदाराना बयानबाजी एवम् सत्ता के दुरूपयोग की वृत्ति के कारण समाज में जागरूकता एवम् बदलाव की लहर देखने को मिलेगी।
* जन-आंदोलन, विरोध प्रदर्शन एवम् सामाजिक-कार्यकर्ताओं पर सरकारी तंत्र की ज्यादातियों के कारण जन-आक्रोश और भडकेगा, स्थिति बेकाबू हो जाएगी।
* मार्च-अक्तूबर 2012 मध्य पंजाब, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर एवम् गोवा आदि प्रांतों में चुनावों के नतीजे एकतरफा होंगे।
* पांच में से चार राज्यों में एनडीए की बहुमत प्राप्त सरकारे बनेंगी। उत्तरप्रदेश में स्थिति असमंजस की होगी। आशा के विपरी त सरकार बीएसपी की ही बनेगी। केंद्रीस शासन सत्ता के प्रमुख नेताओं को भारी कठिनाईयों एवम् जनता के बहिष्कार का सामना करना पड़ेगा।
* नाजुक समय है। आत्म मंथन की अत्यधिक आवश्यकता है। काले धन की वापिसी की घोषणा, जन-लोकपाल बिल पारित करवाना, समय रहते दागी नेताओं का पाटी से निष्कासन वर्तमान सरकार की छवि में सुधार ला सकता है। समस्याएं जटिल है। कुछ नेताओं को बलि का बकरा बनना पडेगा। पी/एन/ए/डी इन्टायलस के नेताओं पर संकट के बादल मंडरा रहे है। 2011-2013 में मध्यावधि चुनावी बिगुल बज सकता है।
* पाकिस्तान की नाम राशि कन्या पर 26-27 जून 2012 मध्य चंद्र-मंगल-शनि की युति एवम् राशि स्वामी द्वारा चंद्रमा के साथ स्थान परिवर्तन, पराक्रम भावस्थ नीच के राहू एवम् धर्मभाव में केतु बृहस्पति एवम् शुक्र की युति के कारण ए/के/एन/एच Initials के राष्ट्रीय नेता धार्मिक उन्माद एवम् उग्रवाद को बढ़ावा देंगे। दैत्य गुरू नीच के शुक्र के कारण भय एवम् अराजकता का वातावरण होगा।
* पाकिस्तान के सितारे गर्दिश में है। एम/आर/ए इन्टायलस के राष्ट्रीय नेताओं को भ्रष्टाचार एवम् देशद्रोह के आरोप-प्रत्यरोप के कारण लज्जित होना पड़ेगा। आर/टी/ए/के/एन/एच Initials के राष्ट्रीय नेताओं के गल्त निर्णयों के कारण पाकिस्तान में अकल्पनीय भयावह घटनाक्रम देखने को मिलेंगे। पाकिस्तान का पश्चिमी भाग पोक सबसे ज्यादा प्रभावित होगा। गिलगिट एवम् बालिस्तान में आतंकवादी ठिकानों के तहस-नहस का पूर्ण योग है। अमरीका थककर अफगानिस्तान से पलायन करेगा जिसका खामियाजा पाकिस्तान को भुगतना होगा। तालिबान का पुन: वर्चस्व बढेगा। 26-27 जून 2012 को पाकिस्तान में तख्ता पलट के पूर्ण योग है। समय 6 दिसंबर 2012 तक बहुत नाजुक है। पाकिस्तान के कुटिल सैन्य तंत्र के कारण आतंकवादी तत्व महाविनाशकारी परमाणु अस्त्रों को प्राप्त कर सकते है, जिससे भारत के गुजरात प्रांत में अहमदाबाद एवम् राजकोट क्षेत्र विशेष प्रभावित होंगे। पाकिस्तान आयोजित आतंकवादी आक्रमण के कारण भारत-पाक संबंधों में तनाव चरम सीमा पर होगा।
* भारत-पाकिस्तान व्यापार संधि खटाई में पड़ सकती है। एस/एम Initials के राष्ट्रीय नेताओं पर देश को लूटने का आरोप एवम् ब्लैकमनी का मुद्दा पाकिस्तान में भी जोर पकड़ेगा। भ्रष्ट नेताओं को जनता का कोपभोजन बनना होगा। सामाजिक विद्रोह को दबाने के लिए सेना को हस्तक्षेप होगा। फिर से सैनिक शासन की पूर्ण संभावना है, जो अगामी 9 वर्षों तक सत्ता पर काबिज रहेगा।
* कराची-लाहौर प्रांतों से आई/एन/एम Initials के युवा-नेताओं के कारण पाकिस्तान में भी क्रांति की लहर दिखाई देगी।
-संतबेतरा अशोका(प्रैसवार्ता)
सुर्दशन चक्र ज्योतिष(विश्व में अद्वितीय),
गाजियाबाद, मो. 099110-62111, 9990014155
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