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Nandita Mahtani hosts a birthday party for Tusshar Kapoor

http://www.sakshatkar.com/2017/11/nandita-mahtani-hosts-birthday-party.html

आज़ाद न्यूज़ के न्यूज़ रूम में गर्मी का कहर




आज़ाद न्यूज़ के नोयडा स्थित सेक्टर-5 के ऑफिस में आप जायेंगे तो बाहर से आपको सब चमकदार लगेगा. शानदार बिल्डिंग. शीशे की चमकती दीवार. यानी सबकुछ अच्छा - अच्छा फील होगा. लेकिन जैसे ही आप अंदर जायेंगे तो हकीकत सामने आ जाएगी. आप गर्मी से बेहाल हो जायेंगे. जल्दी -से- जल्दी वहां से खिसकना चाहेंगे. क्योंकि आज़ाद न्यूज़ में दो जगहों को छोड़कर कहीं भी एसी नहीं चल रहा है. ये दो जगह हैं चैनल के मालिक मिस्टर वालिया का केबिन और चैनल का दूसरा स्टूडियो जो अभी बेकार पड़ा हुआ. वहां से न्यूज़ बुलेटिन का प्रसारण नहीं होता. आपने दिल्ली की सर्दी वाला गाना तो जरूर सुना होगा. उफ ! ये दिल्ली की सर्दी. आजकल आज़ाद न्यूज़ के पत्रकार यही गाना गुनगुना रहे हैं. बस सर्दी की जगह गर्मी को उन्होंने जोड़ दिया है और कुछ यूँ गुनगुना रहे हैं - उफ ! दिल्ली की ये गर्मी. आज़ाद न्यूज़… और मालिकों का ये सितम .आज़ाद न्यूज़ का पूरा न्यूज़ रूम आग उगल रहा है. दिल्ली में प्रचंड गर्मी पड़ रही है. पारा 45 डिग्री तक पहुँच गया है. एंकर पसीने में तर-बतर होकर एंकरिंग कर रहे हैं. डेस्क के लोग परेशान हैं. शीशे के कैदखाने में पड़े तड़फड़ा रहे हैं. आज़ाद न्यूज़ के अंदर आजकल ऐसा ही आलम है. पत्रकार बेहोश हो रहे हैं. एंकर उल्टियाँ कर रहे हैं. लोग अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं. यानी कुल - मिलाकर अफरा - तफरी का आलम है. काम करने वाले सभी लोग गर्मी से बुरी तरह बेहाल हैं. न्यूज़ से ज्यादा गर्मी से निजात पाने की और उनका ध्यान रहता है. न्यूज़ रूम उन्हें किसी भयानक सपने से कम नहीं लग रहा है. यह हालात पिछ्ले कुछ समय से है.सूत्रों के हवाले से हमें जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक अबतक गर्मी के कारण सात लोग बीमार हो चुके हैं. इनमें से आज़ाद न्यूज़ के न्यूज़ डायरेक्टर अम्बिकानंद सहाय भी हैं. आप यकीन करें या न करें, लेकिन यह सच है कि चैनल के न्यूज़ डायरेक्टर के कमरे में भी एसी काम नहीं कर रहा है. इसी वजह से उनकी तबीयत ख़राब हो गयी है. इस मामले में आज़ाद न्यूज़ में पूरा प्रजातंत्र है.
अम्बिकानंद सहाय के अलावा दिल्ली ब्यूरो के प्रमुख प्रखर मिश्र, शिफ्ट इंचार्ज तारा सैनी, इंटरटेनमेंट की मिष्टी और सूरज भारद्वाज, सौरभ श्रीवास्तव और एंकर सरफराज सैफ़ी गर्मी के कारण अस्वस्थ्य हो चुके हैं. यदि यही हाल रहा तो आने वाले दिनों में और भी पत्रकारों की तबीयत बिगड़ सकती है. लेकिन चैनल के कर्ता-धर्ता आँखें मूंदें बैठे हैं. पत्रकार जल-भून कर मुश्किल परिस्थितियों में काम कर रहे हैं. मालिक लोग चैन की बंसी बजा रहे हैं. अभी हाल ही में चैनल के बार - बार ब्लैक आउट होने की वजह से चैनल की खूब बदनामी हुई थी. लेकिन लगता नहीं है की चैनल के संचालकों ने इससे कोई सीख ली है. ढ़ाक की तीन पात वाली कहावत पर वे अब भी चल रहे हैं. यानी कुछ भी हो जाए हम कोई सुधार नहीं करेगे. एक तरफ यह समस्या है तो दूसरी तरफ चैनल के अंदर गुटबाजी भी पूरे जोरों पर हैं. चैनल दो गुटों में बँटा हुआ है जो बारी - बारी से दूसरे गुट को मात देने की जुगत भिड़ाता रहता है. स्टूडियो आजकल षड्यंत्र का अखाड़ा बन गया है. यह वही स्टूडियो है जो न्यूज़ पढने के काम तो नहीं आता लेकिन आजकल आज़ाद न्यूज़ के सभी पत्रकारों का पसंदीदा जगह बन गया है. क्योंकि यही एक जगह है जहाँ का एसी काम कर रहा है.
पता नहीं आगे क्या - क्या इस चैनल के बारे में देखने - सुनने को मिलेगा. लेकिन एक बात तय है कि यहाँ काम करने वाले लोगों के साथ अमानवीय व्यवहार हो रहा है. अगली कुछ और रिपोर्ट में हम इसका खुलासा करेंगे. फिलहाल के लिए इतना ही.
( रिपोर्ट का मकसद संस्थान के ब्रांड इमेज को नुकसान पहुँचाना कतई नहीं है. हमारा उद्देश्य सच को सामने लाना है. संचालकों से अपील है कि वे पत्रकारों को बंधुआ मजदूर की तरह ट्रीट ना करें. एसी किसी भी संस्थान का ख़राब हो सकता है. लेकिन फिर उसे ठीक करवाने की जिमेदारी भी संचालकों की है. लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं किया गया. न्यूज़रूम में पत्रकार गर्मी से बेहाल हैं लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. क्या किसी संस्थान का यही प्रोफेशनल एप्रोच होना चाहिए ? कम से कम से आधारभूत सुविधाओं से तो वंचित मत कीजिये)

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