ऑल मणिपुर वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन (एएमडब्ल्यूजेयू) ने शनिवार, 24 जुलाई 2010 से तीन दिनों के लिए हड़ताल का आयोजन किया है। हड़ताल का आयोजन ‘दि सानालीबक’ के संपादक और ऑल मणिपुर वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन (एएमडब्ल्यूजेयू) के प्रवक्ता ए.मोबी को जान से मारने की धमकी के विरोध में किया गया है।
राज्य में प्रतिबंधित भूमिगत उग्रवादी संघठन के द्वारा फोन पर धमकी दी गयी। संघ ने कहा है कि अगर उग्रवादी संगठन ने माफी नहीं मांगी और धमकी को वापस नहीं लिया तो, वहां और भी आंदोलन किया जायेगा। विरोध का आयोजन किशामपट में किया जा रहा है, जो पत्रकारों के द्वारा विरोध प्रदर्शन के लिए स्थायी जगह बन गया है, जिन पर अक्सर आतंकवादी हमले करते हैं।
इसी आतंकवादी समूह के द्वारा अभद्र भाषा के इस्तेमाल और धमकी को देखते हुए कुछ दिनों पहले ही समाचारपत्रों ने दो दिनों के लिए प्रकाशन बंद कर दिया था। और अब, ताजा धमकी ऑल मणिपुर वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन (एएमडब्ल्यूजेयू) के प्रवक्ता को दिया गया है। शुक्रवार की रात मोबी सुरक्षा कारणों की वजह से घर नहीं जा सके।
उन क्षेत्रों में जहां समाचारपत्र के कार्यालय हैं चौकसी को तेज कर दिया गया है। सशस्त्र पुलिस गार्ड विरोध स्थल के नजदीक खड़े हैं। बैनर के माध्यम से सशस्त्र विद्रोहियों से पत्रकारों को यातनाएं नहीं देने की अपील की गई है। एक बैनर में उक्त आतंकवादी संगठन को पत्रकारों से माफी मांगने और जान से मारने की धमकी को वापस लेने को कहा गया है। हालांकि, आतंकवादियों की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया है।
इस बीच, धरने पर बैठे पत्रकारों को एक मुस्लिम आतंकवादी संगठन से एक एसएमएस प्राप्त हुआ है जिसमें कुछ संपादकों से अपने प्रेस रिलीज को बगैर किसी रूकावट को छापने को कहा गया है।
राज्य में प्रतिबंधित भूमिगत उग्रवादी संघठन के द्वारा फोन पर धमकी दी गयी। संघ ने कहा है कि अगर उग्रवादी संगठन ने माफी नहीं मांगी और धमकी को वापस नहीं लिया तो, वहां और भी आंदोलन किया जायेगा। विरोध का आयोजन किशामपट में किया जा रहा है, जो पत्रकारों के द्वारा विरोध प्रदर्शन के लिए स्थायी जगह बन गया है, जिन पर अक्सर आतंकवादी हमले करते हैं।
इसी आतंकवादी समूह के द्वारा अभद्र भाषा के इस्तेमाल और धमकी को देखते हुए कुछ दिनों पहले ही समाचारपत्रों ने दो दिनों के लिए प्रकाशन बंद कर दिया था। और अब, ताजा धमकी ऑल मणिपुर वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन (एएमडब्ल्यूजेयू) के प्रवक्ता को दिया गया है। शुक्रवार की रात मोबी सुरक्षा कारणों की वजह से घर नहीं जा सके।
उन क्षेत्रों में जहां समाचारपत्र के कार्यालय हैं चौकसी को तेज कर दिया गया है। सशस्त्र पुलिस गार्ड विरोध स्थल के नजदीक खड़े हैं। बैनर के माध्यम से सशस्त्र विद्रोहियों से पत्रकारों को यातनाएं नहीं देने की अपील की गई है। एक बैनर में उक्त आतंकवादी संगठन को पत्रकारों से माफी मांगने और जान से मारने की धमकी को वापस लेने को कहा गया है। हालांकि, आतंकवादियों की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया है।
इस बीच, धरने पर बैठे पत्रकारों को एक मुस्लिम आतंकवादी संगठन से एक एसएमएस प्राप्त हुआ है जिसमें कुछ संपादकों से अपने प्रेस रिलीज को बगैर किसी रूकावट को छापने को कहा गया है।
साभार- समाचार ४ मीडिया .कॉम
Are bhai sab theek chal raha hai ki nahi jara mail karke bata dena
ReplyDeleteआज कल शहर बरेली में स्कूल , मैनेजमेंट कॉलेज में खुले आम रिश्बत लेकर प्रवेश चल रहा है . यह लोग कम सीट दिखाकर मोटा पैसा कमा रहे है . कृपा करके इसके बारे में लिखे .
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