हेडलाइन्स टुडे और जी टीवी के मुंबई क्षेत्रिय चैनल पर हमले का देश भर में चौतरफा विरोध हुआ है। कल हेडलाइन्स टुडे के दिल्ली स्थित कार्यालय और जी टीवी के मुंबई स्थित कार्यालय पर कुछ उपद्रवी तत्वों ने हमला किया था। इस बाबत समाचार4मीडिया ने मीडिया संगठन के पदाधिकारियों और वरिष्ट पत्रकारों से उनकी राय जानी।
बीईए के महासचिव एन के सिहं ने समाचार4मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह लोकतंत्र की आवाज बंद करने की कोशिश है। हम लोग इसकी निंदा करते हैं। प्रजातंत्र में सबको आवाज उठाने का अधिकार है लेकिन कानून के दायरे में रहकर। अब इस तरह की घटनाएं लागातार हो रहीं हैं। कल दिल्ली में हेडलाइन्स टुडे और मुंबई में जी टीवी के ऑफिस पर हमला हुआ। पिछले दो वर्षों में इस तरह का यह पांचवा हमला है। इस तरह के हमले करने वाला एक छोटा समूह है जिसका संविधान में विश्वास नहीं है। इस तरह के लोगो के लिए कठोर कानून बनना चाहिए। हमने सरकार से आग्रह किया है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए।
बीईए के प्रेसिडेंट शाज़ी ज़मा ने कहा कि हम कड़े शब्दो में इसकी निंदा करते है।
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के अध्यक्ष राजदीप सरदेसाई और महासचिव कोमी कपूर ने एक बयान में कहा कि यह फासीवादी तरीकों से मीडिया की आवाज बंद करने की कोशिश की है। भीँड़ में से कुछ लोगों ने बलपूर्वक बिल्डिंग में घुसकर हेडलाइन टुडे के ऑफिस को बंद कर दिया। प्रेस की आजादी में विश्वास करने वाले सभी संस्थान इस तरह की धमकी और हमलों का विरोध करते हैं।
सहारा मीडिया इंडिया के एडिटर और न्यूज डायरेक्टर उपेंद्र राय ने कहा कि यह लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला है।
आजतक के न्यूज डायरेक्टर कमर वहीद नकवी ने हमले को सुनियोजित करार देते हुए कहा कि यह हमारी आवाज को दबाने की कोशिश है।
वरिष्ठ पत्रकार राम बहादुर राय ने समाचार4मीडिया से बात करते हुए कहा कि हेडलाइन्स टुडे पर हमला अलोकतांत्रिक है। जिन लोगों ने हमला किया अगर उन्हें कोई शिकायत थी तो लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात कह सकते थे। उन्हें संपादक से बात करनी चाहिए थी, वहां से संतोषजनक जवाब न मिलने पर अवाज उठाने लिए दूसरे भी मंच हैं। लेकिन हमलावरो ने जो अलोकतांत्रिक तरीका अपनाया उससे उनके मिजाज का पता चलता है।
बीईए के महासचिव एन के सिहं ने समाचार4मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह लोकतंत्र की आवाज बंद करने की कोशिश है। हम लोग इसकी निंदा करते हैं। प्रजातंत्र में सबको आवाज उठाने का अधिकार है लेकिन कानून के दायरे में रहकर। अब इस तरह की घटनाएं लागातार हो रहीं हैं। कल दिल्ली में हेडलाइन्स टुडे और मुंबई में जी टीवी के ऑफिस पर हमला हुआ। पिछले दो वर्षों में इस तरह का यह पांचवा हमला है। इस तरह के हमले करने वाला एक छोटा समूह है जिसका संविधान में विश्वास नहीं है। इस तरह के लोगो के लिए कठोर कानून बनना चाहिए। हमने सरकार से आग्रह किया है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए।
बीईए के प्रेसिडेंट शाज़ी ज़मा ने कहा कि हम कड़े शब्दो में इसकी निंदा करते है।
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के अध्यक्ष राजदीप सरदेसाई और महासचिव कोमी कपूर ने एक बयान में कहा कि यह फासीवादी तरीकों से मीडिया की आवाज बंद करने की कोशिश की है। भीँड़ में से कुछ लोगों ने बलपूर्वक बिल्डिंग में घुसकर हेडलाइन टुडे के ऑफिस को बंद कर दिया। प्रेस की आजादी में विश्वास करने वाले सभी संस्थान इस तरह की धमकी और हमलों का विरोध करते हैं।
सहारा मीडिया इंडिया के एडिटर और न्यूज डायरेक्टर उपेंद्र राय ने कहा कि यह लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला है।
आजतक के न्यूज डायरेक्टर कमर वहीद नकवी ने हमले को सुनियोजित करार देते हुए कहा कि यह हमारी आवाज को दबाने की कोशिश है।
वरिष्ठ पत्रकार राम बहादुर राय ने समाचार4मीडिया से बात करते हुए कहा कि हेडलाइन्स टुडे पर हमला अलोकतांत्रिक है। जिन लोगों ने हमला किया अगर उन्हें कोई शिकायत थी तो लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात कह सकते थे। उन्हें संपादक से बात करनी चाहिए थी, वहां से संतोषजनक जवाब न मिलने पर अवाज उठाने लिए दूसरे भी मंच हैं। लेकिन हमलावरो ने जो अलोकतांत्रिक तरीका अपनाया उससे उनके मिजाज का पता चलता है।
साभार - समाचार ४ मीडिया.कॉम
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