दर्ज था सीएम की सुरक्षा में सेंध लगाने का मामला : न्यायिक मजिस्ट्रेट ने नहीं दी जमानत : रतलाम के सहारा समय के स्ट्रिंगर विजय मीणा और कैमरामैन विक्रांत ठाकुर टोनी को 15 दिन की न्यायिक हिरासत में सैलाना जेल भेज दिया गया है. जेल भेजे जाने का आदेश रतलाम के न्यायिक मजिस्ट्रेट ने सुनाया.इन दोनों सहारा कर्मियों पर पिछले दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सुरक्षा में सेंध लगाने का मामला सैलाना थाने में दर्ज कराया गया था. बैकग्राउंड ये है... रतलाम में शिवराज सिंह "आओ बनायें अपना मध्यप्रदेश" यात्रा पूरी करने के बाद दस अप्रैल की रात ग्राम बेड़दा में रुके थे. जब मुख्यमंत्री सो गए तो उनकी सुरक्षा में लगे संत्री भी सो गए. सीएम के संतरियों का सोना सुरक्षा की भारी चूक थी. इसी सोती सरकार और सोते संतरियों का नजारा सहारा समय के पत्रकार विजय मीणा और उनके कैमरामैन विक्रांत ने अपने कैमरे में कैद कर लिया. इस दौरान मुख्यमंत्री के शयन कक्ष के पीछे तीन सुरक्षा कर्मी रजाई-गद्दे लेकर पूरी तरह नींद के आगोश में थे तो कमरे के आगे बैठा सुरक्षाकर्मी भी पैर पर पैर रखकर सो रहा था.
दोनों पत्रकारों ने लगभग तक़रीबन 22 मिनट तक वीडियो बनाया, लेकिन इसकी भनक सुरक्षाकर्मियों को नहीं लगी. अचानक थोड़ी खटपट हो जाने के बाद एक सुरक्षाकर्मी की नींद खुल गई. और जब उसे लगा कि सबकी नींद कैमरे में कैद हो गई है तो उसने सबको जगा दिया. इसके बाद पगलाए सुरक्षाकर्मियों ने पहले तो मीडियाकर्मियों के कैमरे लूटे और तोड़ दिया. इसके बाद दोनों को इतना पीटा कि वहाँ से दोनों को सीधे आईसीयू पहुँचाना पड़ा. इस घटना के बाद रतलाम के पत्रकारों ने जब हंगामा करना शुरू किया तो मुख्यमंत्री ने घायल मीडियाकर्मियों का हालचाल पूछा, लेकिन उनके एक सुरक्षाकर्मी ने दोनों मीडियाकर्मियों के खिलाफ सैलाना थाना में सीएम की सुरक्षा में सेंध का मामला दर्ज करवा दिया.
इसी मामलें में दोनों पत्रकारों ने जमानत के लिए न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में अर्जी दाखिल की थी, परन्तु मजिस्ट्रेट ने जमानत अर्जी खारिज करते हुए दोनों को जेल भेजने का आदेश दिया। इस संदर्भ में रतलाम के एसपी मयंक जैन ने बी4एम को बताया कि दोनों मीडियाकर्मियों का सीएम की सुरक्षा में सेंध लगाने के मामले में चालान किया गया था, जिन्हें मजिस्ट्रेट के आदेश के बाद जेल भेज दिया गया.
दोनों पत्रकारों ने लगभग तक़रीबन 22 मिनट तक वीडियो बनाया, लेकिन इसकी भनक सुरक्षाकर्मियों को नहीं लगी. अचानक थोड़ी खटपट हो जाने के बाद एक सुरक्षाकर्मी की नींद खुल गई. और जब उसे लगा कि सबकी नींद कैमरे में कैद हो गई है तो उसने सबको जगा दिया. इसके बाद पगलाए सुरक्षाकर्मियों ने पहले तो मीडियाकर्मियों के कैमरे लूटे और तोड़ दिया. इसके बाद दोनों को इतना पीटा कि वहाँ से दोनों को सीधे आईसीयू पहुँचाना पड़ा. इस घटना के बाद रतलाम के पत्रकारों ने जब हंगामा करना शुरू किया तो मुख्यमंत्री ने घायल मीडियाकर्मियों का हालचाल पूछा, लेकिन उनके एक सुरक्षाकर्मी ने दोनों मीडियाकर्मियों के खिलाफ सैलाना थाना में सीएम की सुरक्षा में सेंध का मामला दर्ज करवा दिया.
इसी मामलें में दोनों पत्रकारों ने जमानत के लिए न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में अर्जी दाखिल की थी, परन्तु मजिस्ट्रेट ने जमानत अर्जी खारिज करते हुए दोनों को जेल भेजने का आदेश दिया। इस संदर्भ में रतलाम के एसपी मयंक जैन ने बी4एम को बताया कि दोनों मीडियाकर्मियों का सीएम की सुरक्षा में सेंध लगाने के मामले में चालान किया गया था, जिन्हें मजिस्ट्रेट के आदेश के बाद जेल भेज दिया गया.
साभार - भड़ास ४ मीडिया.कॉम
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