एन रवि, मालिनी पार्थसारथी एवं निर्मला लक्ष्मण के संपादकीय विभाग से इस्तीफे के बीच सिद्धार्थ वरदराजन ने द हिंदू के नए एडिटर का पद सभाल लिया है. तीनों लोगों ने वरदराजन को संपादक बनाए जाने के फैसले के विरोध में ही अपना इस्तीफा दिया था. बोर्ड ने बहुमत के आधार पर सिद्धार्थ वरदराजन को द हिंदू का नया एडिटर बनाया है. फिलहाल वे दिल्ली में स्ट्रेटैजिक एडिटर थे.
सिद्धार्थ ने अपने जर्नलिस्टिक कॅरियर की शुरुआत 1995 में टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार के साथ की थी. सन 2004 में वे टीओआई से इस्तीफा देकर द हिंदू पहुंचे. यहां उन्हें डिप्टी एडिटर बनाया गया. फिलहाल वे एडिटर के रूप में स्ट्रेटेजिक अफेयर्स की जिम्मेदारी निभा रहे थे. लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स और कोलंबिया यूनिवर्सिटी से शिक्षित सिद्धार्थ ने कुछ समय तक न्यूयार्क यूनिवर्सिटी में पढ़ाने का काम भी किया. उसके बाद टाइम्स ऑफ इंडिया से जुड़कर पत्रकार बन गए. वे अब भी कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के जर्नलिज्म डिपार्टमेंट में विजिटिंग प्रोफेसर हैं.
इंटरनेशनल अफेयर्स के जानकार सिद्धार्थ उस समय खासे चर्चा में आए थे जब उनकी गुजरात दंगों पर आधारित पुस्तक 'गुजरात : द मेकिंग ऑफ ए ट्रेजडी' बाजार में आई थी. 2005 में युनाइटेड नेशन्स करेस्पांडेंट एसोसिएन ने इन्हें एलिजाबेथ न्यूफर मेमोरी प्राइज के सिल्वर मेडल से नवाजा था. 2010 में सिद्धार्थ को जर्नलिस्ट ऑफ द ईयर (प्रिंट) का रामनाथ गोयनका अवार्ड प्रदान किया गया था. सिद्धार्थ को नाटो वार कवर करने का भी गौरव हासिल है.
Sabhar:- Bhadas4media.com
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