कांग्रेस को हर पल घेरने में जुटे भाजपाइयों के लिए डूब मरने की बात है. शिक्षकों के साथ कोई भाजपाई मुख्यमंत्री ऐसा बर्ताव करेगा, इस पर भले कोई भरोसा करे या ना करे लेकिन भाजपा को करीब से जानने वाले जानते हैं कि ये भाजपाई बस कुर्सी से दूर रहने पर ही नैतिक होते हैं. कुर्सी मिलते ही इतने परम भ्रष्ट होने लगते हैं कि पूछो नहीं. वो भ्रष्टाचार चाहे पैसा के रूप में हो या जनता पर जोर-जुलुम करने के रूप में हो. भ्रष्टाचार केवल पैसा लेना या देना ही नहीं होता.
भ्रष्टाचार आम जन पर पर जोर-जुल्म करना भी होता है. छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार है. इसके मुखिया हैं रमन सिंह. यहां की भाजपा सरकार नक्सलियों को हौव्वा बता-बना कर पेश करती है ताकि इन नक्सलियों का उन्मूलन करने के नाम पर केंद्र से खूब सारा पैसा लिया जा सके और फिर इसका बंदरबांट किया जा सके. नक्सलियों द्वारा पुलिसवालों पर किए जाने वाले कथित अत्याचार के लिए नकली आंसू निकालने वाली छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार के आंसू तब सूख गए थे जब उसने अपने राज्य के हजारों शिक्षकों को एस्मा में गिरफ्तार कर लिया.
सबको पता है कि छत्तीसगढ़ में बेहतर वेतन की मांग को लेकर एक नवम्बर से शिक्षक हड़ताल पर हैं. हजार से अधिक अनुबंधित शिक्षकों को गिरफ्तार कर राज्य सरकार ने उन पर आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम (एस्मा) लगा दिया है. हड़ताली शिक्षक अपने पद को नियमित शिक्षकों के कॉडर से मिलाने की भी मांग कर रहे हैं. दूसरी राज्य सरकार ने वेतन बढ़ाने एवं नियमित करने की उनकी दो प्रमुख मांगों को मानने से इंकार कर दिया है और प्रशासन से हड़तालियों को जेल भेजने एवं निलम्बित करने को कहा है.
राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने पत्रकारों से कहा, ''यह दबाव की रणनीति है. सरकार उनकी अनावश्यक मांगों के आगे नहीं झुकेगी. यदि वे एक-दो दिन के अंदर हड़ताल खत्म नहीं करेंगे तो मैं उनकी जगह नई भर्ती शुरू करुंगा.'' राजधानी रायपुर में जाने वाले मुख्य मार्गो पर पुलिस चौकसी बढ़ा दी गई है. ''लोकतांत्रिक ढंग से अपनी मांग उठाने वाले शिक्षकों को जेल में रखने पर'' कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार की आलोचना की. कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष नंदकुमार पटेल ने पत्रकारों से कहा कि राज्य सरकार ने पहले उनकी सभी मांगों पर सहमति व्यक्त की थी और अब प्रतिबद्धता को पूरा करने की मांग पर शिक्षकों को जेल में डाला जा रहा है.
छत्तीसगढ़ में विपक्षी कांग्रेस ने दो लाख हड़ताली संविदा शिक्षकों के खिलाफ विशेष वस्तु रखरखाव अधिनियम (एस्मा) लगाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार की आलोचना की है. शिक्षकों ने हड़ताल वापस लेने से इंकार कर दिया था. पार्टी ने एक बयान में बुधवार को कहा, "शिक्षकों के खिलाफ एस्मा लगाना अपमानजनक है. राज्य भर में शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों के खिलाफ सरकार आक्रामक हो गई है." राज्य में लगभग दो लाख संविदा शिक्षक हैं जिनका वेतन 6,000 से 9,000 रुपये के मध्य है. वेतन वृद्धि एवं नियमित किए जाने की मांग को लेकर ये शिक्षक एक नवम्बर से हड़ताल पर हैं. भाजपा सरकार ने शिक्षकों की मांगों को खारिज कर दिया और उनके खिलाफ एस्मा लगा दिया. मुख्यमंत्री रमन सिंह ने प्रशासन से प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करने एवं निलम्बित करने की प्रक्रिया को शुरू करने को कहा था.
सबको पता है कि छत्तीसगढ़ में बेहतर वेतन की मांग को लेकर एक नवम्बर से शिक्षक हड़ताल पर हैं. हजार से अधिक अनुबंधित शिक्षकों को गिरफ्तार कर राज्य सरकार ने उन पर आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम (एस्मा) लगा दिया है. हड़ताली शिक्षक अपने पद को नियमित शिक्षकों के कॉडर से मिलाने की भी मांग कर रहे हैं. दूसरी राज्य सरकार ने वेतन बढ़ाने एवं नियमित करने की उनकी दो प्रमुख मांगों को मानने से इंकार कर दिया है और प्रशासन से हड़तालियों को जेल भेजने एवं निलम्बित करने को कहा है.
राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने पत्रकारों से कहा, ''यह दबाव की रणनीति है. सरकार उनकी अनावश्यक मांगों के आगे नहीं झुकेगी. यदि वे एक-दो दिन के अंदर हड़ताल खत्म नहीं करेंगे तो मैं उनकी जगह नई भर्ती शुरू करुंगा.'' राजधानी रायपुर में जाने वाले मुख्य मार्गो पर पुलिस चौकसी बढ़ा दी गई है. ''लोकतांत्रिक ढंग से अपनी मांग उठाने वाले शिक्षकों को जेल में रखने पर'' कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार की आलोचना की. कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष नंदकुमार पटेल ने पत्रकारों से कहा कि राज्य सरकार ने पहले उनकी सभी मांगों पर सहमति व्यक्त की थी और अब प्रतिबद्धता को पूरा करने की मांग पर शिक्षकों को जेल में डाला जा रहा है.
छत्तीसगढ़ में विपक्षी कांग्रेस ने दो लाख हड़ताली संविदा शिक्षकों के खिलाफ विशेष वस्तु रखरखाव अधिनियम (एस्मा) लगाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार की आलोचना की है. शिक्षकों ने हड़ताल वापस लेने से इंकार कर दिया था. पार्टी ने एक बयान में बुधवार को कहा, "शिक्षकों के खिलाफ एस्मा लगाना अपमानजनक है. राज्य भर में शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों के खिलाफ सरकार आक्रामक हो गई है." राज्य में लगभग दो लाख संविदा शिक्षक हैं जिनका वेतन 6,000 से 9,000 रुपये के मध्य है. वेतन वृद्धि एवं नियमित किए जाने की मांग को लेकर ये शिक्षक एक नवम्बर से हड़ताल पर हैं. भाजपा सरकार ने शिक्षकों की मांगों को खारिज कर दिया और उनके खिलाफ एस्मा लगा दिया. मुख्यमंत्री रमन सिंह ने प्रशासन से प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करने एवं निलम्बित करने की प्रक्रिया को शुरू करने को कहा था.
रायपुर से एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.
Sabhar:- Bhadas4media.com
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