बिना वारंट रविकांत को उठाकर थाने ले जाकर मारपीट की थी और दस हजार रुपये की मांग की थी : पीड़ित ने अफसरों, संस्थाओं को पत्र लिखकर अपने साथ हुई ज्यादती की गुहार की थी : छह माह बीतते बीतते आखिरकार गैंगस्टर लगा ही दिया गाजीपुर पुलिस ने : वरिष्ठ पत्रकार और भड़ास४मीडिया के एडिटर यशवंत सिंह के चचेरे भाई रविकांत सिंह पर गैंगस्टर लगाने के प्रकरण में कुछ नई जानकारियां मिली हैं. रविकांत सिंह के साथ गाजीपुर के नंदगंज थाने की पुलिस ने मई माह में ही मारपीट की थी और दस हजार रुपये की मांग की थी. न देने पर गैंगस्टर लगाने की धमकी दी थी.
इस घटनाक्रम की लिखित जानकारी रविकांत ने स्पीड पोस्ट के जरिए पुलिस अफसरों और मानवाधिकार आयोग आदि को भेज दी थी. पर इस गुहार पर किसी ने कान नहीं दिया. नीचे वह गुहार पत्र प्रकाशित किया जा रहा है. इससे समझा जा सकता है कि उगाही में असफल रहने पर पुलिस किस तरह निर्दोष लोगों पर गैंगस्टर तक लगा देती है.
इस पूरे मामले में सबसे दुर्भाग्यशाली पहलू यह है कि गाजीपुर जिल में जो आईपीएस अफसर डा. मनोज कुमार पुलिस कप्तान के रूप में बैठा है, उसने अपने दिमाग का इस्तेमाल सिर्फ निर्दोषों को फंसाने और उगाही करने की पुलिसिया प्रवृत्ति को बढ़ावा देने में लगा दिया है. खुद को खुदा समझने वाला यह पुलिस अधिकारी हर बात में लोगों को धमकाता फिरता है और वर्दी के रौब में व डंडे के जोर से हर गलत को जायज ठहराने की मानसिकता में रहता है. शायद उस आईपीएस अफसर को यह उम्मीद है कि वह ताउम्र गाजीपुर जिले का पुलिस कप्तान बना रहेगा और इस पद पर रहते हुए अपने खिलाफ उठने वाली हर आवाज को कुचल देगा. नीचे है रविकांत का मई महीने में पुलिस अफसरों को भेजा गया अनुरोध पत्र...
Sabhar
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