नई दिल्ली. सरकार इंटरनेट कंपनियों से नाराज है। सरकार ने सोशल वेबसाइटों और इंटरनेट पर लगाम लगाने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया है। केंद्रीय दूरसंचार और मानव संसाधन एवं विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, फेसबुक और याहू के अधिकारियों की एक बैठक बुलाकर कहा है कि धर्म से जुड़े लोगों, प्रतीकों के अलावा भारत के प्रधानमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष जैसी राजनीतिक हस्तियों के खिलाफ अपमानजनक सामग्री की निगरानी करें। सिब्बल ने यह भी कहा कि निगरानी के लिए सिर्फ तकनीक पर निर्भर न रहें बल्कि इसके लिए लोगों को लगाएं।
लेकिन इंटरनेट कंपनियों के अधिकारियों ने सिब्बल को दिए गए दो टूक जवाब में कहा है कि वे ऐसा नहीं कर सकते हैं क्योंकि भारत में इंटरनेट पर सामग्री की भरमार है और इसे रोकना नामुमकिन है। इंटरनेट कंपनियों ने कहा है कि अगर किसी विशेष मामले में शिकायत की जाएगी तो वे उस पर कार्रवाई करने के लिए तैयार हैं। कंपनियों का यह भी कहना है कि यह तय करना काफी मुश्किल है क्या आपत्तिजनक है और क्या नहीं। गौरतलब है कि भारत में करीब ढाई करोड़ फेसबुक और १० करोड़ लोग गूगल का इस्तेमाल करते हैं।
सूत्र बताते हैं कि इन कंपनियों के जवाब से सिब्बल उखड़ गए। सिब्बल इस बात से भी नाराज हो गए कि अमेरिकी दूतावास के अधिकारी ने इस पूरे मामले में भारतीय रुख पर नाराजगी जाहिर करने के लिए अतिरिक्त सचिव स्तर के अधिकारी को बुला लिया।
मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, 'यह हमें मंजूर नहीं है। दूतावास का इस मामले में कोई काम नहीं है।'
बैठक के दौरान सिब्बल ने कंपनी के अधिकारियों को फेसबुक पर सोनिया गांधी की कुछ आपत्तिजनक तस्वीरें दिखाईं। बैठक के दौरान उन्होंने कहा, 'आप लोग प्रोफेट मोहम्मद, प्रधानमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष की आपत्तिनजक तस्वीरों पर क्या सोचते हैं? इन तस्वीरों को देखकर किसी को भी बुरा लगेगा। भारत सरकार सेंसरशिप में यकीन नहीं रखता है। लेकिन विभिन्न समुदायों की भावनाओं को चोट नहीं लगने दिया जा सकता है। वे (इंटरनेट कंपनी) इन वेबसाइटों को चलाती हैं और उन्हें रेगुलेट करना चाहिए।'
सूत्रों के मुताबिक सिब्बल पिछले तीन महीनों से इस मुद्दे को इंटरनेट कंपनियों के सामने उठाते रहे हैं, लेकिन अभी तक उन्हें कामयाबी नहीं मिली है।
फेसबुक, गूगल और माइक्रोसाफ्ट ने भर दी हरियाणा के छोरों की झोली
लेकिन इंटरनेट कंपनियों के अधिकारियों ने सिब्बल को दिए गए दो टूक जवाब में कहा है कि वे ऐसा नहीं कर सकते हैं क्योंकि भारत में इंटरनेट पर सामग्री की भरमार है और इसे रोकना नामुमकिन है। इंटरनेट कंपनियों ने कहा है कि अगर किसी विशेष मामले में शिकायत की जाएगी तो वे उस पर कार्रवाई करने के लिए तैयार हैं। कंपनियों का यह भी कहना है कि यह तय करना काफी मुश्किल है क्या आपत्तिजनक है और क्या नहीं। गौरतलब है कि भारत में करीब ढाई करोड़ फेसबुक और १० करोड़ लोग गूगल का इस्तेमाल करते हैं।
सूत्र बताते हैं कि इन कंपनियों के जवाब से सिब्बल उखड़ गए। सिब्बल इस बात से भी नाराज हो गए कि अमेरिकी दूतावास के अधिकारी ने इस पूरे मामले में भारतीय रुख पर नाराजगी जाहिर करने के लिए अतिरिक्त सचिव स्तर के अधिकारी को बुला लिया।
मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, 'यह हमें मंजूर नहीं है। दूतावास का इस मामले में कोई काम नहीं है।'
बैठक के दौरान सिब्बल ने कंपनी के अधिकारियों को फेसबुक पर सोनिया गांधी की कुछ आपत्तिजनक तस्वीरें दिखाईं। बैठक के दौरान उन्होंने कहा, 'आप लोग प्रोफेट मोहम्मद, प्रधानमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष की आपत्तिनजक तस्वीरों पर क्या सोचते हैं? इन तस्वीरों को देखकर किसी को भी बुरा लगेगा। भारत सरकार सेंसरशिप में यकीन नहीं रखता है। लेकिन विभिन्न समुदायों की भावनाओं को चोट नहीं लगने दिया जा सकता है। वे (इंटरनेट कंपनी) इन वेबसाइटों को चलाती हैं और उन्हें रेगुलेट करना चाहिए।'
सूत्रों के मुताबिक सिब्बल पिछले तीन महीनों से इस मुद्दे को इंटरनेट कंपनियों के सामने उठाते रहे हैं, लेकिन अभी तक उन्हें कामयाबी नहीं मिली है।
फेसबुक, गूगल और माइक्रोसाफ्ट ने भर दी हरियाणा के छोरों की झोली
Sabhar:- Bhaskar.com
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