झुंझुंनू : राजस्थान के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. कृष्ण बिहारी सहल का रविवार रात सीकर में निधन हो गया। झुंझुनू जिले के पिलानी के रहने वाले डॉ. सहल प्रदेश के ख्यातिनाम साहित्यकारों में माने जाते थे। सहल प्रदेश के कई कॉलेजों में प्राध्यापक व प्राचार्य रहे। साहित्य के क्षेत्र में उन्होंने करीब दो दर्जन से अधिक पुस्तकों की रचना की। वे 1969 से निरन्तर तटस्थ नाम की साहित्यक पत्रिका का संपादन, प्रकाशन कर रहे थे।
सहल मूलत: कहानीकार, आलोचक, कवि, संपादक और लोक साहित्य के मर्मज्ञ विद्वान थे। इनका जन्म 30 जून 1939 को झुंझुंनू जिले के पिलानी कस्बे में हुआ था। वर्तमान में सहल सीकर शहर में पुलिस लाइन के पीछे बलराम नगर में निवास कर रहे थे। रविवार शाम वे स्कूटर से शहर में कहीं जा रहे थे। इसी दौरान जाटिया बाजार में स्कूटर स्लिप होने से नीचे गिर गए और उनके कूल्हे की हड्डी में फ्रेक्चर हो गया।
फिर उन्हें निजी अस्पताल लाया गया, जहां सांस की तकलीफ ज्यादा हो गई। रात करीब सात बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। सोमवार को इनका अंतिम संस्कार सीकर में किया गया। उनकी शवयात्रा में क्षेत्र के काफी लोग सम्मिलित हुये। डॉ. सहल के निधन से साहित्य जगत से जुड़े लोगों में शोक की लहर छा गई। डॉ. सहल के पिता डॉ. कन्हैयालाल सहल ख्यातनाम साहित्यकार थे। पिता की विरासत को डॉ. सहल ने बखूबी आगे बढ़ाया। उनमें जिंदादिली इस कदर थी कि जवान बेटे की मौत के गम को सीने में दबाकर शब्द साधना में रत रहे। डॉ. केबी सहल शेखावाटी के एकमात्र साहित्यकार थे जिन्हें प्रतिष्ठित हूज हू में दो बार स्थान मिला था। झुंझुंनू प्रेस क्लब के पदाधिकारियों व पत्रकारों ने स्व. सहल के निधन पर शोक प्रकट किया है।
राजस्थान से रमेश सर्राफ की रिपोर्ट
Sabhar:- Bhadas4media.com
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