दिल्ली से चलने वाली जो ट्रेनें हापुड़ रुकते हुए जाती हैं, उसमें यात्रा करने वाले लोगों में से ज्यादातर का पाला कभी न कभी 'हापुड़ गैंग' से पड़ा होगा. तीन-चार दर्जन की सदस्य संख्या वाले इस गैंग का काम होता है कि ट्रेन यात्रियों की उनकी सीट से उठाकर बैठना, विरोध करने पर पीटना, बदतमीजी करना, अभद्रता करना, गालियां देना. गैंग के लोग दिल्ली व आसपास नौकरी करते हैं इसलिए ये रोज हापुड़ रुकने वाली ट्रेनों पर बैठकर दिल्ली जाते हैं और शाम के वक्त दिल्ली से हापुड़ पहुंचते हैं. और रोजाना ये लोग कई ट्रेन यात्रियों के साथ जिंदगी में न भूले जाने लायक बुरा व्यवहार करते हैं.
कल इस गैंग की चपेट में एक महिला पत्रकार आ गईं. ईटीवी, लखनऊ में कार्यरत भूमिका राय कल शाम दिल्ली से दिल्ली फैजाबाद एक्सप्रेस के स्लीपर में सवार हुईं. उन्हें हापुड़ गैंग के बारे में आजतक नहीं पता था. गाजियाबाद में अचानक दर्जनों लोग इनकी कोच में घुसे और इनकी सीट पर बैठ गए, सोने लगे. भूमिका ने विरोध किया तो बदतमीजी शुरू, गालियां शुरू, गंदे गंदे कमेंट शुरू. मार डालने की धमकियां दी जाने लगी. अकेली लड़की और दर्जनों गाली देने वाले लोग.
भूमिका ने खुद के साथ हो रही घटना की सूचना भड़ास4मीडिया के एडिटर यशवंत को दी. यशवंत ने लखनऊ में पदस्थ आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को अवगत कराया और तुरंत मदद की अपील की. अमिताभ ने एडीजी वीके जैन को सूचित किया और भूमिका का सीट, कोच, मोबाइल नंबर के बारे में जानकारी दे दी. करीब आधे घंटे के भीतर चार-पांच कांस्टेबल भूमिका के पास पहुंच गए. पुलिस वालों को देखते ही हापुड़ गैंग के सदस्य पिछले दरवाजे से भाग खड़े हुए. एक पकड़ा गया. पुलिस वालों के आ जाने से भूमिका की जान में जान आई. वे सुरक्षित हैं और लखनऊ पहुंच चुकी हैं लेकिन दहशत से उबर नहीं पाई हैं.
भू्मिका ने अपने साथ हो रहे घटनाक्रम की जानकारी ट्रेन में ही फेसबुक पर अपलोड कर दी थी. कई लोगों ने कमेंट करके भूमिका को ढांढस बंधाया और दो महिलाओं, जिसमें एक अभिनेत्री सीमा आजमी हैं, ने हापुड़ गैंग द्वारा अपने साथ किए जा चुके बुरे बर्ताव के बारे में जानकारी कमेंट में दी. भूमिका ने फेसबुक पर जो कुछ लिखा और जो कमेंट आए, वो इस प्रकार हैं....
[B]Bhumika Rai : दिल्ली-फैजाबाद एक्सप्रेस ट्रेन में हूं, लखनऊ जा रही हूं। लगभग हर दो हफ्ते में दिल्ली से लखनऊ और लखनऊ से दिल्ली जाती हूं लेकिन पहली बार डर लग रहा है। डर....क्योंकि गाजियाबाद में जो भीड़ चढ़ी है वो बेहद बेहूदी है। अपर बर्थ पर हूं फिर भी उन्होंने अपना समान फेंक दिया था, बैठने के लिए चढ़ भी गए....मना करने पर चिल्लाने लगे,खुद हटे तो समान रख दिया जिसे अनुरोध के बाद भी नहीं हटाने पर मैने नीचे कर दिया....और अब चारों ओर से सब घूर रहे हैं और कुछ शोहदे फब्तियां भी कस रहे हैं....और कुछ ऐसी गालियां भी जो मेरी समझ से तो परे हैं...और न तो यहां रेलवे पुलिस है और ना ही कोई और...।[/B]
Hiren Sheth : Oh god,
Manish Gupta : dar ke age jit hai
Varsha Anand : b careful....
Aadarsh Rathore : ओह...! अपना ख्याल रखिए... जाने क्यों सफर यहां suffer बन जाता है. मैं हिमाचल प्रदेश से दिल्ली आ रहा हूं, बस में हूं लेकिन बेबस हूं... :(
श्याम कोरी 'उदय' : सफ़र लंबा है तो किसी भी पोलिस नंबर पर जो आपकी जानकारी में है ... डायल कर बता दीजिये ... वे रेलवे पोलिस को सूचित कर देंगे ...
Arun Mishra : I have emailed a complain to Northen Railway Security at Lets hope some action. Be in your seat. Don't react. Let matter cool down. Be confident.
Manish Sachan : Madam thode paise kharch kariye aur 3ac mein chaliye
Deepak Shrivastava : plz careful mam.
Rahisuddin Khan Rihan : allah reham kre!...sahi salamat pahuchkr post karna
Manoj Tripathi भूमिका जी आप टेंशन मत लो। कोई समस्या हो तो 09872900163 पर फोन कर लेना। यह मेरा नंबर है। मैं प्रेस से हूं। रास्ते में लगभग सभी स्टेशनों पर मेरे अखबार के रिपोर्टर हैं। आप बेधड़क होकर अपनी यात्रा करें। उम्मीद है जिंदगी के इस अनुभव से आप आसानी के साथ पार हो जाएंगी।
Fahim Akhtar India : रेलवे पुलिस तो नाम के लिए है आप को अपनी सुरछा खुद ही करनी है
Rahul Mishra : Bhumika G, aajkal girls ko dileri k sath self defence bhi sikhna chahiye..............Aap me himmat hai,mujhe yakeen hai...............
Reetesh Dwivedi : aaj kal aesa ni hi mahilaye bhi apni surcha khud kar sakti hi
Mukesh Bhati : it happens only in india!!
Chetna Bhatia : i also had quite a similar experience in March while travelling by train from rohtak to my home town...i can understand
Seema Azmi : I had gone through this long back. i was traveling with my parents and they did the same thing with me. i had big fight with them. they were so bad, they slapped a man cos he was nt willing to give his seat, hit a woman with a kid and no one come for rescue, no one said a single word to them. it was so bad.
Vikram Adetay : There is no protection , very bad on the part of Rail authorities and GRP, matter most be inquired .
Madan Tiwary : यह समझ में नहीं आता , बाकी सहयात्री क्या करते हैं , ये नपुंसक सिर्फ़ नारेबाजी करने वाले होते हैं क्या ?
Yashwant Singh : भूमिका का फोन आते ही मैंने आईपीएस अमिताभ ठाकुर को सूचित किया और उनहोंने एडीजी वीके जैन तक संदेश पहुंचाया. पंद्रह मिनट के भीतर चार सिपाही भूमिका के पास पहुंच गए थे. सिपाहियों को देखते ही सभी गुंडे दूसरे दरवाजे से भाग निकले.
Sabhar:- Bhadas 4media.com
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