कही पटेल टीवी के नाम पर रामानुज पटेल ठग आपके शहर में तो ठगी का कारोबार तो नहीं कर रहा है | जरा बच के भाई ,कही यह शातिर ठग आपके शहर में नया फर्जी चैनल तो नहीं खोल रहा हो | आखिर यह कौन है रामानुज पटेल ?
पटेल टीवी के नाम से लोगो को चूना लगा कर ठगी करने वाला ठग रामानुज पटेल पहले नॉएडा में रहता था | आज कल कहा रह रहा है इसकी तलाश बहुत लोग कर रहे है |
लोगो को पत्रकार , एडिटर , स्ट्रिन्गेरशिप , डिरेक्टर बनाने के सपने दिखाकर लूटने वाला लुटेरा पहले नॉएडा में पटेल टीवी के नाम से ठगी करता था| भारतीय विद्या भवन से पत्रकरिता का डिप्लोमा कर चुके रामनुज पटेल इतना शातिर है बड़ा बड़ा इन्सान इसके झासे में आ जाता है | आप तस्वीर में देख रहे रामानुज शातिर चोर- ठग देश के बड़े नेता को पत्रिका दे रहा है |
रामानुज से मेरी मुलाकात डेल्ही के साइबर कैफे में हुई ,इस शख्स ने अपना नाम रामानुज पटेल और अपना पता ठिकाना मध्य प्रदेश बताया | बातो बातो में पता चला की मिया जी पत्रकार है आज कल एक पत्रिका पटेल कारवा चला रहे है |
जाति से कुर्मी बताने वाले रामानुज पटेल समय और मौका देख कर अपना नाम और जाति बदल लेता है | नॉएडा के लोग रामानुज गुजर बताता था |
सूत्रों के अनुसार रामानुज एक बार इलेक्शन भी लड़ चूका है | जब मेरी मुलाकात रामानुज हुई थी तो मै हिंदुस्तान तिमेस नॉएडा में कार्यरत था | मुझे थोडा सा बंदा अजीव लगा |
जब इसने कहा गुजरात से टीवी चेंनेल शुरू किया है और पटेल टीवी नाम से डेल्ही में अपना टीवी चेंनेल शुरू करने वाले है |
खैर मै रामानुज को भूल चूका था, एक दिन मेरे फ़ोन की घंटी बज उठी | उधर से आवाज आयी गंगवार जी नमस्कार, मै बोला भाई कौन ? मै रामानुज पटेल बोल रहा हु | नॉएडा में अपना पटेल टीवी का ऑफिस खोल लिया है आप अपने दर्शन तो दे जाये, मै बोला भाई कभी सन्डे टाइम निकाल कर आता हु |
मै टाइम निकाल कर नॉएडा पते पर जा पंहुचा | जहा पर ऑफिस था, वह काफी बड़ी बिल्डिंग थी | मैंने इधर उधर देखा तो सिक्यूरिटी गार्ड से पूछा तो बोला, पटेल जी पहली मंजिल पर है | मेरा नाम रजिस्टर में दर्ज करवाया गया |
एक केबिन में चार कुर्सी पड़ी थी सामने रामानुज पटेल विराजमान थे | एक दो अन्य लोगो से मेरा परिचय करवाया गया | मुझे थोडा सा शक हुआ यह फटीचर आदमी टीवी चेंनेल कैसे खोल सकता है | मैंने भी मजाक में कह दिया भाई मुझे भी नौकरी दे दो ?
रामानुज का चेहरा खिल उठा ,वह बोले आप हिंदुस्तान तिमेस में है मै बोला यार वो नौकरी छूट गयी है | मैंने १० दिन की छुट्टी अपने ऑफिस ली और पटेल टीवी ज्वाइन कर लिया | सोचा चलो देखो आखिर लफड़ा है क्या ?
अब तक ऑफिस में सात फ़ोन लग चुके थे कुछ कुर्सी मेज की संख्या बढ चुकी थी | हर रोज ऑफिस में लोग आते तो कभी रामानुज पटेल नीचे से ऊपर तक पूरी बिल्डिंग घुमाते और चाय पानी पिलाकर विदा कर देते थे |
रामानुज हमें चूतिया समझ रहे था | रामानुज ने कहा गंगवार जी आज लगड़ा डिरेक्टर आने वाला है | जब मेरी मुलाकात ४२० डिरेक्टर हुयी तो पहली नजर में भाप गया , दाल में काला है | लम्बी लम्बी छोड़ने वाला लगड़ा मुझे देख कर खुश हुआ |
दो दिन बाद एक तिवारी जी आ गए और पता चला तिवारी जी भी पटेल टीवी के डिरेक्टर है | मै समझ चुका था | यह सब चोर है जो मीडिया के नाम लोगो को चूतिया बना रहे है और मोटा माल कमाकर भागने वाले है |
एक दिन डेल्ही की ठण्ड में जल्दी ऑफिस पंहुचा तो रामानुज , लगड़ा , तिवारी देख कर सकपका गए, बोले अरे गंगवार जी इतनी जल्दी आ गए | तीनो ऑफिस की बिल्डिंग में गन्दी सी रजाई में लिपटे हुए थे | मै रामानुज पटेल को बोला ,भाई तुम चैनल खोलने की बात करते हो परन्तु कुछ बात हजम नहीं होती है |
आपकी कंपनी का एम् डी ठण्ड से काप रहा है इसके पास पैसे नहीं है कही होटल में जाके ठहर जाये | फिर एक दिन फ़ोन आया और फ़ोन मैंने उठाया ,मैंने जैसे ही हेल्लो कहा तो उधर से माँ की ,बहन की, बीबी की ,बेटी की गलिया सुनाई दे रही थी , मै बोला भाई आखिर क्यों गालिया दे रहे हो ,किसको दे रहे हो | वह बोला अरे साला वो रामानुज और लगड़ा कहा है |
साले हरामी मेरी बुलेरो गाडी किराये पर ले गये | अभी तक नहीं दी है | मै बोला अरे चाचा तुम्हारी बुलेरो तो नीचे ऑफिस में पार्क है | यह लगड़ा साला चोर है अभी जेल से छूटा है पेपर लीक करवाने के चक्कर में जेल गया था | वह रामानुज तो सबसे बड़ा चोर है
पहले भी मध्य प्रदेश से घपला करके भागा है| मै बोला तुमे जब जानकारी थी तो बुलेरो दी क्यों , वह बोला मुझे तो बाद में पता चला यह सब चोर है | एक महीना से गाडी गायब है | अरे इनको नयी गाडी दी थी , गाडी लेते वक़्त बोले थे केवल गुजरात में चलायेगे मगर साले गाडी चलाते चलाते डेल्ही नॉएडा ले गए | मै तो लुट गया | मै बोला भाई रिपोर्ट लिखा दे गाडी चोरी हो गयी है |
भाई थोड़ी देर बाद रामानुज और लगड़ा डिरेक्टर आया तो पूरी कहानी सुना मारी | लगड़ा जोर जोर से हसने लगा और रामानुज मेरी सूरत देख रहा था | अगले दिन रामानुज और लगड़ा अपना सामान लेकर भागने लगे , मै बोला क्या टीवी चैनल शुरू हो गया | रामानुज बोले गंगवार जी अपना ऑफिस बदलना पड़ेगा | कही यह शातिर ठग आपके शहर में तो नहीं जरा होशियार ?
यह लेख साक्षात्कार.कॉम - साक्षात्कार.ओर्ग , साक्षात्कार टीवी.कॉम संपादक सुशील गंगवार ने लिखा है जो पिछले ११ साल से प्रिंट मीडिया , वेब मीडिया , इलेक्ट्रोनिक मीडिया के लिए काम कर रहे है उनसे संपर्क ०९१६७६१८८६६ पर करे |
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