लातेहार : चंदवा पुलिस मनमानी पर उतर आई है। इसका ताजा प्रमाण मंगलवार को देखने को मिला। एक पत्रकार को प्रेस वार्ता के लिए बुला पांच घंटे बिना कारण थाने में बंधक बनाए रखा। थानेदार अखिलेश मंडल कुछ दिनों से लगातार पत्रकार पर कुछ खास खबर नहीं लिखने का दबाव बना रहे थे। पत्रकार निष्पक्ष ढंग से अपना कार्य करता रहा। इससे थानेदार गुस्से में थे और सबक सिखाने को आतुर थे।
मंगलवार को चंदवा में मैट्रिक परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक होने के मामले में मौका मिला तो थानेदार भूल गए अपनी मर्यादा और प्रेस वार्ता के बहाने पत्रकार को थाना बुलाया और पांच घंटे बैठाए रखा। जानकारी मिलने पर अन्य पत्रकारों को हुई तो उन लोगों ने एसपी को मामले की जानकारी दी। उसके बाद पत्रकार थाने से बाहर निकल पाया।
बताया जा रहा है कि चंदवा थानेदार हर समाचार पर अपना विचार देते हैं, और समाचार अपनी मर्जी के अनुसार प्रकाशित करने के लिए पत्रकार पर दबाव बनाते रहे हैं। 23 फरवरी को मैट्रिक की परीक्षा से पहले ही विज्ञान विषय का प्रश्न पत्र लीक हो गया तो थानेदार ने पत्रकार पर समाचार नहीं प्रकाशित करने के लिए दबाव बनाया मगर सभी समाचार पत्रों ने खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया। मगंलवार को गणित विषय का प्रश्नपत्र लीक हो गया तो फिर थानेदार ने पत्रकार पर खबर नहीं प्रकाशित करने के लिए दबाव बनाया और जब थानेदार को पता चला कि खबर कार्यालय भेज दी गई है तो प्रेस वार्ता के बहाने पत्रकार को थाने बुलाकर बैठा लिया।
इस संदर्भ में थाना प्रभारी अखिलेश मंडल का कहना है कि उन्होंने अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए सिर्फ बात करने के लिए थाना बुलाया था। इसमें पांच घंटे बीत गए तो कोई विशेष बात नहीं है। एसपी लातेहार क्रांति कुमार गडिदेशी का कहना है कि प्रश्नपत्र लीक मामले में पत्रकार को पूछताछ के लिए थाने बुलाया गया था। पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया गया। साभार : जागरण
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