बाबा रामदेव समग्रता में विश्वास करते हैं और जब वे मैदान में उतरते हैं तो बाकियों के लिए कोई जगह नहीं छोड़ते. चाहे योग का चमत्कार हो या फिर भ्रष्टाचार वे जिस मैदान में उतरे बाकियों को किनारे कर दिया. उनके इस चमत्कारिक व्यक्तित्व का दर्शन उनके नये अचार व्यापार में भी हो रहा है। गुरूवार को उन्होंने करीब सौ से अधिक खाद्य और सौंदर्य उत्पाद खुदरा बाजार में उतारे हैं और अप्रैल तक पूरे देश में पतंजलि आयुर्वेद द्वारा निर्मित गेहूं का आटा, नवरत्न आटा, नमक, बेसन, कई प्रकार के जूस, रस, फलों का जैम, अचार, चूर्ण आदि समेत सौंदर्य उत्पाद खुले बाजार में उपलब्ध कराने का वादा कर रहे हैं।बाबा रामदेव हमेशा कहते हैं िक उन्होंने देश में योग क्रांति का सूत्रपात किया है. उनके योग के चमत्कारिक परिणाम हुए हैं और उन्होंने लाइलाज बीमारियों को ठीक किया है. यह उनके योग का चमत्कार था. इसके बाद बाबा रामदेव ने भ्रष्टाचार के खिलाफ देशव्यापी मुहिम शुरू की लेकिन दिल्ली के रामलीला मैदान में कांग्रेस ने उनके साथ जो रावणलीला की उसके बाद उन्होंने भ्रष्टाचार मिटाने से ज्यादा व्यापार बढ़ाने पर जोर दे दिया. अब बाबा रामदेव बाजार में अपना अचार लेकर आ गये हैं. जो रामदेव के योग के चमत्कार से अनछुए रह गये हों वे अब उनका अचार खाकर चमत्कार का दर्शन कर सकते हैं.
बाबा रामदेव घोषणा कर रहे हैं कि पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ने बहुराष्ट्रीय कंपनियों का मुकाबला करने के लिए और देश में स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए यह योजना शुरू की है। उन्होंने कहा कि शुक्रवार से दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ में खुले बाजार में पंतजलि आयुर्वेद लिमिटेड के उत्पाद उपलब्ध होंगे और अप्रैल माह तक पूरे देश में ये उत्पाद उपलब्ध होंगे। इसे आप बाबा रामदेव की नायाब मार्केटिंग ही मानिए कि वे अपने फायदे को आपके कायदे से जोड़ देते हैं। जरा सुनिए वे क्या कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि योग, आयुर्वेद के बाद अब देश के एक लाख से अधिक गांवों तक स्वदेशी क्रांति को पहुंचाने का लक्ष्य है। इसके लिए देशभर में 3,000 से अधिक जनसंख्या वाले गांवों में स्वदेशी केंद्र खोले जाएंगे और लघु उद्योगों के उत्पादों को भी बाजार मिलेगा। रामदेव ने यह भी स्पष्ट किया कि पतंजलि आयुर्वेद अपनी दवाओं को खुले बाजार में नहीं ला रहा बल्कि केवल करीब 100 खाद्य और सौंदर्य आदि उत्पादों को खुदरा बाजार में उतारा जा रहा है। रामदेव ने कहा कि जब चीन, अमेरिका और जापान जैसे देश स्वदेशी उत्पादों को बेचकर अपनी अर्थव्यवस्था को स्वावलंबी बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं तो भारत में ऐसा क्यों नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत में स्वदेशी के नाम पर केवल खादी रह गया है। उन्होंने दावा किया कि पतंजलि के स्वदेशी उत्पाद बाजार से 30 से 50 प्रतिशत तक सस्ते होंगे। रामदेव ने बताया कि देशभर में जिला स्तर पर इस काम के लिए करीब 600 वितरकों को नियुक्त किया जा चुका है और किसानों से सीधे उत्पाद खरीदकर बेचने की योजना है जिससे किसानों को फायदा होगा और उत्पाद भी सस्ते होंगे।
बाबा रामदेव के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण ने इस मौके पर कहा कि पंतजलि आयुर्वेद 250 औषधीय उत्पादों समेत करीब 500 उत्पाद बनाता है, जिनमें से करीब 100 खाद्य और सौंदर्य उत्पाद खुले बाजार में उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा कि पतंजलि ने हरिद्वार में बहुत बड़ा खाद्य प्रसंस्करण पार्क बनाया है जहां इन सभी चीजों का उत्पादन होगा। बालकृष्ण ने कहा कि पंचवर्षीय योजना के तहत सरकार की 10 मेगा फूड पार्क बनाने के लक्ष्य के तहत ही पतंजलि हर्बल पार्क हरिद्वार में बनाया गया है। उन्होंने कहा कि इस योजना में सहयोग देने के लिए हम सरकार का आभार व्यक्त करते हैं और बताना चाहते हैं कि बाबा रामदेव ने पार्क की स्थापना के लिए मिली समस्त सरकारी मदद का सदुपयोग किया है और इसका लाभ देश को मिलेगा।
लेकिन ऐसा नहीं है कि उनके व्यापार पर हमें शक हो और बाबा को पता न चले। बाबा रामदेव ने कहा कि कुछ लोग हम पर लाभ कमाकर व्यापार करने का आरोप लगा रहे हैं, हम उन्हें स्पष्ट बताना चाहते हैं कि रामदेव और बालकृष्ण को एक भी रुपये की कामना नहीं है और हमारा उद्देश्य देश में आर्थिक स्वावलंबन लाना है। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह द्वारा खुद को ठग कहे जाने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर रामदेव ने कहा कि जो ठगों को ठिकाना लगाने का काम कर रहा है, उसे महाठग की उपाधि नहीं मिलेगी तो किसे मिलेगी। मैं महात्मा गांधी और अन्य महापुरुषों को आदर्श मानकर देश में स्वदेशी के विकास के लिए काम कर रहा हूं और एक भी रुपया अपने ऐशो-आराम के लिए कमाना मेरा उद्देश्य नहीं है।
Sabhar- Visfot.com
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