सुप्रीम कोर्ट में स्टे आर्डर न मिल पाने से निराश मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष कृपाशंकर सिंह इन अफवाहों के बीच आखिरकार मुंबई में प्रकट हो ही गये कि वे गिरफ्तारी के डर से फरार है. मुंबई से एक एजंसी ने उनके हवाले से खबर जारी की है कि वे फरार नहीं हैं और उनके ऊपर लगाये गये आरोपों के संबंध में वे कानूनी लड़ाई जारी रखेंगे. हालांकि वे अपना दर्द भी नहीं छिपा पाये और कहा कि इन आरोपों की वजह से वे तबाह हो गये हैं और उनका राजनीतिक कैरियर बर्बाद हो गया है.
कृपाशंकर को कष्ट है कि मीडिया उन्हें और उनके परिवार को अनुचित तरीके से निशाना बना रहा है। उनका कहना है कि वह फरार नहीं हैं और न ही फरार होंगे। कृपाशंकर की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनवाई आगे टाल दिये जाने पर इस बात की अफवाहें थीं कि वे फरार हो गये हैं और दिल्ली से अपने पैतृक निवास जौनपुर या फिर झारखण्ड की ओर चले गये हैं।
कृपाशंकर सिंह का कहना है कि, ‘‘मैं दोषी नहीं हूं। मैं फरार नहीं हो रहा हूं। मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं कानून के अनुसार लड़ाई लड़ूंगा।’’ अपने पुत्र नरेंद्र मोहन द्वारा मीडिया की ओर कल अश्लील इशारा करने पर उन्होंने कहा, ‘‘मेरे बेटे ने जो किया वह गलत था और मैं उसकी तरफ से माफी मांगता हूं।’’ महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री ने कहा, ‘‘हालांकि, मीडिया का मेरे और मेरे परिवार को निशाना बनाना भी गलत है।’’
मुंबई के सांता क्रूज इलाके से विधायक सिंह ने कहा, ‘‘जैसा दिखाया जा रहा है, मेरे पास उतनी संपत्ति नहीं है।’’ मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने कल सिंह और उनके परिवार की महानगर स्थित 12 संपत्तियों को कुर्क किया था। यह कदम उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने को लेकर प्राथमिकी दर्ज किए जाने के तीन दिन बाद उठाया गया।
कृपाशंकर कहते हैं कि, ‘‘इन आरोपों ने मेरे राजनैतिक कैरियर को तबाह कर दिया है।’’ सिंह कहते हैं कि सिर्फ जनहित याचिका (इसी के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई है) को उनके खिलाफ आरोप लगाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। उच्चतम न्यायालय ने कल उन्हें भ्रष्टाचार के मामले में कार्रवाई से तत्काल कोई राहत देने से इंकार कर दिया था। अब इस मामले की सुनवाई 13 मार्च को होगी
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