बाबाओं के ढोंग की बाते सुनते ही मेरे मन में क्रोध आता है आखिर करू तो क्या करू ? निर्मल बाबा का डंका जोर जोर से बज रहा है जिसे हर भक्त और पूरा देश सुन रहा है । तंत्र मंत्र वशीकरण के जरिये भक्तो को बस में करने में माहिर बाबाओ की लिस्ट लम्बी है जो तंत्र क्रिया में परिपूर्ण भी नहीं है ।
निर्मल बाबा के बारे में करीव ८ महीने पहले ही बहुत कहने का मन था । जैसा सोचा वैसा ही हुआ । निर्मल बाबा की काली दुनिया का रह्श्य खुल गया । निर्मल बाबा शुरू से ही पूजा पाठ किया करते थे । शुरू में ढंग से मंत्र बोलना भी नहीं आता था । पंडितो की चंडाल चौकड़ी बिठा कर सीखना शुरू किया और किताबो की मदद से बहुत कुछ सीख लिया ।
कारोबार में फलाफ होने के बाद बाबा ने अपनी भक्ति की दूकान डेल्ही में सजानी शुरू की ? शुरू में भाड़े के पंडित से पूजा पाठ करवाते थे और बीच माल खुद हजम कर जाते थे । निर्मल बाबा ने तंत्र मंत्र और वशीकरण क्रिया भी सीख ली , जो भी एक बार निर्मल बाबा से मिलता, वह बाबा का भक्त बन जाता था ।
सम्मोहन क्रिया - तंत्र मंत्र - वशीकरण के बल पर निर्मल जीत नरूला उर्फ़ निर्मल बाबा बन गए । निर्मल बाबा को अपने भक्तो को मुर्ख बना कर माल कमाना शुरू कर दिया । अगर आप किसी को ५ बाते बोलेगो तो उसमे से २ बाते सही ही होगी । किसी का चेहरा पढना बहुत बड़ी बात नहीं है देश में बहुत सारे लोग है जो आपका चेहरा देखते ही बिना कुछ बताये आपके बारे में जानकारी देना शुरू कर देगे । चेहरा पढना बहुत कठिन काम नहीं है ।
निर्मल बाबा बोलते है अगर आप दसबंद देना बंद कर देगे तो आपकी कृपा रुक जाएगी । यह कृपा कैसे रुक जाती है हम बता देते है । तंत्र मंत्र और वशीकरण के जरिये किसी के काम बाधा डाली जा सकती है । निर्मल बाबा के पास अपने भक्तो की लिस्ट रहती है जो मोटा पैसा देता है बाबा का स्टाफ फ़ोन करके दसबंद के नाम पैसा उघाते है और बोलते जो काम आपका चल रहा है वह बाबा की ही कृपा है । अगर भक्त पैसा नहीं देता है बाबा अपने तंत्र मंत्र विद्या के जरिये काम में रूकावट डालने लगते है ।
भक्त घबरा कर समागम में जाता है और उससे २००० रूपये बसूल लिए जाते है जो लोग व्यक्तिगत मीटिंग में जाते है उससे काफी पैसा बसूला जाता है आज कल बाबा ने व्यक्तिगत मिलना बंद कर दिया है ये बिलकुल गलत है वह आज भी मिलते है मगर मिलने का रेट मोटा हो गया है ।
सुशील गंगवार
मीडिया दलाल .कॉम
साक्षात्कार डाट .कॉम
निर्मल बाबा के बारे में करीव ८ महीने पहले ही बहुत कहने का मन था । जैसा सोचा वैसा ही हुआ । निर्मल बाबा की काली दुनिया का रह्श्य खुल गया । निर्मल बाबा शुरू से ही पूजा पाठ किया करते थे । शुरू में ढंग से मंत्र बोलना भी नहीं आता था । पंडितो की चंडाल चौकड़ी बिठा कर सीखना शुरू किया और किताबो की मदद से बहुत कुछ सीख लिया ।
कारोबार में फलाफ होने के बाद बाबा ने अपनी भक्ति की दूकान डेल्ही में सजानी शुरू की ? शुरू में भाड़े के पंडित से पूजा पाठ करवाते थे और बीच माल खुद हजम कर जाते थे । निर्मल बाबा ने तंत्र मंत्र और वशीकरण क्रिया भी सीख ली , जो भी एक बार निर्मल बाबा से मिलता, वह बाबा का भक्त बन जाता था ।
सम्मोहन क्रिया - तंत्र मंत्र - वशीकरण के बल पर निर्मल जीत नरूला उर्फ़ निर्मल बाबा बन गए । निर्मल बाबा को अपने भक्तो को मुर्ख बना कर माल कमाना शुरू कर दिया । अगर आप किसी को ५ बाते बोलेगो तो उसमे से २ बाते सही ही होगी । किसी का चेहरा पढना बहुत बड़ी बात नहीं है देश में बहुत सारे लोग है जो आपका चेहरा देखते ही बिना कुछ बताये आपके बारे में जानकारी देना शुरू कर देगे । चेहरा पढना बहुत कठिन काम नहीं है ।
निर्मल बाबा बोलते है अगर आप दसबंद देना बंद कर देगे तो आपकी कृपा रुक जाएगी । यह कृपा कैसे रुक जाती है हम बता देते है । तंत्र मंत्र और वशीकरण के जरिये किसी के काम बाधा डाली जा सकती है । निर्मल बाबा के पास अपने भक्तो की लिस्ट रहती है जो मोटा पैसा देता है बाबा का स्टाफ फ़ोन करके दसबंद के नाम पैसा उघाते है और बोलते जो काम आपका चल रहा है वह बाबा की ही कृपा है । अगर भक्त पैसा नहीं देता है बाबा अपने तंत्र मंत्र विद्या के जरिये काम में रूकावट डालने लगते है ।
भक्त घबरा कर समागम में जाता है और उससे २००० रूपये बसूल लिए जाते है जो लोग व्यक्तिगत मीटिंग में जाते है उससे काफी पैसा बसूला जाता है आज कल बाबा ने व्यक्तिगत मिलना बंद कर दिया है ये बिलकुल गलत है वह आज भी मिलते है मगर मिलने का रेट मोटा हो गया है ।
सुशील गंगवार
मीडिया दलाल .कॉम
साक्षात्कार डाट .कॉम
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