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प्रसून जोशी, एक्जीक्यूटिव चेयरमैन और सीईओ, मॅक्कन वर्ल्ड ग्रुप इंडिया प्रेसिडेंट, साउथ एशिया
प्रसून जोशी मॅक्कन वर्ल्ड ग्रुप के एक्जीक्यूटिव चेयरमैन व सीईओ हैं। प्रसून कुछ ऐसे चुनिंदा क्रिएटिव डायरेक्टर्स में से हैं जिनके काम को न केवल भारत, बल्कि समूची दुनिया में सराहा जाता है। प्रसून पहले भारतीय क्रिएटिव डायरेक्टर हैं जिन्हें कांस लायंस टाइटैनियम जूरी के लिए आमंत्रित किया गया था। यह एक मात्र लायंस कैटेगरी है जिसमें ऐसे क्रिएटिव प्रोफेशनल को इसमें बुलाया जाता है जिसका ट्रैक रिकॉर्ड शानदार हो। बॉलीवुड में उनकी सफलता से एडवरटाइजिंग के क्षेत्र में उन्हें कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा और वे वर्षों से मॅक्कन का नेतृत्व कर रहे हैं।
एक्सचेंज4मीडिया समूह के साथ बातचीत में जोशी ने मॅक्कन वर्ल्ड ग्रुप ग्लोबल क्रिएटिव लीडरशिप काउंसिल के चेयरपर्सन की भूमिका और इस वर्ष मॅक्कन के कार्य के बारे में विस्तारपूर्वक बातचीत की।
मॅक्कन वर्ल्ड ग्रुप ग्लोबल क्रिएटिव लीडरशिप काउंसिल के चेयरमैन के तौर पर अपने अनुभवों को बतायें?
मॅक्कन वर्ल्डग्रुप के ग्लोबल सीईओ, निक ब्रायन की सोच थी कि पहले जो भी काम एजेंसी ने किये हैं उससे अलग हट कर कुछ नया किया जाए। वे एक ऐसा काउंसिल ऑफ एक्सिलेंस चाहते थे जहां ऐसे लोग हों जिनका ट्रैक रिकॉर्ड शानदार हो। इस तरह से, काउंसिल का चेयरपर्सन होने के नाते मुझे अत्यंत प्रतिभाशाली और कुशल प्रोफेशनलों के साथ काम करने का मौका मिला।
ब्रायन स्वयं काउंसिल में हैं। उन्होंने नेतृत्व करने के लिए मुझ पर विश्वास किया और मैंने पूरी कोशिश के साथ मॅक्केन के भविष्य के निर्माण में अपना योगदान किया। क्रिएटिव काउंसिल का एक मानक है जो सब के साथ मिलकर करने में विश्वास रखता है। काउंसिल क्रिएटिव टीम को गाइड करती है कि वे किस तरह से विभिन्न बाजार में अपना बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। यह सब प्रयास धीरे-धीरे चल रहा है। एक साल में इनके परिणाम नहीं मिलते हैं, बल्कि इसके लिए, कम से कम तीन साल का समय लगता है।
ब्रायन स्वयं काउंसिल में हैं। उन्होंने नेतृत्व करने के लिए मुझ पर विश्वास किया और मैंने पूरी कोशिश के साथ मॅक्केन के भविष्य के निर्माण में अपना योगदान किया। क्रिएटिव काउंसिल का एक मानक है जो सब के साथ मिलकर करने में विश्वास रखता है। काउंसिल क्रिएटिव टीम को गाइड करती है कि वे किस तरह से विभिन्न बाजार में अपना बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। यह सब प्रयास धीरे-धीरे चल रहा है। एक साल में इनके परिणाम नहीं मिलते हैं, बल्कि इसके लिए, कम से कम तीन साल का समय लगता है।
व्यक्तिगत तौर पर मेरे लिए यह बेहद शानदार अनुभव है। कवि, साहित्य और संगीत के क्षेत्र का व्यक्ति होने के नाते मुझे इस भूमिका में काफी मदद मिलती है। मैं, विश्व भर के साहित्य का अध्ययन करता हूं। इसके अलावा, मैं संगीत भी काफी सुनता हूं। इसके अलावा, कांस लायंस जूरी के चेयरमैन के तौर पर, आपको विभिन्न मार्केट के क्रिएटिव डायरेक्टर और एडफेस्ट के साथ काम करना होता है। इससे मुझे कोई भय नहीं होता है कि मैं कई संस्कृतियों के साथ डील कर रहा हूं। मैं बहुत सहज महसूस करता हूं और इसका आनंद लेता हूं।
दो वर्ष के बाद, मॅक्कन के कोई और क्रिएटिव हेड की भूमिका में आ जाएगा। क्या यह सही है?
वास्तव में, हम हर वर्ष इसकी समीक्षा करते हैं और इसी तरह से इसका डिजाइन किया गया है। मैं कंपनी का एक सैनिक हूं, मेरा मानना है कि मॅक्कन एक यूनिट के तौर पर अच्छा कार्य करे और मैं मॅक्कन की अच्छाई के लिए कार्य करता हूं। मेरा व्यक्तिगत प्रयास, सामूहिक प्रयास में मददगार साबित होता है। मैंने पहले साल इसकी जिम्मेदारी ली क्योंकि कंपनी ऐसा चाहती थी। कंपनी अगर चाहेगी कि काउंसिल किसी अन्य की दृष्टि से लाभ कमाए, इसलिए जो भी अच्छा होगा किया जाएगा। और इसी तरह से परिषद कार्य करती है।
आप साउथ एशिया का चार्ज संभाल रहे हैं और पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका को हैंडल करते हैं। किस तरह से आप इस भूमिका का निर्वाह करते हैं?
मैं हमेशा से इन मार्केट के लिए किसी ना किसी फॉर्म में परामर्श करता रहता हूं। अब यह आधिकारिक कर दिया गया है कि वे मुझे रिपोर्ट करते हैं। हम पाकिस्तान टीम के साथ बहुत नजदीक से काम करते हैं। श्रीलंका और बांग्लादेश पर कुछ ध्यान देने की जरूरत है और मैं इन क्षेत्रों पर ज्यादा समय देने की योजना बना रहा हूं।
मैं हमेशा से इन मार्केट के लिए किसी ना किसी फॉर्म में परामर्श करता रहता हूं। अब यह आधिकारिक कर दिया गया है कि वे मुझे रिपोर्ट करते हैं। हम पाकिस्तान टीम के साथ बहुत नजदीक से काम करते हैं। श्रीलंका और बांग्लादेश पर कुछ ध्यान देने की जरूरत है और मैं इन क्षेत्रों पर ज्यादा समय देने की योजना बना रहा हूं।
हम पाकिस्तान टीम के साथ कई क्षेत्रों में सहयोग कर रहे हैं। हमने नेस्ले के लिए इंडिया में क्रिएटिव वर्क किया और पाकिस्तान भेज दिया। आपको मालूम होगा कि नियमित तौर पर पाकिस्तान की यात्रा करना मेरे लिए इतना आसान नहीं है। पाकिस्तान में, हमारे साथ मसूद हाशमी कार्य कर रहे हैं जो कंपनी को बहुत ही प्रभावशाली तरीके से चला रहे हैं। हम पाकिस्तान के मार्केट के लिए आक्रामक तौर पर कार्य करना चाहते हैं। यह बहुत कुछ पाकिस्तान की राजनीतिक स्थिति पर निर्भर करता है लेकिन हम लोग आशावान हैं। इस सबके बावजूद पाकिस्तान में बहुत काम करना है।
एक क्रिएटिव व्यक्ति और लेखक के तौर पर मैं हमेशा पाकिस्तान को चाहता हूं। लखनऊ में पले-बढ़े होने के कारण मेरे हृदय में पाकिस्तान के लिए विशेष स्थान है। मैं वहां की काफी कविता पढ़ता रहता हूं और इस तरह से पाकिस्तान के बाजार को समझना मेरे लिए बहुत आसान है।
अब, आपको साउथ एशिया मार्केट की सीधे तौर पर जिम्मेदारी दी गई है, क्या इससे भारतीय कारोबार में आपके दैनिक भागीदारी को प्रभावित करता है?
भारतीय मार्केट को मेरी ज्यादा जरूरत है। मैं ऐसा लीडर हूं जो सभी तरह से खुला हुआ है। कुछ चीजों पर तो मैं बहुत ज्यादा खुला हुआ हूं। कुछ क्लाइंट को लगता है कि मैं उन्हें समय दे सकता हूं और यही कारण है कि वे मेरे पास आते हैं। उनके लिए, मैं पूरी तरह से समर्पित होकर कार्य करता हूं। कुछ क्लाइंट ऐसे हैं जिन्हें टीम खुद से हैंडल कर सकती है और मेरी जरूरत बहुत ही क्रिटिकल मौकों पर होती है। मैं उन नेताओं की तरह नहीं हूं जो एक आईवरी टॉवर पर बैठकर दूरबीन की मदद से अपने राज्य में क्या हो रहा है देखते हैं।
फिर से अवार्ड का सीजन शुरू हो गया है। क्या आप अपनी एजेंसी के लिए कोई अवार्ड टार्गेट सेट कर रहे हैं?
हम आशा करते हैं कि अच्छा करें, लेकिन मैं कोई टार्जेट सेट नहीं करना चाहता और ना ही घोटाले की संस्कृति स्थापित करना चाहता हूं। मैं सक्रिय कार्य के खिलाफ नहीं हूं और जितना समय तक आपकी रणनीति के अनुसार कार्य होता रहता है, आपका क्लाइंट खुश रहता है औऱ यह सही है।
हम आशा करते हैं कि अच्छा करें, लेकिन मैं कोई टार्जेट सेट नहीं करना चाहता और ना ही घोटाले की संस्कृति स्थापित करना चाहता हूं। मैं सक्रिय कार्य के खिलाफ नहीं हूं और जितना समय तक आपकी रणनीति के अनुसार कार्य होता रहता है, आपका क्लाइंट खुश रहता है औऱ यह सही है।
आखिरकार अवार्ड रचनात्मक उत्कृष्टता को बढ़ावा देता है और हमें बेहतर करने को प्रेरित करता है। लेकिन मुझे लगता है कि गलत तरीके से इसे अंजाम नहीं दिया जाना चाहिए। मॅक्कन कभी भी ऐसे लोगों को प्रमोट नहीं करता है जो अपने क्लाइंट के विकास में सहयोग नहीं करते हैं।
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